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वायरस में हो रहे बदलावों को पहचानता है जीनोम सीक्वेंसिंग, केजीएमयू में हफ़्ते भर में लिए जाएंगे 100-500 सैम्पल

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा 'उत्तर प्रदेश के लिए संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण सेवायें' के वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Vidushi Mishra
Published on: 30 Jun 2021 10:48 PM IST
virtual program of Whole Genome Sequencing Services for Uttar Pradesh was organized
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संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण सेवायें' के वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन

लखनऊ: बुधवार को राजधानी के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा 'उत्तर प्रदेश के लिए संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण सेवायें' के वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन पुरी, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आलोक कुमार (प्रमुख सचिव, मेडिकल एजुकेशन, UP), जी.एस. प्रियदर्शी (सचिव, मेडिकल एजुकेशन) और सोराब बाबू (महानिदेशक, मेडिकल एजुकेशन) सम्मिलित हुए।

इस अवसर पर केजीएमयू के सभी प्रतिष्ठित संकाय और विभिन्न प्रयोगशालाओं के प्रमुख भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन पुरी ने जीनोम सीक्वेंसिंग सेवाओं का महत्व समझाया और कोविड महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर जांच का कार्य 24X7 करने के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग की टीम पर गर्व करते हुए उनकी टीम को बधाई दी।

विज्ञान की सरल रूप से जानकारी

कार्यक्रम में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की हेड डॉ. अमिता जैन ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कोविड जीनोम सिक्वेंसिंग के वर्तमान परिदृश्य पर मुख्य अपडेट दिया। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य वायरस में हो रहे बदलावों को पहचानना है। उन्होंने बताया कि जीनोम अनुक्रमण के पीछे के विज्ञान की सरल रूप से जानकारी प्रदान करना है।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन आलोक कुमार (प्रमुख सचिव, मेडिकल एजुकेशन) द्वारा किया किया गया। उन्होंने केजीएमयू द्वारा उठाए गए इस कदम को प्रोत्साहित और इसका स्वागत किया। उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को इस कठिन दौर में भी अग्रसर रहने के लिए बधाई दी।

उन्होंने कहा कि 'माइक्रोबायोलॉजी विभाग (केजीएमयू) देश में अधिकतम COVID-19 परीक्षण करने वाली प्रयोगशालाओं में से एक है और हाल ही में इनके द्वारा किए गए 20 लाख कोविड आरटीपीसीआर परीक्षण मील के पत्थर सामान है। आलोक कुमार ने कहा कि 'यह पूरी टीम समाज के लाभ के लिए निरंतर समर्पण और सहयोग के साथ काम कर रही है।'

जीनोम सिक्वेंसिंग पीपीपी मॉडल

प्रमुख सचिव, मेडिकल एजुकेशन ने कहा कि 'माइक्रोबायोलॉजी विभाग सलाह और प्रशिक्षण के साथ-साथ अनुसंधान गतिविधियों में लगातार लगा हुआ है। माइक्रोबायोलॉजी विभाग, केजीएमयू समय-समय पर लो पुट प्लेटफॉर्म के माध्यम से विभिन्न जीवों के लिए जीन अनुक्रमण कर रहा था, यह हमारे लिए बहुत सम्मान और गर्व का दिन है, क्योंकि विभाग अपने क्षितिज का विस्तार कर रहा है और एक उच्च थ्रूपुट जीनोम अनुक्रमण सेवाओं का उद्घाटन कर रहा है।'

इस कार्यक्रम के दौरान प्रो. अमिता जैन (विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, केजीएमयू) ने बताया कि केजीएमयू जीनोम सिक्वेंसिंग पीपीपी मॉडल पर कर रहा है। जिसमें हफ़्ते भर में 100-500 सैम्पल लिए जाएंगे। इसकी रिपोर्ट 10 दिन में आएगी।

इस पूरे वर्चुअल कार्यक्रम का संचालन प्रो. अमिता जैन (विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, केजीएमयू) की देखरेख में डॉ. सुरुचि शुक्ला द्वारा एवं कार्यक्रम समापन डॉ. विमला वेंकटेश के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।



Vidushi Mishra

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