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Sonbhadra News: ऐसे कैसे हर गरीब का घर होगा पक्का, गिट्टी-बालू तीन गुने महंगे, ट्रकों से वसूली लगातार जारी

Sonbhadra News: गिट्टी-बालू तीन गुने से भी अधिक महंगे हो गए हैं परमिट भी महंगा बिकने लगा है, ट्रकों से वसूली भी महज एक सप्ताह में दोगुना से तिगुना पहुंच गई है, ट्रक एसो. की नाराजगी का कोई फर्क नहीं पड़ा है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 30 Oct 2021 12:43 PM GMT
Sonbhadra News: ऐसे कैसे हर गरीब का घर होगा पक्का, गिट्टी-बालू तीन गुने महंगे, ट्रकों से वसूली लगातार जारी
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Sonbhadra News: गिट्टी बालू सस्ता होगा, हर गरीब का घर पक्का होगा.. का नारा देकर 2017 के विधानसभा चुनाव (2017 assembly elections) में सोनभद्र में इतिहास रचने वाली भाजपा को, लगातार बालू गिट्टी की बढ़ती कीमतों (Rising prices of sand) और उसको लेकर जनता के चुभते सवालों के साथ ही, परमिट की कीमत के साथ वसूले जा रहे कथित 'वीआईपी' शुल्क (VIP Shulk) में होती बढ़ोत्तरी ने सांसत में डालना शुरू कर दिया है। ताजा स्थिति यह है कि सरकारी खजाने में जमा होने वाले रॉयल्टी से तिगुनी कीमत से भी अधिक पर परमिट बेचे जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

बता दें कि महज एक सप्ताह के भीतर परमिट की सरकारी दर से दोगुनी वसूली जा रही कीमत, बढ़कर तीन गुना से भी अधिक पहुंचने के मामले ने ट्रक संचालकों और गिट्टी बालू कारोबार से जुड़े लोगों की नींद उड़ा कर रख दी है। इसको लेकर जहां ट्रक आनर्स एसोसिएशन लगातार आवाज उठा रहा है। वहीं अफसरों का कहना है कि जांच के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है।

वसूली की रकम किसकी जेब में जा रही है?

उधर, सत्ता पक्ष के लोगों का कहना है कि सरकार भ्रष्टाचार (Curruption) के खात्मे के लिए दृढ़ संकल्पित है। ऐसी किसी भी शिकायत की पुष्टि होने पर शासन से कड़ी कार्रवाई हो रही है। सवाल उठता है कि आखिर जब सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है सोनभद्र में ली जाने वाली कथित इंट्री और गिट्टी-बालू लोड करने वालों को दी जाने वाली परमिट (एमएम 11) की निर्धारित सरकारी दर से अधिक ली जाने वाली कथित रकम किसकी जेब में जा रही है?


सोनभद्र से रोजाना अच्छी खासी तादाद में बालू-गिट्टी लदी ट्रकों का आवागमन होता है। बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र से जो गिट्टी लोड की जाती है उसके एवज में दी जाने वाली परमिट पर प्रति घन मीटर सरकारी खजाने में 160 रुपये रॉयल्टी जमा की जाती है। सोनांचल ट्रक आनर्स एसोसिएशन का आरोप है कि गत 10 अक्टूबर तक 160 रुपये वाले परमिट का 310 रुपये वसूला जा रहा था। 11 अक्टूबर को वसूली बढ़ाकर 350 कर दी गई। 16 अक्टूबर को यह बढ़कर सीधे 520 पहुंच गयी।

एसोसिएशन के लोगों ने इसके विरोध में अधिकारियों से मिलकर एतराज भी जताया। कुछ दिन पूर्व तक जिले के डीएम रहे अभिषेक सिंह ने इसको लेकर एक जांच भी बैठाई लेकिन न तो जांच का कोई निष्कर्ष निकला, नही परमिट दिए जाने के एवज में बढ़ाकर की जा रही वसूली से ट्रक संचालकों, ट्रांसपोर्टरों, बिल्डिंग मटेरियल कारोबारियों को कोई राहत दी गई।

