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मोदी के काशी दौरे से पहले गर्माया विश्वनाथ कॉरिडोर मामला, मलबे से मिले सैकड़ों शिवलिंग
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र काशी के दौरे पर एक बार फिर आने वाले हैं। इस बार भी तीन सौ करोड़ से अधिक की सौगात देने की तैयारी है। पीएम मोदी के दौरे से पहले उनके ड्रीम प्रोजेक्ट श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर काॅरिडोर का मुद्दा गरमा गया है। लंका क्षेत्र के एक खाली प्लाॅट में गिराए जा रहे मलवे में बड़ी संख्या शिवलिंग और विग्रह की तस्वीरें सामने आई हैं जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
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अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज
इसके बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और पूर्व विधायक अजय राय के अलावा दूसरे दलों के नेता वहां जमा हो गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम सिटी विनय सिंह और एसपी सिटी दिनेश सिंह खुद वहां पहुंच गए। इस मामले को लेकर लोगों ने लंका थाने में धरना दिया। बाद में पूर्व विधायक समेत 11 लोगों ने हस्ताक्षरयुक्त तहरीर दी जिसके बाद आईपीसी की धारा 253, 296 और 427 के तहत लंका थाने में केस दर्ज किया गया।
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'मिले मलबे का संबंध विश्वनाथ कॉरिडोर से नहीं'
मामले के तूल पकड़ने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि कॉरिडोर का मलबा राजघाट जाता है। उन्होंने कहा कि रोहित नगर (लंका) में मिले मलबे को जिस ठेकेदार ने डाला है उसका कोई संबंध कॉरिडोर के काम से नहीं है।
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एसपी सिटी और एडीएम सिटी ने भी कुछ इसी तरह की बात कही। उन्होंने कहा कि मलबे में जो कुछ मिला है उसकी जांच करायी जा रही है। फिलहाल जांच से पहले कुछ नहीं कहा जा सकता। साथ ही उन्होंने कहा कि तहरीर के आधार पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
शुरू हो गई पूजा
मलबे में मिले विग्रह के बाद इस पर राजनीति भी तेज हो गई। सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और पूर्व विधायक के साथ दूसरे दलों के नेता वहां पहुंच गए और कॉरिडोर विरोध करने लगे हैं। हिंदू धर्म में टूटे विग्रह की पूजा निषेध है लेकिन वहां पर बाकायदा पूजा चालू कर दी गयी।