×

Sonbhadra News: सात साल बाद अदालत से मिला पीड़िता को न्याय, दोषी को उम्र कैद की सजा

आज पाक्सों अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए दुष्कर्म के दोषी को उम्र कैद व दो लाख रुपए का अर्थ दंड की सजा सुनाई है...

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Deepak Raj
Published on: 17 Aug 2021 5:00 PM GMT
Symbolic pic taken from social media
X
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-सोशल मीडिया)

Sonbhadra News: राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र की एक किशोरी को दुष्कर्म के मामले में सात साल बाद आखिरकार न्याय मिल ही गया। अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने मामले को जघन्य अपराध मानते हुए शैलेंद्र को उम्रकैद और दो लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। मंगलवार को सुनाए गए फैसले में अर्थदंड अदा न करने पर एक साल की अतिरिक्त कारावास का आदेश पारित किया गया है। जेल में बिताई गई अवधि को कुल सजा में समाहित किया जाएगा।

प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-सोशल मीडिया)

पीड़िता को अर्थदंड की धनराशि नियमानुसार अदा करने के निर्देश के साथ ही उसके पुनर्वास के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र से प्रतिकर दिलाने की संस्तुति भी की गई है। अभियोजन कथानक के मुताबिक गत 23 जुलाई 2014 को राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक व्यक्ति ने कोतवाली में आकर तहरीर दी कि उसकी 15 वर्षीय मंदबुद्धि बेटी के साथ राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के तिलौली गांव का रहने वाला शैलेंद्र पुत्र लक्ष्मण दुष्कर्म कर रहा है। 20 जुलाई 2014 की दोपहर 12 बजे उसे रंगे हाथ पकड़ भी लिया गया।

मंदबुद्धि होने का लाभ उठाकर दुष्कर्म किया

इसके बाद उसे जानकारी हुई कि आरोपी के दुष्कर्म के चलते उसकी पुत्री को चार माह का गर्भ भी है। तहरीर में पीड़िता के मंदबुद्धि होने का लाभ उठाकर दुष्कर्म किए जाने का भी आरोप लगाया गया। तहरीर के आधार पर राबर्ट्सगंज कोतवाली में दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश शुरू की गई। पीड़िता के कलमबंद बयान, आरोपी की गिरफ्तारी तथा सबूतों को एकत्रित करने के बाद न्यायालय में मामले की चार्जशीट दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आए तथ्यों, दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए शैलेंद्र को दोषी पाया गया।

पाक्सो एक्ट के तहत हुई कार्रवाई

मंगलवार को इसको लेकर पारित किया गए फैसले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोषी शैलेंद्र को आजीवन कारावासऔर दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की अदायगी न करने की दशा में आजीवन कारावास की अवधि पूरी होने के बाद दोषी को एक साल और कारावास भुगतना पड़ेगा। अर्थदंड अदा किए जाने पर नियमानुसार उक्त धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी।

जेल में बिताई गई अवधि की गणना आजीवन कारावास की सजा में की जाएगी। इसके अलावा पीड़िता के पुनर्वास के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र से प्रतिकर दिलाने की लिए भी अदालत ने संस्तुति की है। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि और सत्य प्रकाश त्रिपाठी एडवोकेट ने दलीलें पेश की। उधर, पुलिस प्रवक्ता ने भी सजा और अर्थदंड की पुष्टि की है। बताया कि थाना राबर्ट्सगंज में धारा 376 भादवि और 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत शैलेंद्र उर्फ पप्पू पुत्र लक्ष्मण निवासी तिलौली, थाना राबर्ट्सगंज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

Deepak Raj

Deepak Raj

Next Story