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Sonbhadra News:ऑक्सीजन की व्यवस्था में बड़े घोटाले का अंदेशा, आपत्ति को दरकिनार कर करवाए हस्ताक्षर
कोरोना की दूसरी लहर में एक अफसर पर दबाव देकर, उसकी आपत्ति को दरकिनार करते हुए ऑक्सीजन पाइप लगाने वाली फर्म..
Sonbhadra News: कोरोना की दूसरी लहर में एक अफसर पर दबाव देकर, उसकी आपत्ति को दरकिनार करते हुए ऑक्सीजन पाइप लगाने वाली फर्म एवं एक अन्य फर्म को 50 लाख के भुगतान पर हस्ताक्षर कराए जाने का मामला प्रकाश में आया है। संबंधित अफसर की तरफ से ही डीएम और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र देकर इसका खुलासा किए जाने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न गई है और दूसरे मामलों की तरह इस मामले को भी अंदर खाने मैनेज करने की कोशिश भी शुरू कर दी गई है।
बड़ी गड़बड़ी के अंदेशे की बात सामने आती है
शनिवार को जब संबंधित अफसर का पत्र वायरल हुआ तो अधिकारी इस पर कुछ भी कहने से कतराने लगे। उधर एडी हेल्थ ने मामले को गंभीर माना है और प्रकरण उनके सामने पहुंचने पर जांच कराने की बात कही है। गत फरवरी माह में एनएचएम के चार खातों से 90 लाख रुपए उड़ाए जाने का मामला हो, गोदाम में एक्सपायरी डेट की डीडीटी बोरियां पड़ी होने का मामला हो, ड्यूटी कहीं प्रैक्टिस कहीं का मामला हो, सीएमओ कार्यालय में अगलगी के दौरान एक्सपायरी सामानों का भंडारण पाए जाने का मामला हो। हर बार बड़ी गड़बड़ी के अंदेशे की बात सामने आती है। उच्चाधिकारियों के स्तर से कार्रवाई के निर्देश भी जारी हो चुके हैं। लेकिन कभी सियासतदारों के रसूख की आड़ लेकर तो कभी विभागीय स्तर पर मामला मैनेज होता रहा है। अब एक बार फिर से बड़े घपले के अंदेशे ने स्वास्थ्य महकमे को सुर्खियों में ला दिया है।
हाल ही में जिले से स्थानांतरित होकर गए जिला क्षय रोग अधिकारी और तत्कालीन समय में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी आरसीएच का प्रभार देख रहे डॉ. बीके अग्रवाल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए पत्र और उसकी प्रतिलिपि जिलाधिकारी को भेजते हुए स्पष्ट रूप से अंकित किया है कि नोट सीट पर उनके द्वारा आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दबाव बनाकर ऑक्सीजन पाइप लाइन लगाने वाली फर्म और एक अन्य फर्म को 50 लाख भुगतान के एडवाइस पर गत 26 जून की रात हस्ताक्षर करवा लिया। जिला लेखा प्रबंधक, जिला डाटा कम लेखा सहायक से भी दबाव बनाकर हस्ताक्षर करवाया गया। --
12 दिन तक दबाए रखा गया आरसीएच का प्रभार हटाने का आदेशः
डॉ. बीके अग्रवाल द्वारा सीएमओ को दिए गए पत्र पर गौर करें तो उनसे अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच का प्रभार हटाए जाने संबंधी पत्र 12 दिन तक दबाए रखा गया। पत्र में उन्होंने कहा है कि संदर्भित पत्र 24 जून 2021 की तिथि में जारी किया गया। जबकि आदेश छह जुलाई 2021 की रात 7:30 सीएमओ आवास पर बुलाकर दिया गया। 50 लाख के भुगतान पर दवाब देकर हस्ताक्षर कराने की मंशा से ही उक्त पत्र 12 दिन तक दबाए जाने का आरोप लगाया है। वहीं आरसीएच का प्रभार हटाए जाने के पीछे विभाग के गलत क्रय प्रणाली और उसपर लगातार असहमति की अभिव्यक्ति को मुख्य कारण होने की बात कही है।
संज्ञान में मामला आते ही कराई जाएगी जांच- एडी हेल्थ
इस संबंध में जब मुख्य अधिकारी नेम सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने खुद को मीटिंग में व्यस्त बताया। एक और अधिकारी से मामला जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने मामला जानते ही इस मसले पर कुछ भी कहने से कन्नी काट ली। वही उपनिदेशक स्वास्थ्य डॉक्टर आरडी पांडेय ने कहा कि अगर नोट सीट पर आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद दबाव देकर 50 लाख के भुगतान पर हस्ताक्षर कराया गया है तो यह गंभीर मसला है। जैसे ही प्रकरण उनके संज्ञान में आता है जांच करा कर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। उधर, आपत्ति दर्ज कराने वाले डॉ बीके अग्रवाल ने सेलफोन पर हुई वार्ता में सीएमओ का पत्र और डीएम को प्रतिलिपि भेजने की पुष्टि की। कहा कि जो भी सच्चाई थी, उसे मैंने उक्त दोनों अधिकारियों के सामने रख दिया है।