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Sonbhadra News: मनरेगा में बड़ा घोटाला, हवा में बन रही चहारदिवारी, कागज पर बन जा रहे शौचालय
Sonbhadra News: वर्ष 2020-21 में कराए गए/शुरू किए गए कार्यों की सोशल ऑडिट टीमों के जरिए कराई गई जांच/सत्यापन में जिस तरह की गड़बड़ियां और घपले सामने आए हैं।
Sonbhadra News: वर्ष 2007 से वर्ष 2010 के बीच तीन सौ करोड़ के मनरेगा घोटाले (Scam In MNREGA ) को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर चुके सोनभद्र पर जहां अभी सीबीआई जांच का साया बना हुआ है। वहीं मनरेगा से कराए जा रहे कार्यों में गड़बड़ी और घोटाले की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
वर्ष 2020-21 में कराए गए/शुरू किए गए कार्यों की सोशल ऑडिट टीमों (social audit teams) के जरिए कराई गई जांच/सत्यापन में जिस तरह की गड़बड़ियां और घपले सामने आए हैं। उसने अधिकारियों के होश उड़ा दिए हैं। यह स्थिति तब है, जब चुनावी अधिसूचना लगने के कारण पूरे जिले की जांच पूरी होनी अभी बाकी है।
पौधरोपण में घोटाला आया सामने
सोशल ऑडिट टीमों की जांच के दौरान जो तथ्य छनकर सामने आए हैं, उसके मुताबिक चतरा ब्लॉक के बिरधी गांव में वर्ष 2020-21 में आन द रिकार्ड अच्छा-खासा पौधरोपण किया गया लेकिन पौधे किस जगह रोपे गए और वह कहां गए? यह किसी को नहीं मालूम। नगवां ब्लाक के सुअरसोत में नीबू की बागवानी लगाई गई। एक साल व्यतीत भी हो गए लेकिन उसका फल मिलना दूर, पेड़ कहां गए? सोशल ऑडिट टीम खोजती ही रह गई।
नगवा ब्लाक (nagwa block) के दूबेपुर ग्राम पंचायत (Dubeypur Gram Panchayat) में सामग्री पर व्यय 12,16,271 का अभिलेख ही नहीं मिल सका। इसी ब्लॉक के खलियारी ग्राम पंचायत में 2,71,346 का अभिलेख सत्यापन टीम ढूंढती रह गई। चतरा ब्लाक के दुगौलिया में प्राथमिक विद्यालय के बाउंड्री वाल निर्माण का पूरा पैसा निकल गया लेकिन गत नवंबर माह तक कार्य अधूरा ही पड़ा हुआ था। नगवां ब्लॉक के चेरुई में टॉयलेट रूम निर्माण पर 2,96,345 रुपये सामग्री पर व्यय दिखाया गया मिला, लेकिन कार्य किस जगह और कब कराया गया? यह न तो ग्रामीणों को मालूम है, न ही कार्यो का सत्यापन करने पहुंची सोशल ऑडिट टीम को ही मालूम हो पाया। इसी ग्राम पंचायत के राजेंद्र के खाते में भेजे गए 7437 रुपए कहां उड़ गए? इसको लेकर सत्यापन टीम ही अचरज में पड़ गई है।
बाउंड्री वाल निर्माण हुआ नहीं 1,87,793 रुपये व्यय हो गए
इसी ब्लॉक के सिकरवार में सामुदायिक शौचालय निर्माण में 39,195 रुपये मजदूरी पर व्यय हुए हैं लेकिन अभिलेख का पता नहीं है। चतरा ब्लॉक के भुसौलिया में बगैर प्राथमिक विद्यालय की चारदीवारी निर्माण हुए ही 1,87,793 रुपये व्यय हो गए। यहां राजा पइन से जयशंकर देव के खेत तक पक्की नाली मरम्मत पर सामग्री व्यय 2,93,005 का बिल बाउचर गायब मिला। जगदीशपुर में प्राथमिक विद्यालय बाउंड्री वॉल में पुरानी ईंट लगा दी गई। रतहरा, सेहुआं, बिरधी सहित कई ग्राम पंचायतों में कई कार्यों की पत्रावली सोशल ऑडिट टीम को सत्यापन के लिए उपलब्ध नहीं हो पाई।
मस्टररोल भरे बगैर ही मजदूरी भुगतान
इसी तरह अधिकांश ग्राम पंचायतों में या तो जाबकार्ड दुरुस्त नहीं मिले या फिर मस्टररोल भरे बगैर ही मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी गई। रजिस्टर तथा अन्य अभिलेख भी कई जगह अधूरे पाए गए। कई कार्यों का बगैर एमबी कराए ही भुगतान कर दिया गया। बता दें कि उपर्युक्त आंकड़े महज दो ब्लॉकों के सत्यापन में सामने आए हैं। इसके आधार पर शेष ब्लॉकों में क्या स्थिति होगी? यह आसानी से समझा सकता है। उधर, सेलफोन पर हुई वार्ता में उपायुक्त मनरेगा शेषनाग चौहान ने कहा कि रिपोर्ट का अध्ययन कर उसके अनुरूप कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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