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Up Election 2022: कांग्रेस ने सोनभद्र में खेला बड़ा दांव, दुद्धी विधानसभा से इन्हें उतारा चुनावी मैदान में
Up Election 2022 : दुद्धी विधानसभा सीट (Duddhi assembly seat) पर पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड (Former Minister Vijay Singh Gond) के सामने उनके राजनीतिक गुरु पूर्व सांसद स्व. रामप्यारे पनिका (Former MP Mr. Rampyare Panika) की पत्नी बसंती पनिका (Basanti Panika) को चुनावी मैदान में उतारकर।
Up Election 2022 : 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' नारे के साथ कांग्रेस (Congress) ने सोनभद्र (Sonbhadra) में बड़ा दांव खेला है। सपा (Samajwadi Party) के लिए सबसे सुरक्षित मानी जा रही दुद्धी विधानसभा सीट (Duddhi assembly seat) पर पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड (Former Minister Vijay Singh Gond) के सामने उनके राजनीतिक गुरु पूर्व सांसद स्व. रामप्यारे पनिका (Former MP Mr. Rampyare Panika) की पत्नी बसंती पनिका (Basanti Panika) को चुनावी मैदान में उतारकर, जहां सियासी गर्माहट बढ़ा दी है।
वही, घोरावल विधानसभा सीट (Ghorawal assembly seat) पर चौकानेवाले अंदाज में बड़हर/अगोरी राज परिवार की बहू बिंदेश्वरी सिंह राठौर को चुनावी मैदान में उतारकर भाजपा, सपा गठबंधन और बसपा के सामने बड़ी चुनौती पेश की है।
सियासी समीकरणों को लेकर प्रमुख दलों की बेचैनी बढ़ा दी है
कांग्रेस की तरफ से रविवार को दोपहर बाद साढ़े तीन बजे के करीब जारी की गई 61 उम्मीदवारों की सूची में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित दुद्धी विधानसभा सीट पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती पनिका की उम्मीदवारी तय की गई है। बसंती पनिका जहां पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड़ के राजनीतिक गुरु रामप्यारे पनिका की पत्नी हैं। वही स्वयं भी राजनीतिक क्षेत्र में लंबे समय तक सक्रिय रह चुकी हैं। आदिवासी समुदाय के साथ ही सामान्य वर्ग में मजबूत पैठ रखने वाले रामप्यारे पनिका के नाम का कितना लाभ मिलेगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस की दावेदारी सामने आई है उसने दुद्धी के सियासी समीकरणों को लेकर सभी प्रमुख दलों की बेचैनी बढ़ा दी है।
राजपरिवार का खुद का एक बड़ा वोट बैंक है
उधर, घोरावल सीट पर बनते बिगड़ते समीकरणों के बीच जहां शनिवार को सपा की उम्मीदवारी गठबंधन खाते में जाने की जानकारी सामने आई थी। वहीं रविवार को बड़हर राज परिवार की बहू बिंदेश्वरी सिंह राठौर को कांग्रेस की तरफ से चुनावी मैदान में उतारे जाने से यहां की भी सियासी हलचल काफी बढ़ गई है। घोरावल विधानसभा क्षेत्र में जहां राजपरिवार का खुद का एक बड़ा वोट बैंक है। वही पिछले वर्ष युवराज के निधन के बाद से राज परिवार के प्रति लोगों की सहानुभूति भी बनी हुई है।
बिंदेश्वरी का मायका राजस्थान में होने के नाते, वहां की भी सियासी पृष्ठभूमि कांग्रेसी बताई जाती है। इससे जहां घोरावल में लड़ाई अभी से दिलचस्प हो गई है। वहीं कांग्रेस के लिए इस बार जिले का समीकरण पूर्व के सालों के मुकाबले बड़ी बढ़त देने वाला साबित हो सकता है।
Written by : krishna chaudhary
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