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यूपी के मंत्री को बदलवाने थे नोट, बैंक बंद होने के बाद मिला वीआईपी ट्रीटमेंट

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Published on: 17 Nov 2016 7:33 PM GMT
यूपी के मंत्री को बदलवाने थे नोट, बैंक बंद होने के बाद मिला वीआईपी ट्रीटमेंट
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संभलः नोटबंदी के बाद आम लोगों को बैंकों में कतारों में घंटों खड़े होना पड़ रहा है। धक्के खाने के बाद भी नोट नहीं मिल रहे, लेकिन बात किसी मंत्री की हो तो पूरा सिस्टम पलक-पांवड़े बिछाने में देर नहीं लगाता। गुरुवार को ऐसा ही नजारा संभल में एचडीएफसी बैंक की ब्रांच में दिखा। यूपी के खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री नवाब इकबाल महमूद के लिए बैंक ने वीआईपी ट्रीटमेंट दिया। इकबाल अपने बेटों के साथ बैंक बंद होने के बाद पहुंचे थे।

वीआईपी ट्रीटमेंट एचडीएफसी बैंक के मैनेजर के साथ मंत्री इकबाल महमूद

क्या है मामला?

इकबाल महमूद, उनके बेटे सुहेल और फैज के अकाउंट संभल के एचडीएफसी बैंक में हैं। गुरुवार को दिनभर इस ब्रांच से नोट लेने वाले आम लोग धक्के खाते रहे। शाम को बैंक बंद हो गया। कुछ लोग उस वक्त भी नोट के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। अचानक पुलिस पहुंची और लोगों को बैरीकेड लगाकर पीछे कर दिया। इसके बाद इकबाल अपनी लालबत्ती लगी गाड़ी से सायरन बजाते हुए पहुंचे। बैंक के मैनेजर मोहम्मद जावेद खान ने मंत्री और उनके बेटों को अपने केबिन में बिठाया। इसके बाद नोट बदलवाने की प्रक्रिया शुरू की गई।

वीआईपी ट्रीटमेंट फोटोकॉपी करने के लिए मंत्री के बेटे से आईडी प्रूफ लेते मैनेजर

मैनेजर ने आईडी प्रूफ की खुद निकाली फोटोकॉपी

मैनेजर को इकबाल और उनके बेटों ने अपनी-अपनी आईडी दी। इसके बाद जावेद ने अपने पास रखे प्रिंटर से इनकी फोटोकॉपी निकालनी शुरू की। बैंक के एक कर्मचारी को मैनेजर ने केबिन में बुलाया। मंत्री और उनके बेटों ने अपने नोट उसके हवाले किए। फिर काउंटर पर मंत्री इकबाल और उनके बेटे पहुंचे और गुलाबी रंग के दो-दो हजार के नोट उन्हें थमा दिए गए। मंत्री को न कोई जद्दोजहद करनी पड़ी और न लाइन में लगना पड़ा।

क्या कहते हैं मैनेजर?

एचडीएफसी के ब्रांच मैनेजर जावेद मंत्री के कसीदे गढ़ते नजर आए। उन्होंने कहा कि मंत्रीजी को देखकर दूसरे लोग भी प्रोत्साहित होंगे। वहीं, मंत्री ने बैंक से बाहर आकर दावा किया कि उन्होंने तो लाइन में लगकर नोट बदलवाए हैं। हालांकि, मैनेजर के केबिन में उन्हें जो वीआईपी ट्रीटमेंट मिला था, वो कैमरे में कैद हो चुका था। इसी दौरान सपा के जिलाध्यक्ष फिरोज खान के घरवाले भी बैंक पहुंच गए। उन्होंने भी नकदी निकाली। फिरोज का कहना था कि दिन में भीड़ थी। शाम को इसी वजह से भाभी और बेटा बैंक गए थे।

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