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Sonbhadra News: यूरिया की कालाबाजारी जारी, बगैर पहचान पत्र के ही बेच दी जा रही खाद

कुछ उर्वरक दुकानदार ऐसे भी हैं जो यूरिया की कालाबाजारी में लगे हुए हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 31 Aug 2021 4:39 PM GMT
urea black marketing
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खाद गोदाम की जांच करते अधिकारी (फोटो-न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: एक तरफ जहां पूरे जिले में यूरिया के लिए मारामारी मची हुई है। वहीं कुछ जगहों पर दुधमुंहे बच्चों तक को लेकर लाइन में लगने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। बावजूद कुछ उर्वरक दुकानदार ऐसे भी हैं जो यूरिया की कालाबाजारी में लगे हुए हैं। हालात यह है कि किसी को खतौनी के मानक से अधिक तो किसी को बगैर खतौनी के ही यूरिया उपलब्ध करा दी जा रही है। मंगलवार को जिले में चले छापेमारी अभियान के दौरान राबर्ट्सगंज, घोरावल और म्योरपुर ब्लॉक की एक-एक दुकानों पर ऐसी ही गड़बड़ियां पाई गईं। इसे कालाबाजारी का मामला मानते हुए तत्काल प्रभाव से कुल तीन दुकान से संबंधित फर्म को जारी लाइसेंस निलंबित करते हुए उक्त दुकान से उर्वरक के क्रय-विक्रय को प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं कई दुकानदारों को नोटिस भी जारी की गई है।

जिला कृषि अधिकारी डॉ. हरिकृष्ण मिश्र की अगुवाई में चलाए गए छापामारी अभियान में मंगलवार को दुकानों पर उपलब्ध क्राइम विषय से संबंधित अभिलेखों का भी निरीक्षण किया गया। राबर्टसगंज स्थित किसान सेवा केंद्र पर पाया गया कि क्रेता राकेश पाल, सुरेश कुमार, कमलेश कुमार को उनकी खतौनी में अंकित जमीन पर आवश्यकता से काफी अधिक यूरिया प्रदान की गई है। इसी तरह, म्योरपुर ब्लॉक में स्थित नारायण खाद भंडार सांगोबांध पर क्रेता विजय कुमार जायसवाल, अरुण कुमार और हरे मुरारी को खतौनी में अंकित जमीन की आवश्यकता से अधिक यूरिया का विक्रय पकड़ा गया। घोरावल बाजार स्थित विंध्य फ़र्टिलाइज़र पर क्रेता गौरव सिंह वैश्य को खतौनी दूर, बगैर पहचान पत्र के ही कई बोरी यूरिया पकड़ा दी गई।


गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद मंगलवार की शाम तीनों दुकानों के लाइसेंस को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया। जिला कृषि अधिकारी डॉ. हरिकृष्ण मिश्र ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी निजी उर्वरक विक्रय केंद्र और साधन सहकारी समितियों को इस आशय की चेतावनी भी जारी कर दी गई है कि अगर कोई भी विक्रेता खतौनी में अंकित जमीन की आवश्यकता से अधिक या बगैर खतौनी व पहचान पत्र के उर्वरक बिक्री करता पाया जाएगा तो आगे से उसके खिलाफ विभागीय के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी अपनाई जाएगी। मूल्य से अधिक दर पर विक्रय, जमाखोरी, कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम तथा उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।


संगीनों के साए में कराना पड़ रहा है यूरिया का वितरण

जनपद में 42129 हेक्टेअर भूभाग पर धान की खेती की गई है। उसके हिसाब से करीब 9000 मिट्रिक टन यूरिया की जरूरत है। पिछले वर्ष अगस्त तक यह खेप उपलब्ध भी हो गई थी। वहीं इस वर्ष अगस्त माह तक का समय व्यतीत होने के बावजूद अभी तक जिले में 62 सौ मिट्रिक टन के ही आसपास यूरिया उपलब्ध हो पाई है। यही कारण है कि कई साधन सहकारी समितियों पर विवाद की स्थिति देखते हुए संगीनों के साए में यूरिया का वितरण कराना पड़ रहा है। बता दें कि जिले में 78 साधन सहकारी समितियों से उर्वरक का विक्रय किया जाता है। शेष जरूरत की पूर्ति निजी उर्वरक विक्रय केंद्र करते हैं।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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