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Sonbhadra: आदेश के बाद भी किशोरों को नहीं भेजा संप्रेक्षण गृह, कारागार अधीक्षक तलब, DM मिर्जापुर का आदेश निरस्त
Sonbhadra:बगैर किशोर न्याय बोर्ड की अनुमति के मिर्जापुर स्थित संप्रेक्षण गृह से चार नाबालिग आरोपियों को सोनभद्र स्थित जिला कारागार स्थानांतरित किए जाने के आदेश को, प्रधान मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह की अदालत ने निरस्त कर दिया है।
Sonbhadra: बगैर किशोर न्याय बोर्ड की अनुमति के मिर्जापुर स्थित संप्रेक्षण गृह से चार नाबालिग आरोपियों को सोनभद्र स्थित जिला कारागार स्थानांतरित किए जाने के आदेश को, प्रधान मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह की अदालत ने निरस्त कर दिया है। वहीं, आदेश के बाद भी कारागार अधीक्षक गुरमा द्वारा किशोरों की अभिरक्षा न बदलने पर नाराजगी जताई और इसके लिए उन्हें तलब भी कर किया गया है।
न्याय बोर्ड के इस आदेश से जहां कारागार प्रशासन में हड़कंप की स्थिति बन गई है। वहीं, तत्काल प्रभाव से आदेश पर अमल कराते हुए जिला कारागार में रखे गए संबंधित चारों किशोरों को वापस संप्रेक्षण गृह मिर्जापुर भेज दिया गया है।
उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया
एक आपराधिक मामले में जिले के चार किशोर मिर्जापुर के संप्रेक्षण गृह में निरुद्ध किए गए थे। बताते हैं कि वहां के डीएम के आदेश पर चारों किशोरों को सोनभद्र के गुरमा स्थित जिला कारागार ले आया गया। जब यह बात बोर्ड के संज्ञान में आई तो पता चला कि डीएम की तरफ से बगैर बोर्ड की अनुमति/ सहमति के ही आदेश पारित कर दिया गया है।
इसके आधार पर जिला कारागार में निरुद्ध किया गया किशोरों की अभिरक्षा को अवैध मानते हुए जेल अधीक्षक को उक्त किशोरों को वापस संप्रेक्षण गृह मिर्जापुर मे आवासित किए जाने का आदेश दिया गया। सोमवार की शाम बोर्ड के संज्ञान में आया कि उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया है।
इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रधान मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिकों की अवैध अभिरक्षा मानते हुए जेल अधीक्षक कारागार गुरमा को जहां तत्काल तलब कर लिया। वहीं इसके संबंध में जिलाधिकारी मिर्जापुर से किए गए जवाब तलबी का संज्ञान लेते हुए, जिलाधिकारी मिर्जापुर का आदेश निरस्त कर दिया गया।
साथी तत्काल आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए नाबालिक किशोरों को वापस मिर्जापुर संप्रेक्षण गृह भेजवा दिया गया। बताया गया कि आदेश के बावजूद जेल अधीक्षक द्वारा किशोर की अभिरक्षा नहीं बदले जाने के संबंध में स्पष्ट कारण नहीं बताया जाता है तो बोर्ड द्वारा विधिक कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।