Sonbhadra News: विक्षिप्त युवती के साथ किया था दुष्कर्म, मिली 10 वर्ष की कैद

Sonbhadra News : न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-3 निहारिका चौहान की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी बद्रीनाथ को 10 वर्ष की कैद और 24 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Shraddha
Published on: 29 Nov 2021 1:56 PM GMT
विक्षिप्त युवती के साथ किया था दुष्कर्म
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विक्षिप्त युवती के साथ किया था दुष्कर्म (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

Sonbhadra News : साढ़े चार वर्ष पूर्व आंशिक विक्षिप्त युवती (vikshipt yuvti rape) के साथ दुष्कर्म और इसके चलते युवती के गर्भवती होने के मामले में दोषी को दस वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-3 निहारिका चौहान की अदालत (Niharika Chauhan Court) ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी बद्रीनाथ को 10 वर्ष की कैद और 24 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। पीड़िता को अर्थदंड की आधी धनराशि दी जाएगी।

अभियोजन कथानक के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र (Kon police station area) के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 8 अप्रैल 2017 को थाने में तहरीर दी। उसमें आरोप लगाया कि उसकी आंशिक रूप से विक्षिप्त बेटी का अचानक पेट बढ़ने लगा। जब उसकी मां ने जांच किया तो पता चला कि 4-5 माह का गर्भ था। कोन थाना क्षेत्र के नौडीहा गांव निवासी बद्रीनाथ पुत्र रामकेश यादव ने उसकी बेटी को बहला फुसलाकर कई बार दुष्कर्म किया है। इस तहरीर पर पुलिस ने बद्रीनाथ के विरुद्ध दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज किया था। मामले की विवेचना में पर्याप्त सबूत मिलने के बाद विवेचक ने न्यायालय में बद्रीनाथ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी।

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी बद्रीनाथ को 10 वर्ष की कैद और 24 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने पैरवी की।

Sonbhadra : न पोल गड़े न तार.., पहुंच गया हजारों का बिल, ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर जताई नाराजगी

सोनभद्र। डाला क्षेत्र के पतगड़ी टोले में सौभाग्य योजना के तहत कराए गए विद्युतीकरण में न तो पोल गड़े, न तार खिंचे गए। दो साल पहले एक वल्ब जलने के दिए गए सामान के आधार पर हजारों रुपये का बिजली बिल ग्रामीणों के पास पहुंच गया। यहां के ग्रामीणों ने सोमवार को मीटर, तार, बोर्ड और उसके साथ मिले पाइप को साथ विरोध प्रदर्शन किया और भेजे गए बिजली बिल को खारिज करने की मांग की। जमकर नारेबाजी भी की।

ग्रामीण कलावती, रघुनंदन, रामसनेही, बुद्धू, सतवंती, मुखवंती, रामसुभग, पन्नालाल आदि का कहना था कि बिना बिजली कनेक्शन लगे ही हजारों रुपये का बिल थमा दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप था कि अभी तक उनके गांव में बिजली का पोल नही लगा हैं। बिना कनेक्शन के ही कार्यदायी संस्था ने मीटर लगा दिया गया और बिजली विभाग ने हजारों का बिल भेज दिया। कनेक्शन के नाम पर 2018 में ग्रामीणों से आधार कार्ड लेकर एक बल्व जलाने का पूरा सामान थमा दिया गया। तब से अब तक ग्रामीण पोल और तार के इंतजार में लगे हुए हैं। अब तक यहां बिजली नहीं पहुंची लेकिन कलावती, रघुनंदन, रामसनेही, बुद्धू, सतवंती, मुखवंती, रामसुभग, पन्नालाल, पूनम, गुरुदयाल, सूरजलाल, बाल सिंह, लखपतिया, रामदयाल, शकुंतला, राजबली, राजेंद्र प्रसाद के यहां हजारों का बिल पहुंच गया। प्रत्येक माह में लगभग 30 यूनिट बिल की खपत भी हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली का बिल लेकर अधिकारियों के पास पहुंचे तो ओटीएस के लिए बोला जा रहा है।

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