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World Tribal Day : सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

World Tribal Day : उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर बढ़ी सरगर्मी के साथ चुनावी तरकश शुरू हो गए हैं।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Shraddha
Published on: 10 Aug 2021 4:17 AM GMT
विश्व आदिवासी दिवस परढोल बजाते हुए
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विश्व आदिवासी दिवस परढोल बजाते हुए 

World Tribal Day: उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को लेकर बढ़ी सरगर्मी के साथ ही चुनावी तरकश छोड़े जाने शुरू हो गए हैं। विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) पर सोमवार को पटवध स्थित राजा बलदेव दास बिडला इंटर कालेज परिसर में सपा की तरफ से आयोजित आदिवासी सम्मलेन में जहां प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा।

वहीं उभ्भा में जमीन पर कब्जे को लेकर हुए खूनी संघर्ष के लिए सत्ता पक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार लगातार आदिवासियों के उत्पीड़न में लगी हुई है। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान 25 लाख की लागत से सोनभद्र में आदिवासी भवन के निर्माण की घोषणा कर बड़ा दांव भी चला।

बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल कार्यक्रम की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष पर हमलावर रहे। कहा कि गैर समाजवादी पार्टी की सरकारों ने सदैव आदिवासियों का उत्पीड़न करने का काम किया। बाप-दादा के समय से जंगल की जमीन पर काबिज आदिवासियों को उनका अधिकार देने में हिलाहवाली की जा रही है। उन्हें उनके जल जंगल जमीन से बेदखल करने का कुचक्र हो रहा है। उभ्भा कांड के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जमीन हड़पने के लिए 11 निर्दोष आदिवासियों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई।

विश्व आदिवासी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

आदिवासी, बनवासी, किसान और युवा बेरोजगारी तथा आर्थिक तंगी के बोझ तले सिसक रहे हैं। माफियाओं को सरकारी संपदा एवं सोनभद्र की खनिज संपदा को लूटने की खुली छूट दे दी गई है। यहां के आदिवासी जब अपना हक मांगते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है। उन पर फर्जी मुकदमा लाद कर जेल भेजा जाता है। कहा कि समाजवादी पार्टी ने सदैव आदिवासियों के हित में काम किया। सोनभद्र में लोहिया आवास, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा के संसाधन की बेहतरी के लिए काम किया। बेरोजगारी भत्ता, लैपटाप, समाजवादी पेंशन समेत कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया।

आदिवासी समाज के क्रान्तिकारी नेता एवं महान पुरुष बिरसा मुंडा और नारी शक्ति दुर्गावती को नमन करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार झूठे वादों पर बनी सरकार है। इस बार जनता इस सरकार को उखाड़ फेकेगी। कानून व्यवस्था, महिला उत्पीड़न, दुष्कर्म के बढ़ते केस और महंगाई पर भी उन्होंने सरकार को घेरा। सपा अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व्यास गोंड़, पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड़, सदस्य विधान परिषद(स्नातक)आशुतोष सिन्हा, सदस्य विधान परिषद (शिक्षक) लाल बिहारी यादव, जिलाध्यक्ष विजय यादव, सपा जिलाध्यक्ष मीरजापुर आशीष यादव लालब्रत यादव कमलेश यादव उर्फ नेता यादव,रमेश वर्मा, कुशल सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व आदिवासी समाज की तरफ से करमा नृत्य का आयोजन किया गया और प्रदेश अध्यक्ष को तीर-धनुष भेंट कर अपनी परंपरा का निर्वहन किया।

कांग्रेस भी कर रही भाजपा पर हमलावर


बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, बिगड़ती कानून व्यवस्था, महिला अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ अगस्त क्रांति दिवस पर कांग्रेस ने 'भाजपा गद्दी छोड़ो' मार्च निकाला। इसके तहत राबर्ट्सगंज के सजौर तालाब से जिलाध्यक्ष रामराज सिंह गोंड़ की अगुवाई में निकला पैदल मार्च लगभग पांच किमी की यात्रा कर बरैला मंदिर पहुंचा। मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं जनपद प्रभारी राजन दूबे ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। आम जनता बढ़ती मंहगाई से कराह रही है। इस मौके पर जगदीश मिश्रा, जितेंद्र पासवान, राजबली पांडेय, विनयकांत चौबे, संगीता श्रीवास्तव, विमला देवी,रमेश देव पाण्डेय, शत्रुंजय मिश्रा, सूरज यादव, उषा चौबे, राजीव त्रिपाठी, अमरेश देव पाण्डेय, निगम मिश्रा, शशांक मिश्रा, गोपाल स्वरूप पाठक आदि मौजूद रहे।

विश्व आदिवासी दिवस पर इकट्ठे हुए लोग

आदिवासी कला संस्कृति पर हमला किया जाए बंद


विश्व आदिवासी दिवस पर सोमवार को रासपहरी में आदिवासी वनवासी महासभा के बैनर तले विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। अगुवाई आदिवासी वनवासी महासभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गोंड़ औ संचालन कृपाशंकर पनिका ने किया। आदिवासियों ने करमा और शैला नृत्य के जरिए अपने पारंपरिक नृत्य का प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कृषि कानून वापस लेने, आदिवासी कला संस्कृति पर हमला बंद करने, आदिवासी के उत्पीड़न पर रोक लगाने की मांग की। मंगरू प्रसाद, श्याम मनोहर गोंड़, शंकर गोंड़, जवाहिर गोंड़, दया समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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