TRENDING TAGS :
Video:रेलवे में अफसरों की तानाशाही आज भी पहले जैसी, पीड़ित पर ही कर दी कार्रवाई
भारतीय रेलवे अपनी बेहतरीन सेवाओं के लिए देश से लेकर विदेशों में प्रसिद्ध है। नजर डालें तो पिछले कुछ सालों से रेलवे के हालात में सुधार हुए हैं। लेकि
लखनऊ: भारतीय रेलवे अपनी बेहतरीन सेवाओं के लिए देश से लेकर विदेशों में प्रसिद्ध है। नजर डालें तो पिछले कुछ सालों से रेलवे के हालात में सुधार हुए हैं। लेकिन अफसरशाहों की अफसरी की अकड़ अब भी पहले की तरह ही है। रेलवे के अधिकारी अपने क्षेत्र में अपनी तानाशाही दिखाने से बाज नहीं आते हैं।
ऐसा ही एक अमानवीय रवैया वाला वीडियो निहालगढ़ के सीनियर सेक्शन इंजीनियर का देखने को मिला है, जिसमें वे एक ट्रॉलीमैन से उठक-बैठक लगवा रहें है। वीडियो वायरल होने के बाद महाप्रबंधक से लेकर डीआरएम के कान खड़े हो गए हैं और कार्रवाई के नाम पर पीड़ित ट्रॉलीमैन को ही घेरे में ले लिया। ट्रॉलीमैन पर अनुशासन तोड़ने का आरोप लगा, जबकि सीनियर सेक्शन इंजीनियर को इस संबंध में नोटिस तक नहीं भेजी गई। एसोसिएशन के विरोध करने का भी कोई असर नहीं हुआ। इस घटना को लेकर रेलवे के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन एक बात तो साफ हो गई कि भले ही रेलवे की स्थिति सुधर रही हो लेकिन अफसरों का व्यवहार अपने कर्मचारियों के प्रति पहले जैसा ही है।
यह है मामला
-दरअसल निहालगढ़ से एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर एसके मिश्र ट्रॉलीमैन राजित राम से से उठक-बैठक लगवा रहे थे।
-कमीशन न देने को लेकर विवाद हुआ।
-वीडियो में ट्रॉलीमैन की पैंट को जबरन उतरवाते हुए उठक-बैठक करवाया गया।
-इस घटना के बाद ट्रैक मेंटेनर एसोसिएशन के विश्वनाथ यादव ने विरोध जताया और सुलतानपुर में धरना-प्रदर्शन भी किया।
-फिर जाकर मामला महाप्रबंधक विश्वेश चौबे और डीआरएम सतीश कुमार के पास पहुंचा।
- जांच के बाद सुलतानपुर के रेलवे अधिकारी अभिषेक कुमार सिंह ने ट्रॉलीमैन पर ही उल्टा कार्रवाई कर दी और सीनियर सेक्शन इंजीनियर एसके मिश्र को नोटिस तक नहीं दिया।
कोई भी अधिकारी नहीं दे रहा है जवाब
ट्रैक मेंटेनर एसोसिएशन के विश्वनाथ यादव ने बताया कि इसको लेकर रेलवे का कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। केवल ट्रॉलीमैन को ही गलत ठहराना गलत है। उन्होंने बताया कि जिस सीनियर सेक्शन इंजीनियर एसके मिश्र ने ट्रॉलीमैन से दुर्व्यवहार किया है, वे पिछले कई सालों से अपनी सीट पर काबिज है। नियमों को ताक पर रखकर अधिकारी आज भी कार्यरत है।
क्या कहना है डीआरएम,लखनऊ मंडल का
डीआरएम, सतीश कुमार, लखनऊ मंडल ने कहा कि जैसे ही मामले की जानकारी मिली तो जांच के निर्देश दे दिए गए।