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Sonbhadra News: किसी को करनी है बेटी की शादी, किसी को भरनी है फीस, टोकन के लिए भी मारामारी

Sonbhadra News: कोरियांव साधन सहकारी समिति पर 20 दिन लाइन लगाने के बाद कोरियांव के किसान लक्ष्मी कांत त्रिपाठी को पुरना स्थित राइस मिल जाकर उन्हें अपने दर पर धान बेचना पड़ा।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Ragini Sinha
Published on: 6 Jan 2022 8:24 PM IST
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Sonbhadra News : किसी को करनी है बेटी की शादी, किसी को भरनी है फीस 

Sonbhadra News : जिले में धान खरीद का बुरा हाल है। एक तरफ जहां किसान हाड़ कपाती ठंड के बीच अपनी बारी के इंतजार में कई-कई दिन क्रय केंद्रों पर गुजारने के लिए मजबूर हैं। वहीं बिचौलियों और मिलरों की चांदी कट रही है। हालत यह है कि किसी किसान को अपनी बेटी की शादी करनी है। किसी को रवि के बुवाई की लागत अदा करनी है तो किसी को बेटे, पोते की फीस भरनी है। मजबूरी में किसानों को औने पौने दाम पर कहीं मिलरों को तो कहीं बिचौलियों को धान बेचना पड़ रहा है। बृहस्पतिवार को भी धान बिक्री को लेकर किसान परेशान रहे। टोकन हासिल करने को लेकर मारामारी मची रही। धान खरीद की स्थिति के बारे में जब कई सेंटरों पर लोगों से मिलकर जानकारी की गई तो जो सच्चाई सामने आई उसने झकझोर कर रख दिया।

11 किलो की अधिकृत कटौती

कोरियांव साधन सहकारी समिति पर 20 दिन लाइन लगाने के बाद कोरियांव के किसान लक्ष्मी कांत त्रिपाठी को पुरना स्थित राइस मिल जाकर उन्हें अपने दर पर धान बेचना पड़ा। उनकी मजबूरियां थी कि उन्हें ट्रैक्टर ट्राली का रोजाना किराया देना पड़ रहा था और उन्हें खाद बीज का बकाया अदा करने के लिए लगातार तगादा का सामना करना पड़ रहा था। त्रिपाठी ने बताया कि क्रय केंद्र के सचिव से उन्होंने गुहार लगाई तो उसने राइस मिल धान ले जाकर उतारने की सलाह दी। सहानुभूति जताते हुए यह भी कहा कि वह वहां धान उतार दें कोई कटौती नहीं होगी लेकिन जब वह वहां थान लेकर पहुंचे तो प्रति कुंतल तीन किलो धान वैसे ही माइनस कर दिया गया। वहीं 11 किलो की अधिकृत कटौती बताते हुए प्रति कुंतल 14 किलो धान की कटौती कर ली गई। पल्लेदारी अलग से वसूली गई। धान का बिक्री दर 16 रुपये तय किया गया। उनके खाते में बिक्री किए गए धान की राशि कब पहुंचेगी? यह मिल मालिक और क्रय केंद्र प्रभारी की कृपा पर निर्भर करेगा। इसी तरह घोरावल क्षेत्र के पनौली गांव निवासी किसान अनिल ने भी कई दिन इंतजार किया लेकिन क्रय केंद्र पर उनका ध्यान नहीं दे पाया। अचानक रुपए की जरूरत पड़ने पर मजबूरी में इलाके के मिल पर ले जाकर धान 14 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचना पड़ा। उनके साथ अन्य कई किसानों ने भी मजबूरी में 14 रुपये प्रति किलो ले जाकर बिल पर धान बेचा।


350 कुंतल धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया

घोरावल क्षेत्र के ही धरसड़ा गांव निवासी पारसनाथ दुबे को पोते इंजीनियर की फीस भरने के लिए अचानक रुपए की जरूरत आ पड़ी। उन्होंने 350 कुंतल धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है। 25 दिन से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। मजबूरी में उन्होंने 25 कुंतल धान क्षेत्र के ही एक बिचौलियों को महज 13 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच दिया। शेष के लिए भी कभी क्रय केंद्र तो कभी मिलरों के यहां चक्कर लगाने में लगे हुए हैं। शिवद्वार इलाके के दूल्हा था निवासी लालता दुबे को भी मजबूरी में गैरों का सहारा लेना पड़ रहा है। उन्हें बेटी की शादी करनी है। महज डेढ़ सौ कुंतल धान उन्हें बेचना था। अब तक धान न बिकने से जहां वह रुपए की जरूरत को लेकर परेशान हैं वहीं अब तक उन्हें धान बिक्री के लिए टोकन ही नहीं जारी हो पाया है। रुपए के अभाव में वह गेहूं-सरसों की खेती नहीं कर पाए और जमीन पटाई पर देनी पड़ गई। बेटी की शादी को देखते हुए अब वह धान की बिक्री के लिए बिचौलियों के यहां चक्कर लगाने को विवश हैं।

आम किसानों का दिन में भी धान उतरना मुश्किल

,बिचौलियों की रात 12 बजे हो रही अनलोडिंगः किसानों का कहना है कि क्रय केंद्रों पर धान बिक्री के लिए पहुंचने पर सुबह 10 बजे आने और शाम पांच बजे के बाद चले जाने की सलाह दी जा रही है लेकिन बिचौलियों को पूरी रात धान उतारने की छूट है। कई केंद्रों पर रात 12 बजे धान उतारा जा रहा है। इसको लेकर संबंधितों से भी गुहार लगाते लगाते किसान थक चुके हैं लेकिन ना तो अधिकारियों की तंद्रा टूट रही है न ही सत्ता पक्ष के ही लोगों को यह नजर आ रहा है। यह स्थिति तब है जब यूपी में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शबाब पर पहुंचने लगी है। -शतप्रतिशत धान की खरीद की जाए सुनिश्चित सान नेता पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच तथा पूर्वांचल नव निर्माण मंच के नेता श्रीकांत त्रिपाठी और गिरीश पांडेय कहते हैं कि सरकार धान खरीद आफलाइन करे या आनलाइन टोकन के माध्यम से लेकिन शतप्रतिशत धान खरीद सुनिश्चित होनी चाहिए। ऐसा न होने के कारण किसानों को बिचौलिए और मिलर्स को औने-पौने दाम पर धान बेचने को विवश होना पड़ रहा है। यदि धान खरीद में तेजी और पारदर्शिता नहीं लाई गई तो किसान ऐसे ही बिचौलियों के दंश का शिकार होते रहेंगे। मामले की कराई जाएगी जांच, होगी कार्रवाई: जिला खाद्य विपणन अधिकारी संजय पांडेय ने कहा कि मिलरों द्वारा 14 किलो प्रति कुंतल कटौती करने का मामला पहली बार उनके संज्ञान में आया है, इसकी जांच कराएंगे। क्रय केंद्र सचिव की भी संलिप्तता मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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Ragini Sinha

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