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UP Election 2022: सोनभद्र में कांग्रेस ने खेला टिकटों का बड़ा दांव, राबर्ट्सगंज विधानसभा सीट से वाराणसी प्रभारी कमलेश को बनाया उम्मीदवार
Sonbhadra News: राबटर्सगंज सीट पर पिछले एक पखवाड़े से टिकट को लेकर बने सस्पेंस को खत्म करते हुए गुरौटी के पूर्व प्रधान तथा कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं वाराणसी जिले के प्रभारी कमलेश ओझा को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है।
Sonbhadra News: सोनभद्र में सभी सीटों पर प्रत्याशियों को घोषित करने की दौड़ में कांग्रेस भाजपा, बसपा से आगे निकल गई है। राबटर्सगंज सीट (Robertsganj seat) पर पिछले एक पखवाड़े से टिकट को लेकर बने सस्पेंस को खत्म करते हुए गुरौटी के पूर्व प्रधान तथा कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं वाराणसी जिले के प्रभारी कमलेश ओझा (In-charge Kamlesh Ojha) को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है।
चर्चाओं और पार्टी के दिग्गजों द्वारा दिए जाने वाले संकेतों से इतर टिकट की घोषणा ने जहां लोगों को चौंका कर रख दिया है। वहीं, कांग्रेस (Congress) की इस घोषणा को विपक्षी दलों के लिए बड़ी चुनौती माना जाने लगा है।
ओबरा से जिलाध्यक्ष रामराज गोंड़ को बनाया उम्मीदवार
जिले में कांग्रेस (Congress) ने सबसे पहले घोरावल क्षेत्र (Ghorawal area) के उभ्भा कांड के बाद चर्चा में आए जिलाध्यक्ष रामराज गोंड़ (District President Ramraj Gond) को ओबरा से उम्मीदवार बनाया था। अभी लोग इसका निहितार्थ निकालने में लगे हुए थे कि घोरावल सीट (Ghorawal Seat) से पार्टी के लोगों द्वारा किए जा रहे आंकलन और हो रही चर्चाओं से इतर बड़हर राजपरिवार की बहू राजेश्वरी सिंह राठौर को उम्मीदवार बनाकर मजबूती से चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए।
दुद्धी में सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड़ (Former Minister Vijay Singh Gond) के राजनीतिक गुरू रहे पूर्व सांसद स्व. रामप्यारे पनिका की पत्नी बसंती पनिका को चुनावी मैदान में उतारकर सीधी चुनौती पेश की।
इसके बाद से ही राबटर्सगंज सीट (Robertsganj seat) पर चैंकाने वाले अंदाज में टिकट की घोषणा होने का अंदाजा लगाया जा रहा था। वहीं हुआ भी, बृहस्पतिवार की दोपहर दो बजे के बाद कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्री मुकुल वासनिक की तरफ से जारी की गई सूची में रामगढ़ क्षेत्र के गुरौटी के दो बार प्रधान रह चुके कमलेश ओझा को राबटर्सगंज विधानसभा सीट (Robertsganj Assembly seat) से उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा कर दी गई।
बता दें कि कमलेश की अपने क्षेत्र में जहां मजबूत राजनीतिक पकड़ बताई जाती है। वहीं वह उस जगह से दो बार प्रधान रह चुके हैं, जिसे विजयगढ़ राजपरिवार के वंशजों का गढ़ माना जाता है।
इस बार बदले-बदले नजर आ रहे कांग्रेस के समीकरण
पिछले कुछ चुनावों से जहां कांग्रेस को चुनावी चर्चाओं से भी बाहर रखा जाने लगा था। वहीं, इस बार कांग्रेस (Congress) के लिए समीकरण बदले-बदले नजर आने लगे हैं। कांग्रेस (Congress) उम्मीदवारों की जीत को लेकर भले ही चर्चाओं में उहापोह की स्थिति हो, लेकिन इस बार चारों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस लड़ाई में मानी जाने लगी है।
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