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Sonbhadra News: बुखार का कहर, एक और मासूम की मौत, नाराज ग्रामीणों का प्रदर्शन, मृतक संख्या 18
Sonbhadra News: सोनभद्र जनपद के म्योरपुर ब्लॉक (Mayorpur Block) के ग्राम पंचायत सिंदूर मकरा (Gram Panchayat Sindoor Makra) (लभरी गाढ़ा) में बुखार (Fever) का कहर जारी है। मकड़ा गांव में मृतकों की संख्या 18 पहुंच गई है।
Sonbhadra News: म्योरपुर ब्लॉक (Mayorpur Block) के ग्राम पंचायत सिंदूर मकरा (Gram Panchayat Sindoor Makra) (लभरी गाढ़ा) में बुखार (Fever) का कहर जारी है। मंगलवार को सूरजमन (6) पुत्र देवप्रकाश गोंड़ ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। इससे जहां मकड़ा गांव में मृतकों की संख्या 18 पहुंच गई है। वहीं लगातार मौतों से सकते में आए स्वास्थ्य महकमे (health department) की टीम ने गांव में डेरा डाल दिया है। सीएमओ डॉ. नेम सिंह (CMO Dr. Nem Singh) भी मंगलवार को देर तक मकरा में बने रहे। वहीं दूसरी तरफ समय रहते बीमारी से बचाव के इंतजाम न किए जाने से नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर भड़ास निकाली।
उधर, दुद्धी एसडीएम रमेश कुमार ने मौतों की वजह और इसके रोकथाम को लेकर बरती गई लापरवाही की विस्तृत रिपोर्ट डीएम टीके शिबू को सौंप दी है। बीमारी का बड़ा कारण प्रदूषित पानी का सेवन सामने आने के बाद, जहां 20 लाख की लागत से चार आरओ प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। वहीं नियमित अंतराल पर यहां स्वास्थ्य टीम के कैंप करने की व्यवस्था के लिए भी संस्तुति की गई है।
मंगलवार को बुखार के चलते दम तोड़ने वाले सूरजमन के पिता देव प्रकाश के मुताबिक, सूरजमल एख सप्ताह से बुखार और खून की कमी से पीड़ित था। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जा रहे थे, तभी उसकी मौत हो गई।
रेफर होने के बाद भी जिला अस्पताल नहीं पहुंच रहे
मौतों के बीच चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है। स्थानीय स्तर से रेफर किए जाने के बाद ही परिवार के लोग मरीज को लेकर जिला अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। सोमवार को जिला अस्पताल (district hospital) के लिए रेफर किये गए पीएफ मलेरिया पीड़ित (malaria victims) दोनों मरीज जिला अस्पताल नहीं पहुंचे। इसके पीछे जहां म्योरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन का तर्क था कि एंबुलेंस घर पहुंचने के बाद भी परिजन मरीज को ले जाने से मना कर दिए। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि जिला अस्पताल जाने पर वहां उनसे इलाज के एवज में रुपया लिया जाता है। रुपये के अभाव में जिला अस्पताल नहीं जा पा रहे हैं।
बीमारी के कारणों पर पर्दा डालने की हो रही कोशिश
मौतों की खबर सामने आने के बाद सक्रिय हुए स्वास्थ्य महकमे ने तीन दिन में 135 बुखार पीड़ितों का ब्लड सैंपल लिया था। उसमें 22 पैल्सीफोरम मलेरिया (palciphorum malaria) (मलेरिया का सबसे खतरनाक स्वरूप) और 39 टायफाइड पीड़ित पाए जाने की बात भी सामने आई थी। वही 18 मौतों में 9 को मलेरिया पीड़ित होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन स्वास्थ्य महकमा अभी भी इन आंकड़ों पर पर्दा डालने में लगा हुआ है।
जल निगम स्वास्थ्य महकमा दोनों ने बरती लापरवाही
मकरा में मौतों के पीछे जल निगम और स्वास्थ्य महकमा दोनों की लापरवाही सामने आई है। बताते हैं कि डीएम को सौंपी रिपोर्ट में इसका विस्तार से जिक्र भी है। एसडीएम रमेश कुमार ने बताया कि जांच में प्रदूषित पेयजल का सेवन बीमारी का बड़ा कारण समझ में आया है। यहां के पानी के टेस्टिंग कर उसके मुताबिक जरूरी पहल की जानी चाहिए थी। वहीं स्वास्थ्य महकमा बारिश के समय से ही जलजनित बीमारियों खासकर मलेरिया पीएफ को लेकर सतर्क रहता तो शायद यह स्थिति नहीं आती। रिपोर्ट पर डीएम के यहां से शुद्ध पेयजल के लिए चार आरओ प्लांट की हरी झंडी दे दी गई है। अन्य भी कई संस्तुतियां की गई हैं।
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