किसके नाम पर हो रही कथित वीआईपी की वसूली, कब मिलेगी अधिक वसूली से राहत

सपा जिला अध्यक्ष विजय यादव कहते हैं कि जिले में इन दिनों खनिज संपदा की लूट मची हुई है। परमिट की आड़ में वसूली जा रही बड़ी धनराशि तो एक महत्वपूर्ण मसला है ही, बगैर नंबर वाले ट्रकों से बगैर परमिट के गिट्टी बालू का परिवहन कराया जा रहा है। इसके लिए बाकायदे सिस्टम बनाकर रुपए की वसूली की जा रही है। वह खुद भी इसको लेकर ऐतराज जता चुके हैं लेकिन संबंधितों पर कोई फर्क अब तक नहीं पड़ सका है।

वहीं सोनांचल ट्रक आनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल किशोर सिंह कहते हैं वाहन चालकों को अपनी गाड़ी की किस्त निकालना मुश्किल हो गया है। पहले ही परमिट पर प्रति घन मीटर डेढ़ सौ रुपए अधिक लिए जा रहे थे। 16 अक्टूबर से अचानक से परमिट के 160 रुपये के अतिरिक्त 360 रुपये किसके लिए और किसके नाम पर लिए जा रहे हैं? यह समझ में नहीं आ रहा। उन्होंने बताया कि वह इसको लेकर एसोसिएशन के सदस्यों के साथ डीएम और खान अधिकारी से एतराज जता चुके हैं। डीएम के निर्देश पर एडीएम के यहां अपना बयान भी दर्ज करवा चुके हैं बावजूद अब तक कोई राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही।


किसी को नहीं है गलत करने की इजाजत, भ्रष्टाचार के मामले में शासन कर रहा कड़ी कार्रवाई

भाजपा के जिला अध्यक्ष अजीत चौबे (BJP District President Ajit Choubey) कहते हैं परमिट (Permit) के आड़ में वसूली जा रही अधिक धनराशि का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। वह अपने स्तर से इसकी जानकारी करेंगें और उचित माध्यम से शासन को अवगत भी कराएंगे। अधिकारियों से भी इस मसले पर जवाब लिया जाएगा। किसी भी दशा में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को सरकारी दर से अधिक वसूली की इजाजत नहीं दी जा सकती। जहां कहीं भी भ्रष्टाचार की शिकायत मिल रही है, उनकी सरकार कार्रवाई कर रही है। सख्ती के बावजूद अवैध उगाही कैसे हो रही? इस पर उनका कहना था कि अगर ऐसा है तो कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी।

जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी सही स्थिति

जिला खान अधिकारी जेपी दुबे (District Mines Officer JP Dubey) कहते हैं कि जिले में परमिट का कई रेट लागू है। किसी को 160 रुपये किसी को 400 तो किसी को 3000 रुपये भी प्रति घन मीटर रायल्टी अदा करनी है। 520 का रेट कहां से आ गया? इस सवाल पर उनका कहना था कि वह जांच कराने के बाद ही स्थिति स्पष्ट कर पाएंगे। बता दें कि जो आरोप लग रहे हैं वह 160 रुपये के परमिट पर लगाए जा रहे हैं और महंगे परमिट वाले कुछ ही पट्टे हैं। अधिकांश को 160 रुपये की दर से रायल्टी अदा करनी है। वह ट्रक संचालकों का कहना है कि बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में अभी 160 रुपये के दर से ही रॉयल्टी लागू है। बता दें कि अभी कुछ दिन पूर्व ही रेलवे ट्रैक पर बगैर परमिट गिट्टी परिवहन करने के मामले में इसी रेट से तीन करोड़ से अधिक की राजस्व चोरी पकड़ी गई है।

यह है गिट्टी लोड करने का मानक

बताते हैं कि 10 टायर वाले ट्रक पर 11 घन मीटर, 12 टायर वाले ट्रक पर 14 घन मीटर, 14 टायर वाले पर ट्रक पर 18 घनमीटर तक बालू-गिट्टी लोड करने का नियम है। इससे अधिक लोड ओवरलोड ( Overloading) की श्रेणी में आता है।

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Shashi kant gautam

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