TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Sonbhadra News: कौशल विकास योजना में करोड़ों की हेराफेरी, जांच के लिए गठित हुई कमेटी

Sonbhadra News: जनपद सोनभद्र में कौशल विकास योजना में करोड़ों की हेराफेरी सामने आई है, लखनऊ तक गुहार लगाने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला, कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के बाद जांच के लिए कमेटी गठित हुई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 27 Dec 2021 9:44 PM IST
Sonbhadra News: कौशल विकास योजना में करोड़ों की हेराफेरी, जांच के लिए गठित हुई कमेटी
X

Sonbhadra News: सोनभद्र (District Sonbhadra) में केंद्र और राज्य सरकार (central and state government) के सहयोग से संचालित होने वाली 'कौशल विकास योजना' (skill development scheme) में करोड़ों की कथित हेराफेरी का मामला प्रकाश में आया है। ढाई साल से अपनी जमा पूंजी और लाभ की धनराशि पाने की उम्मीद में सेंटर संचालक जिले से लखनऊ तक दौड़ लगा चुके हैं लेकिन कोई राहत नहीं मिली। दावा है कि सेंटर संचालन का जिम्मा देने वाली संस्था को लगभग सात करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। बावजूद किसी भी संचालक को कोई धनराशि नहीं दी गई।

तहसील समाधान दिवस, पुलिस अधीक्षक, मिशन डायरेक्टर कौशल विकास के यहां गुहार लगाने के बाद सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग की। उधर, डीएम के निर्देश पर टीम गठित कर जांच शुरू कर दी गई है।

कौशल विकास योजना में करोडों का घोटाला

बताते हैं कि वर्ष 2018 में जिले में कौशल विकास योजना (skill development scheme) संचालन के लिए ट्रेनिंग पार्टनर के रूप में शासन की तरफ से उद्योग विकास संस्थान का चयन किया गया था। संस्थान के संचालक मंडुआडीह, वाराणसी निवासी अमर कुमार अग्रवाल की तरफ से जिले के सुकृत में एक, दुद्धी क्षेत्र में तीन, सलखन में एक, घोरावल क्षेत्र में दो, राबर्ट्सगंज में एक, करमा क्षेत्र में एक कुल नौ सेंटर संचालन शुरू कराया गया।


कौशल विकास सेंटर संचालक इं. बृजेश कुमार सिंह, मनोज कुमार जायसवाल, पंकज कुमार कुशवाहा, ईश्वर प्रसाद आदि का आरोप है कि सितंबर 2018 से सेंटर का संचालन शुरू कर आ गया। संचालन शुरू कराते वक्त प्रत्येक सेंटर संचालक से सेंटर पर जरूरी व्यवस्था देने के लिए 10-10 लाख रुपए लिए गए। प्रत्येक छात्र चार-चार हजार देने का वायदा भी किया गया।



इसके हिसाब से प्रत्येक बैच की धनराशि साढ़े तीन लाख रुपये तय की गई।

सेंटर संचालकों का कहना है कि प्रत्येक सेंटर पर 2018 से लेकर अब तक 12 से 14 बैच का प्रशिक्षण दिया जा चुका है लेकिन एक भी भुगतान नहीं मिला। बृजेश सिंह ने बताया कि पूर्व में तत्कालीन जिला प्रबंधक कौशल मिशन ने उन्हें डेढ़ लाख का एक पोस्ट डेटेड चेक भी दिया था लेकिन समय नजदीक आते ही उसे यह कहकर कैंसिल करा दिया गया कि आपके खाते में नगद धनराशि भेज दी जाएगी लेकिन कोई धनराशि नहीं भेजी गई।



सेंटर संचालकों का कहना था कि जब वह लोग इस संबंध में जानकारी के लिए लखनऊ मिशन डायरेक्टर कहां पहुंचे तो पता चला कि सेंटर संचालित कराने वाली संस्था को लगभग सात करोड़ रुपए भुगतान किए जा चुके हैं। उसके बाद भुगतान के लिए ऑनलाइन शिकायत कर गुहार लगाई तो यह कह कर उसे निस्तारित कर दिया गया कि शिकायतकर्ता पूर्ण विवरण उपलब्ध कराए। जबकि शिकायत में सारी चीजें उल्लिखित थीं। तब गत चार दिसंबर को तहसील समाधान दिवस में डीएम टीके शिबू से फरियाद लगाई। उन्होंने कार्रवाई का निर्देश दिया लेकिन अभी तक मामला जांच के नाम पर लटका पड़ा है।

सेंटर संचालकों ने डीएम के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा

गत 17 दिसंबर को पुलिस अधीक्षक यहां भी प्रार्थना पत्र दिया लेकिन प्रकरण में किसी कार्रवाई की सूचना सेंटर संचालकों को सोमवार तक नहीं मिल सकी। इससे खफा होकर सभी सेंटर संचालक कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां डीएम के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा। जल्द भुगतान दिलाने तथा हेराफेरी की जांच कर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।


उधर कौशल विकास योजना के जिला प्रबंधक निशांत ओझा (District Manager of Skill Development Scheme Nishant Ojha) ने कहा कि प्रकरण संज्ञान में है डीएम के निर्देश पर जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। जांच कब तक पूरी होगी? के सवाल पर उन्होंने कहा हर सरकारी काम का एक प्रोसेस होता है। उसी तरह से जांच का भी एक प्रोसेस है, जिसकी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। डीएम ने जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। कोशिश है कि जांच शीघ्र पूरी कर ली जाए।


taja khabar aaj ki uttar pradesh 2021, ताजा खबर आज की उत्तर प्रदेश 2021

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story