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CM योगी के आदेशों का Lu Lu Mall में उल्लंघन: पब्लिक प्लेस पर पढ़ी गई नमाज, मैनेजर बोले- 'हम देखेंगे'

CM योगी के आदेशों का Lu Lu Mall में उल्लंघन: बुधवार को एक वीडियो तेज़ी से प्रसारित हुआ, जिसमें लूलू मॉल के अंदर कुछ व्यक्ति नमाज पढ़ते देखे जा रहे हैं।

Shashwat Mishra
Published on: 13 July 2022 10:26 PM IST (Updated on: 14 July 2022 1:00 AM IST)
Violation of CM Yogis orders in Lu Lu Mall: Namaz read at public place, manager said - We will see
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 Lu Lu Mall लखनऊ: photo - social media

Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने रविवार को उत्तर भारत के सबसे बड़े 'लू लू मॉल' का उद्घाटन किया था। जिसके बाद, 11 जुलाई से मॉल को आम जनता के लिए खोल दिया गया। पहले दिन ही करीब 1 लाख लोग यहां पहुंचे थे। लेकिन, बुधवार को एक वीडियो तेज़ी से प्रसारित हुआ, जिसमें लूलू मॉल के अंदर कुछ व्यक्ति नमाज पढ़ते (Namaz read at Lu Lu Mall) देखे जा रहे हैं। जबकि, सीएम योगी के सख़्त निर्देश हैं कि कोई भी शख़्स पब्लिक प्लेस पर नमाज नहीं पढ़ सकता है। जिसका यह असर देखा गया कि ईद व बक़रीद के मौके पर, पब्लिक प्लेस पर नमाज नहीं पढ़ी गई थी। इस मामले में मॉल के मैनेजर ऑपरेशंस समीर वर्मा का कहना है कि हम इस मामले को देखेंगे। कंपनी के पॉलिसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

उद्घाटन कार्यक्रम से राजनाथ, ब्रजेश व केशव थे दूर

गौरतलब है कि मॉल के उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh), दोनों उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य सहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और औद्योगिक विकास मंत्री नंद प्रकाश गुप्ता 'नंदी' को अतिथियों के तौर पर आमंत्रित किया गया था। जिसका विज्ञापन मॉल द्वारा अखबारों में दिया गया था। लेकिन, हिन्दू संगठनों के लगातार प्रसारित किये जा रहे संदेशों में यह बात कही जा रही थी कि मॉल में एक धर्म विशेष के लोगों को नौकरी दी गई है। इसलिए, ऐसा माना जा रहा है कि इसके उद्घाटन कार्यक्रम से रक्षा मंत्री व दोनों डिप्टी सीएम ने दूरी बना ली।

सोशल मीडिया पर भी यूजर्स ने उठाए थे सवाल

एक ट्विटर यूजर मनीष पांडेय ने ट्वीट कर कहा कि "आज UP के बड़े राजनेता जिस मॉल का उद्घाटन कर रहें हैं। सुना है कि यहाँ के 80 % पुरुष कर्मी एक वर्ग विशेष से भर्ती किये गए है और महिला वर्ग के स्टाफ में ध्यान दिया गया है कि वो उस वर्ग विशेष से न आती हो अब इसकी सच्चाई क्या है मुझे पता नही है एक बार सरकार को इसकी पुष्टि करनी चाहिए।"







Shashi kant gautam

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