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Sonbhadra News : फ्लोरोसिस प्रभावित इलाके में सीएचसी पर नहीं हैं दंत चिकित्सक, बच्चों में भी दिखा दंत फ्लोरोसिस का दायरा

Sonbhadra News : फ्लोरोसिस प्रभावित म्योरपुर और बभनी ब्लॉक मुख्यालय पर स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में दंत चिकित्सकों की तैनाती न होने को लेकर स्वास्थ्य महकमे पर सवाल उठने लगे हैं।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Shraddha
Published on: 9 Dec 2021 5:53 PM IST
फ्लोरोसिस प्रभावित इलाके में सीएचसी पर नहीं हैं दंत चिकित्सक
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फ्लोरोसिस प्रभावित इलाके में सीएचसी पर नहीं हैं दंत चिकित्सक

Sonbhadra News : लगातार मौतों से सुर्खियों में आए सिंदूर मकरा ग्राम पंचायत (Sindoor Makra Gram Panchayat) के पानी में फ्लोराइड, आयरन और नाइट्रेट की अधिकता की आई रिपोर्ट जहां अधिकारियों की नींद उड़ाए हुए है। वहीं फ्लोरोसिस प्रभावित म्योरपुर और बभनी ब्लॉक मुख्यालय पर स्थित स्वास्थ्य केंद्रों (health centers) में दंत चिकित्सकों की तैनाती न होने को लेकर स्वास्थ्य महकमे पर सवाल उठने लगे हैं। ब्लॉक पीएचसी ककराही (Block PHC Kakrahi) और चतरा में भी दंत चिकित्सक की कुर्सी खाली पड़ी है। कुछ स्वास्थ्य केंद्रों पर दो-दो चिकित्सकों की तैनाती तो कुछ पर एक की भी तैनाती न होने पर तरह-तरह की चर्चाएं जारी हैं। यह हालत तब है, जब देश के तीसरे सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र में आने वाली इस एरिया में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती और अत्याधुनिक सुविधा से युक्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करने के कई निर्देश जारी हो चुके हैं।

देश के तीसरे सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र का दर्जा रखने वाले म्योरपुर और बभनी ब्लॉक (Mayorpur and Babhni Block) के कई गांव ऐसे हैं जहां फ्लोराइड की अधिकता से उत्पन्न बीमारी फ्लोरोसिस कहर ढाए हुए है। गंभीरपुर, कुस्महा सहित गांव ऐसे हैं जहां यह बीमारी तीन-तीन पीढ़ी को दिव्यांगता की सौगात बांट रही है। दांतो का टेढ़ापन, पीलापन, मटमैलापन एवं अन्य बीमारी आम बात है। युवाओं के साथ बच्चों में भी दंत फ्लोरोसिस का दायरा बढ़ता जा रहा है। इसको देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड म्योरपुर और बभनी ब्लाक में स्थित चिकित्सा केंद्रों पर दंत चिकित्सकों सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के कई निर्देश जारी कर चुका है। समय-समय पर सौंपी जाने वाली स्टेटस रिपोर्ट में स्वास्थ्य सुविधा को लेकर ऑल इज ओके की रिपोर्ट भी दी जाती है लेकिन हकीकत कुछ और ही तस्वीर दिखाती है।

कुछ यह है जिले में दंत चिकित्सकों के तैनाती की स्थिति: सूत्र बताते हैं कि डॉ. अमित सीएचसी नगवां, डॉ. अमृत राय घोरावल में तैनात हैं लेकिन डॉ. अमृत राय को जिला अस्पताल में अटैच कर एल-2 के नोडल की ड्यूटी ली जा रही है। सीएचसी मधुपुर में डॉ. खुशबू, संयुक्त चिकित्सालय अनपरा में डॉ. अनीता यादव सेवा दे रही हैं। दुद्धी (डॉ. आलोक और डा. अनीमा यादव) और चोपन (डॉ. नीतू मल और डा. अजय गौतम) में दो-दो चिकित्सकों को तैनात किया गया है। उसमें एक तैनाती स्थाई डाक्टर की है और एक संविदा पर है। फ्लोरोसिस के मामले में पूरे उत्तर प्रदेश में सबसे खराब स्थिति वाले म्योरपुर व बभनी ब्लाक में एक भी चिकित्सक तैनात नहीं है। ब्लॉक पीएचसी केकराही और चतरा भी वर्तमान में दंत चिकित्सक विहीन है। सीएमओ डॉ. नेम सिंह से वार्ता के लिए उनके सीयूजी नंबर पर कॉल की गई तो वह व्यस्त मिले। वहीं अपर सीएमओ डॉ. आरसी यादव ने बताया कि दंत चिकित्सकों की कमी के बाबत शासन को पत्र भेजा गया है। कहीं एक भी नहीं, कहीं दो की तैनाती।

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