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Sonbhadra News: मकरा में मासूम सहित दो की मलेरिया से थमी सांसें, मृतकों की संख्या पहुंची 36, 22 नए मरीज
Sonbhadra News: मकरा से सटे पाटी ग्राम पंचायत के बोदरहवां में बुखार पीड़ित सुधारे (32) पुत्र रामलोचन की मौत ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है।
Sonbhadra News: मकरा और आसपास में प्रदूषित पानी (polluted water) और मलेरिया से मौतों (Malaria se maut) का सिलसिला जारी है। रविवार को बुखार के चलते जहां एक और मासूम (रिया 3 वर्ष पुत्री राजेंद्र खरवार निवासी मड़इया, मकरा) की मौत का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया। मौत की वजह बुखार के साथ ही, उसके लिए खून का न मिल पाना बताया जा रहा है।
वहीं मकरा से सटे पाटी ग्राम पंचायत (gram punchayat) के बोदरहवां में बुखार पीड़ित सुधारे (32) पुत्र रामलोचन की मौत ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। उधर, गांव में साफ-सफाई के प्रति लापरवाही बरतने वाले तथा यहां के स्थिति की सूचना अधिकारियों को ना देने के लिए सेक्रेटरी (ग्राम पंचायत विकास अधिकारी) को आरोप पत्र (aarop patra) जारी किया गया है। दोपहर बाद मकरा (Makara) पहुंचे समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड़ (Sanjeev Gond) ने भी ग्रामीणों से बातचीत कर जरूरी जानकारी हासिल की और संबंधों को पीड़ितों के इलाज और ग्रामीणों के बुनियादी जरूरत की पूर्ति के लिए जरूरी निर्देश दिया।
वर्ष 2011 में मकरा ग्राम पंचायत के लभरीगाढ़ में बुखार के चलते कई मासूमों की मौत का मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बना था। शासन, मानवाधिकार आयोग, बाल संरक्षण आयोग की तरफ से कई निर्देश भी जारी किए गए थे। बावजूद मामला ठंडा पड़ते ही जिम्मेदारों ने वहां से मुंह मोड़ लिया। परिणाम यह हुआ कि 10 साल बाद एक बार फिर से मकरा में प्रदूषित पानी और मलेरिया मौत का कहर बरपा रहा है। अब तक यहां 35 की मौत (35 ki maut) हो चुकी है जिसमें ज्यादातर संख्या मासूमों की है।
म्योरपुर सीएचसी से जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया था
ग्रामीणों के मुताबिक रिया (3) को बुखार से पीड़ित होने पर म्योरपुर सीएचसी से जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया था। शरीर में खून की कमी होने के कारण चिकित्सकों ने खून की मांग की। परिवार वाले इसकी व्यवस्था नहीं कर पाए। इस पर उन्हें जवाब दे दिया गया। इसके बाद परिवार वाले उसे लेकर घर जाने लगे। रास्ते में तबियत ज्यादा खराब हो गई तो उसे उसके ननिहाल ओबरा क्षेत्र के खैरटिया ले गए, जहां उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद परिवार के लोग उसका शव लेकर मकरा पहुंचे। शनिवार की शाम उसका अंतिम संस्कार किया गया। वहीं शनिवार को की गई ब्लड टेस्टिंग रिपोर्ट के मुताबिक मकरा में 22 नए मलेरिया के मरीज सामने आए हैं। हेल्थ कैंप के जरिए उनका उपचार किया जा रहा है।
उधर मलेरिया नियंत्रण में रोकथाम के प्रति लापरवाही बरतने वाले मलेरिया निरीक्षक प्रवीण कुमार सिंह को म्योरपुर ब्लॉक से हटाने के बाद, मकरा के सेक्रेटरी पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सेल फोन पर हुई वार्ता में डीपीआरओ विशाल सिंह (DPRO Vishal Singh) ने बताया कि आरोप पत्र दे दिया गया है। जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
स्वास्थ्य महकमे के लोग होते संजीदा तो रिया की नहीं जाती जान
मलेरिया के रोकथाम में बरती गई लापरवाही जहां लगातार जान ले रही है। वहीं स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार मरीजों को म्योरपुर से जिला अस्पताल के लिए रेफर कर अपनी ड्यूटी पूरी कर ले रहे हैं। जिस रिया की मौत की प्रमुख वजह खून ना मिलना बताया जा रहा है। अगर उसको लेकर स्वास्थ्य महकमे के लोग जरा भी संजीदगी दिखाए होते तो जिले में सक्रिय स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ ही कई रक्तदाता आगे आ गए होते। ..शायद रिया की जान भी बच गई होती। ... लेकिन ऐसा नहीं किया गया और खून के अभाव में एक मासूम को असमय अपनी जान गवांनी पड़ी।
लगातार बरती जा रही लापरवाही
अपना दल विधि मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट अभिषेक चौबे का कहना है कि मकरा में लगातार मौतों के बाद भी संबंधित संजीदगी भरा रवैया नहीं अपना रहे हैं। लगातार लापरवाही बरतने की बात करते हुए उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र भी भेजा है। उसमें प्रदूषित पानी और मलेरिया के रोकथाम में बरती जा रही लापरवाही को लेकर भी कई सवाल उठाए हैं और जिम्मेदारों की जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
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