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Sonbhadra News: मकरा गांव के बाशिंदे पी रहे मौत का पानी, लैब टेस्टिंग हुई पुष्टि

Sonbhadra News: मकरा में 15 मासूमों सहित 36 की मौत राजधानी तक हड़कंप मचाए हुए है। कार्रवाई के नाम पर अब तक, मलेरिया निरीक्षक को म्योरपुर से हटाए जाने के अलावा कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई है।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Shweta
Published on: 1 Dec 2021 5:05 PM IST
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कॉन्सेप्ट फोटो (फोटो साभारः सोशल मीडिया)

Sonbhadra News: प्रदूषित पेयजल और मलेरिया के चलते अब तक हुई 36 मौतों को लेकर सुर्खियों में छाए सेंदूर मकरा ग्राम पंचायत (Makara gram panchayat) का जहरीला पानी लंबे समय से मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बना हुआ है। लैब टेस्टिंग में यहां फ्लोराइड और आयरन की मात्रा मानक से अधिक पाए जाने की पुष्टि तो हुई ही है, नाइट्रेट की मात्रा भी मानक से दोगुने से भी अधिक पाए जाने के बाद हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालात को देखते हुए मकरा में सौर ऊर्जा आधारित रिमूवल प्लांट युक्त पेयजल (pradushan jal ) परियोजना को स्थापित कराने की संस्तुति की गई है।

मकरा में 15 मासूमों सहित 36 की मौत राजधानी तक (makara gaon mein Malaria se maut) हड़कंप मचाए हुए है। कार्रवाई के नाम पर अब तक, मलेरिया निरीक्षक को म्योरपुर से हटाए जाने के अलावा कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई है। अलबत्ता कई मौतों के बाद यहां के पानी की जल निगम के लैब में मंगलवार को कराई गई टेस्टिंग में कई जहरीले रासायनिक तत्वों की मात्रा मानक से अधिक होने के प्रमाण मिले हैं। प्राथमिक पाठशाला मकरा, मदनिया टोला बढ़िया टोला मदैनिया टोला खास स्थित हैंडपंपों से उठाए गए पानी के नमूनों में आयरन की मात्रा मानक प्रति लीटर एक मिलीग्राम (पीपीएम) के मुकाबले 11 मिलीग्राम (10.77) के करीब पाई गई है।

इसी तरह मदैनिया टोला खास से लिए गए नमूने के लैब परीक्षण में फ्लोराइड-आयरन के साथ ही, बड़ों के साथ ही बच्चों के लिए भी बेहद खतरनाक नाइट्रेट की मात्रा मानक 45 पीपीएम से काफी अधिक 105.46 पाई गई है। मकरा खास टोले में भी नाइट्रेट की मात्रा 99.08 तक मिली है। मदैनिया टोला में आयरन के साथ ही फ्लोराइड की अधिकता पाई गई है। कई गंभीर रोगों के मुहाने पर हैं यहां के ग्रामीणः प्रदूषित पानी (Sonbhadra makara gaon main pradushit jal peene se ho rahi maut) से होने वाली बीमारियों के विशेषज्ञ बताते हैं कि फ्लोराइड की अधिकता वाले पानी के सेवन से जहां कंकालीय फ्लोरोसिस (हड्डियों के टेढ़ी-मेढ़ी होने की बीमारी) का खतरा बढ़ जाता है।

वही पीने वाले पानी में आयरन की अधिकता को एनीमिया, यकृत रोग, अल्जाइमर, पार्किसंस, मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का बड़ा कारण माना जाता है छह महीने से कम उम्र के शिशुओं में संभावित रूप से घातक रक्त विकार का कारण माना जाता है। इसी तरह नाइट्रेट को कैंसर के साथ ही मेथेमोग्लोबिनेमिया यानी "ब्लू-बेबी" सिंड्रोम का जनक कहा जाता है। इसमें रक्त के ऑक्सीजन वहन क्षमता में कमी आती है। उधर, सीएमओ डा. नेम सिंह ने भी जल निगम की टेस्टिंग में मकरा का पानी प्रदूषित पाए जाने की पुष्टि की। कहा कि ऐसे पानी के सेवन से फेफड़े में सूजन और प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है। लंबे समय तक सेवन से मृत्यु की भी स्थिति बन सकती है। इसके रोकथाम के लिए हर संभव उपाय अमल में लाए जा रहे हैं।

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