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Sonbhadra News: कार्य बहिष्कार से किसानों की बढ़ी मुश्किलें, तीन माह में महज 54% खरीद

Sonbhadra News: शनिवार को भी क्रय केंद्रों पर तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार जारी रखा, इसके चलते ठंड में केंद्रों पर धान लेकर खड़े किसान बेबस हाल में पड़े रहे।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Monika
Published on: 1 Jan 2022 3:08 PM GMT
boycott of work
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कार्य बहिष्कार से किसानों की बढ़ी मुश्किलें (photo : social media )

Sonbhadra News: क्रय केंद्रों के जरिए हो रही धान खरीद (dhan kharid) को लेकर आए दिन नए प्रयोग और कर्मियों के कार्य बहिष्कार (work boycott) ने जहां अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों (farmers) की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं क्रय केंद्रों पर किसानों की बड़ी कतार के बीच महज लक्ष्य की आधी खरीद हो पाई है। जबकि बाद में बने पीसीयू सेंटरों पर लक्ष्य से अधिक खरीद कर ली गई है। उधर, किसान नेताओं ने खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप (bhrashtachar ka aarop) लगाते हुए डीएम को पत्र भेजा है और जांच की मांग (jaanch ki mang) की है। शनिवार को भी क्रय केंद्रों पर तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार जारी रखा, इसके चलते ठंड में केंद्रों पर धान लेकर खड़े किसान बेबस हाल में पड़े रहे।

कार्य बहिष्कार के बीच खाद्य विपणन विभाग के क्रय केंद्र प्रभारियों ने जिला विपणन विभाग के कार्यालय पर धरना दिया। कहा कि धान खरीद के लिए कभी ऑनलाइन तो कभी ऑफलाइन टोकन की व्यवस्था लागू कर उन्हें संकट में डाला जा रहा है। मांग की गई कि जब तक अधिकारियों कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण न दे, तब तक ऑनलाइन टोकन व्यवस्था को स्थगित रखा जाए। ई-पास मशीनों पर क्रय केंद्र प्रभारियों के अंगूठा लगाने की व्यवस्था समाप्त करने और कोरोना काल देखते हुए फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने की भी मांग उठाई गई।

किसी केंद्र पर नहीं है धान के सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था

कार्य बहिष्कार कर रहे अधिकारियों-कर्मियों का कहना था कि किसी भी केंद्र पर एक बोरा भी धान के सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था नहीं है। केंद्रों पर ही धान भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और जब तक यह व्यवस्था नहीं लागू हो जाती, तब तक राइस मिलरों को भेजे जा रहे धान में आ रही ऑनलाइन बाधा को समाप्त किया जाए।

धान खरीद के आंकड़ों में क्रय एजेंसी फिसड्डी, पीसीयू सेंटर अव्वल

विभाग की तरफ से अब तक की जो धान खरीद दिखाई जा रही है। उसमें लक्ष्य के मुकाबले क्रय एजेंसियां फिसड्डी साबित हुई है। वहीं खरीद बढ़ाने के लिए बनाए गए पीसीयू सेंटर का आंकड़ा लक्ष्य को भी पार कर गया है। जिले में 1,51,500 एमटी धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। उसके मुकाबले खाद्य विभाग के 26 सेंटरों पर 47.53 प्रतिशत, एफपीओ-एफपीसी के दस सेंटरों पर 55.54 प्रतिशत, पीसीएफ के 48 सेंटरों पर 54.98 प्रतिशत, भारतीय खाद्य निगम के एक सेंटर पर 35.03 प्रतिशत धान की खरीद हुई है। यह स्थिति तब है जब क्रय केंद्रों पर धान खरीद के लिए मारामारी मची हुई है। वहीं कई लगभग एक माह से धान लदी ट्राली लेकर सेंटर पर पड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ बाद में बने पीसीयू के 15 सेंटरों पर लक्ष्य के मुकाबले 116.50 प्रतिशत तक धान की खरीदारी हो चुकी है। किसान नेता गिरीश पांडे ने खरीदारी पर सवाल उठाते हुए डीएम से शिकायत की है। उनका कहना है कि एक तरफ किसान धान की बिक्री के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। नंबर आने के बाद भी पीछे धकेल दिया जा रहा है। तीन दिन से कर्मियों का कार्य बहिष्कार खरीदारी रुके हुए हैं। लेकिन स्पीकिंग सेंटर प्यार में तो कहीं बैकडोर से बिचौलियों के जरिए लगातार धान की खरीद हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 30 दिसंबर को कार्य बहिष्कार के बावजूद जो खरीद 72 लाख की शो कर रही थी। वह उसी तिथि में एक करोड़ को पार कर गई है। जांच में कहीं खेल पकड़ न लिया जाए इसके लिए एक 30 दिसंबर और एक जनवरी को बैकडोर से की गई खरीद को 30 दिसंबर में ही जोड़कर ऑनलाइन आंकड़ों का खेल खेला जा रहा है। उधर जिला खाद्य विपणन अधिकारी संजय पांडेय का भी कहना है कि पीसीयू सेंटर बाद में खोले गए हैं, ऐसे में पीसीयू सेंटरों पर किस फार्मूले से तेजी से खरीद हो गई? इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जारी हैं।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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