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व्यापमं घोटाले में मिली बड़ी कामयाबी, सॉल्वर देने वाला आरोपी अरेस्ट
लखनऊ: व्यापमं घोटाले के मुख्य आरोपी रमेश शिवहरे को सीबीआई ने बुधवार को कानपुर की सीएमएम कोर्ट में पेश किया। रमेश को सीबीआई ने यूपी एसटीएफ के साथ बीते मंगलवार रात को शहर के कल्याणपुर इलाके से गिरफ्तार किया था। रमेश शिवहरे पर व्यापमं मामले में 7 मुकदमे दर्ज हैं।
सीबीआई रमेश को व्यापमं घोटाले में यूपी का मुख्य आरोपी बता रही है। सीबीआई रमेश को भोपाल ले जाना चाहती है इसलिए उसे ट्रांजिट रिमांड पर देने की कोर्ट से मांग की है।
एसटीएफ के एएसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि बहुत पहले से इसकी तलाश की जा रही थी। लेकिन मंगलवार को सूचना के आधार पर उसे अरेस्ट किया गया। यह व्यापमं कांड के मुख्य आरोपियों में से एक है।
कोर्ट में पेशी के दौरान रमेश शिवहरे
रमेश शिवहरे की पत्नी अंशु शिवहरे महोबा से जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक रमेश शिवहरे पहले कोचिंग चलाता था। बाद में परीक्षा के दौरान सॉल्वर उपलब्ध करवाने लगा। कोचिंग के साथ इसका यह धंधा तेजी से फलने-फूलने लगा। इसकी अपनी पहुंच का नतीज था की यह व्यापमं के मुख्य का अहम अंग बन गया।
पूरे व्यापमं प्रकरण में रमेश शिवहरे ने कितने लोगों को लाभ पहुंचाया और किस तरह यह पूरे सिंडिकेट से जुड़ा और इसकी किसने मदद की यह किसके-किसके संपर्क में आया। इसकी जांच सीबीआई के अधिकारी कर रहे हैं।
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को कोर्ट में आरोपी रमेश को दाखिल कर ट्रांजिट रिमांड मांगेंगे। इसके बाद उसे सीधे भोपाल ले जाया जाएगा। जहां पहले से बंद आरोपियों से उसका आमना-सामना भी करवाया जा सकता है।
क्या है व्यापमं घोटाला?
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश में उन प्रतियोगी व्यावसायिक परीक्षाओं का आयोजन कराता है, जिन्हें मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग नहीं कराता है। व्यापमं घोटाले में आरोप है कि कम्प्यूटर सूची में हेराफेरी करके अनुचित तरीके से अयोग्य लोगों को भर्ती कराया गया। व्यापमं के माध्यम से संविदा शिक्षक वर्ग-1 और वर्ग-2 के अलावा कॉन्स्टेबल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी व नापतौल निरीक्षक की भर्तियां गलत तरीके से की गईं। व्यापमं की करीब 1000 भर्तियों को संदिग्ध माना गया है। इनकी जांच की जा रही है। इस मामले में कई बड़े पदों पर बैठे लोगों को गिरफ्तार किया गया है।