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Sonbhadra News : छह दिवसीय गुप्तकाशी दर्शन यात्रा पर निकलेगी शिवभक्तों की टोली, तय होगी 622 किमी की दूरी
Sonbhadra News: शिवभक्तों और संतों की टोली सोन नदी त्रिवेणी संगम से बाबा विश्वनाथ तक छह दिवसीय दर्शन यात्रा निकालेगी।
Sonbhadra News: शिवभक्तों और संतों की टोली गुप्तकाशी (सोनभद्र) स्थित सोन नदी त्रिवेणी संगम से काशी स्थित बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) तक छह दिवसीय गुप्तकाशी दर्शन (Guptkashi Darshan) यात्रा निकालेगी। सोमवार की सुबह नौ बजे गोठानी स्थित संगम में स्नान ध्यान और संगम तट पर विराजमान बाबा सोमनाथ के अभिषेक के साथ यात्रा की शुरुआत होगी। इसके जरिए शिवभक्त और संत छह दिन में क्रमवार 42 शिव और शक्ति मंदिरों में दर्शन पूजन करते हुए 622 किमी दूरी तय करेंगे।
21 अगस्त को बाबा विश्वनाथ का सोनभद्र की नदियों और कुंडों से ले जाए गए जल से अभिषेक और वहां स्थित मंदिरों के दर्शन-पूजन के साथ यात्रा का समापन किया जाएगा। इसको लेकर यात्रा के संयोजक गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट की राबर्ट्सगंज में शनिवार की शाम हुई बैठक में तय किए गए रूट को फाइनल टच दिया गया। यात्रा समय से शुरू हो जाए इसकी भी रणनीति बनाई गई। ट्रस्ट के संस्थापक रवि प्रकाश चौबे, यात्रा प्रमुख ओम प्रकाश दूबे, संपादकीय प्रमुख धर्मेंद्र कुमार राजू, पुर्व प्रमुख रमेश मिश्रा, महंथ लक्ष्मी, उमेश मिश्रा, विपिन मिश्रा, रामसेवक, संतोष कुमार दीक्षित आदि ने आयोजन को सफल बनाने की रणनीति पर चर्चा की।
इस रूट से तय होगी पांच दिन में 622 किमी की दूरी
16 अगस्त यानी क्षश्रावण के चौथे सोमवार को सुबह नौ बजे गोठानी स्थित सोन, रेणु और बिजुल नदी के संगम तट पर चंद्रमा ऋषि द्वारा पूजित सोमेश्वर महादेव का दर्शन पूजन कर यात्रा की शुरुआत की जाएगी। यहां के बाद यात्रा हबंसरा माता, अगोरी दुर्ग स्थित मां दुर्गा, ओबरा के सेक्टर तीन स्थित प्राकृतिक भूतेश्वर दरबार गुफा, बाबा भूतनाथ का दर्शन पूजन, सलईबनवा के दुअरा घाटी स्थित अमरगुफा, डाला में अचलेश्वर महादेव का दर्शन-पूजन करते हुए गुप्तकाशी के केंद्र बिंदु ओमकारेश्वर घाटी स्थित महामंगलेश्वरनाथ धाम पहुंचेगी। पहले दिन के यात्रा का पड़ाव भी यहीं डाला जाएगा।
17 अगस्त की सुबह महामंगलेश्वरनाथ और यहां स्थापित दक्षिणमुखी हनुमान का दर्शन-पूजन कर यात्रा प्रारंभ होगी। इसके बाद नाथ संप्रदाय के आदि प्रवर्तक बाबा मत्स्येंद्रनाथ, बाबा बैजनाथ, अमिलाधाम, पिंडारी गुफा में विराजमान गुप्तनाथ महादेव का दर्शन पूजन करते हुए यात्रा कंठा पहाड़ पर विराजमान गौमाता मंदिर पहुंचेगी। यहां दर्शन-पूजन के बाद रात्रि का दूसरा पड़ाव डाला जाएगा।
18 अगस्त की सुबह गौमाता मंदिर से यात्रा प्रारंभ होगी । चिचलिक में कुठिलवामुनी आश्रम स्थित महादेव दर्शन, सोमा गांव में धरती माता मंदिर, रामपुर में गुप्तगंगा शिव मंदिर, पटना में घाघर तट पर विराजमान ऋणमुक्तेश्वरनाथ, सिलथम में सात तालाबों के बीच स्थित सतपोखरिया महादेव, किरहुलिया स्थित महादेव, कर्मनाशा नदी तट स्थित नलराजा महादेव के दर्शन पूजन के बाद दिवानीचुआं गंगोत्री कुंड पर विराजमान झारखंडे महादेव का दर्शन पूजन कर वहीं रात्रि विश्राम किया जाएगा।
चौथे दिन 19 अगस्त की सुबह गंगोत्री कुडं से यात्रा निकलकर छिपाताली स्थित केदारेश्वरनाथ, सेमरिया स्थित मातेश्वर महादेव, बिछियां में सातवीं शताब्दी के बने पंचरथ शैली मंदिर में स्थापित शिवलिंग, बघैला स्थित बाघेश्वरनाथ, शिवाला गांव में बेलन नदी तट पर विराजमान सिद्धेश्वरनाथ, मऊकला में सहस्त्रमुखी शिवलिंग, विजयगढ़ दुर्ग स्थित यक्ष रामसरोवर, सिद्ध विनायक गणेश, काली मां का दर्शन पूजन कर यहीं रात्रि विश्राम किया जाएगा।
पांचवें दिन 20 अगस्त को विजयगढ़ दुर्ग से यात्रा निकलकर रौप स्थित श पंचमुखी महादेव, मारकुंडी स्थित मारकंडेय ऋषि की तपस्थली, बघुआरी स्थित गणगौरा महादेव, बहुआर में कंडाकोट स्थित गिरिजाशंकर, गौरीशंकर, शिवद्वार में विराजित उमा महेश्वर का दर्शन-पूजन कर शिवद्वार में आखिरी पड़ाव डाला जाएगा।
इसके बाद 21 अगस्त को शिवद्वार धाम से यात्रा निकलकर मुगलमारा गुफा मंदिर, जल कुडं दर्शन पूजन, बरैला महादेव, सोनभद्र (राबर्ट्सगंज) नगर स्थित शीतला माता मंदिर, दंडईत बाबा मंदिर पहुंचेगी। यहां दर्शन-पूजन के बाद यात्रा काशी के लिए प्रस्थान कर जाएगी। रास्ते में सुकृत स्थित बैजूबाबा मंदिर से होते हुए वाराणसी पहुंचेंगे। मां गंगा में स्नान, दर्शन-पूजन के बाद सोनभद्र के सोन त्रिवेणी संगम और 11 गुप्त कुंडों के जल से बाबा विश्वनाथ का अभिषेक, मां अन्नपूर्णा, संकटमोचन मंदिर में दर्शन पूजन कर लोक कल्याण की कामना करते हुए यात्रा का समापन करेंगे।