Sonbhadra Rape Case: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आया फैसला, साढ़े आठ साल बाद हुई दोषी को 10 वर्ष की कैद

सोनभद्र में दुष्कर्म के 8 साल पुराने मामले में सुनवाई करते हुए शनिवार को अदालत ने दोषी को 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 40 हज़ार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Kaushlendra Pandey
Published on: 26 Feb 2022 3:46 PM GMT (Updated on: 26 Feb 2022 5:33 PM GMT)
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सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

सोनभद्र। साढ़े आठ वर्ष पूर्व नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोस्ती को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सोनभद्र पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। पत्रावली में उपलब्ध सबूतों, गवाहों के बयान और अधिवक्ताओं की दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रामचंद्र केशरी उर्फ रामू केशरी को 10 वर्ष के कैद और 40 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक वर्ष अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए आदेश पारित किया। दोस्ती द्वारा मामले के विचारण के दौरान जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं नाबालिक को बहला-फुसलाकर दुष्कर्म के दोषी के सहयोगी के रूप में आरोपी ठहराए गए पांच आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया।

2013 में दर्ज हुआ था मुकदमा

अभियोजन कथानक के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 22 अप्रैल 2013 को राबर्ट्सगंज कोतवाली में तहरीर दी। उसमें बताया कि उसकी 14 वर्षीय बेटी को बहला फुसलाकर शाहगंज थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी रामचंद्र केशरी उर्फ रामू केशरी पुत्र राजमनी कहीं भगाकर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इस कार्य में राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बिच्छी गांव निवासी शम्भूनाथ केशरी, रामसुमेर केशरी,संतोष केशरी, दिनेश केशरी व शाहगंज थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी सुरेश उर्फ बबलू केशरी का सहयोग है।

10 वर्ष की सजा

इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और मामले की विवेचना के दौरान मिलन सबूतों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान का अवलोकन किया। पत्रावली मून उपलब्ध साक्ष्यों का परिशीलन किया गया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर जहां दोषी रामचंद्र केशरी उर्फ रामू केशरी को 10 वर्ष की कैद और 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

वहीं अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास का आदेश पारित किया गया। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित रहेगी। वहीं अन्य पांच आरोपियों शम्भूनाथ केशरी, संतोष केशरी, दिनेश केशरी, रामसुमेर केशरी, सुरेश उर्फ बबलू केशरी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि और सत्य प्रकाश त्रिपाठी एडवोकेट ने पैरवी की।

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