Jhansi: भारतीय रेल का रीढ़ माना जाता है वैगन मरम्मत कारखाना

बताते हैं कि रेल कारखाना को भारतीय रेल का रीढ़ माना जाता है। समय-समय पर कारखाना ने अपने हुनर का डंका बजाता रहा है, इसलिए भारतीय रेल में इस कारखाना की पहचान अलग है।

B.K Kushwaha
Published on: 12 July 2022 1:15 PM GMT
Wagon Repair workshop in Jhansi
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Wagon Repair workshop in Jhansi (Image: Newstrack)

Jhansi: एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा वैगन मरम्मत का कारखाना है। इस कारखाने को बुन्देलखंड के पहले औद्योगिक इकाई के रुप में जाना जाता है। वर्तमान में कारखाने में साढ़े चार हजार कर्मचारी कार्यरत है। कर्मचारी वैगन मरम्मत के अलावा कारखाने को सुंदर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। यहां के तकनीशियानों की कुशल कारीगरी को देखकर देश के दूसरे रेल कारखाना के तकनीशियन तकनीकी रुप से दक्ष होने पहुंचते हैं।

बताते हैं कि रेल कारखाना को भारतीय रेल का रीढ़ माना जाता है। समय-समय पर कारखाना ने अपने हुनर का डंका बजाता रहा है, इसलिए भारतीय रेल में इस कारखाना की पहचान अलग है। वर्तमान में कारखाना निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है।

एक साल में होता है 8400 वैगन मरम्मत का कार्य

झाँसी कारखाना लगभग 127 साल पुराना है, जो पुरे भारतवर्ष का सबसे बड़ा वैगन मरम्मत का कारखाना है। इस कारखाने में लगभग 8400 वैगन का मरम्मत प्रतिवर्ष किया जाता है, जिसके लिए इस कारखाने में अधिकारी, सुपरवाइजर एवं कर्मचारी) कार्यरत है। कारखाने में कार्यरत कर्मचारियों के कार्य के दौरान आवश्यकताओं के ध्यान में रखते हुए कारखाना प्रशासन काफी सक्रिय है, जिससे उनकी आवश्यकताओं को समय से पूर्ण किया जा सके जिससे सभी कर्मचारी पूर्ण निष्ठा से अपना कार्य कर सके ।

कर्मचारियों को दी जाती हैं सेफ्टी शूज व हेल्मेट्स

कारखाना प्रशासन ने ढांचागत सुविधाओं के साथ साथ स्टाफ वेलफेयर के कार्य को अधिक दुरुस्त और सुदृढ़ किया है। ढांचागत सुविधाओं के अंतर्गत शॉप फ्लोर के शेड्स जो काफी जीर्ण शीर्ण हो गए थे उन्हें बदला गया जिससे कार्य के दौरान बारिश, धूप और अत्यधिक ठण्ड से कर्मचारियों, उपकरणों, सामानों इत्यादि को बचाया जा सके। इसके अलावा शेड्स में जहाँ फ्लोर टूटे हुए थे, उन स्थानों पर फ्लोर की मरम्मत की गयी एवं जिन स्थानों पर फ्लोर नहीं था उन स्थानों पर फ्लोर का निर्माण कार्य गया जिससे की कर्मचारयों को कार्य के दौरान किसी भी दिक्कत का सामना ना करना पड़े।

कर्मचारियों को दी जा रही हैं विशेष सुविधाएं

झाँसी कारखाने में कर्मचारियों के लिए 17 पुरुष शौचालय, 12 महिला शौचालय, 05 महिला चेंज रूम ( 04 चेंज रूम शौचालय सहित ) एवं 01 शिशु सदन है, सभी अच्छी स्तिथि में है और उनका उपयोग नियमित रूप से कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। सभी शौचालयों की नियमित रूप से साफ़ सफाई कराई जाती है। समय समय पर शौचालयों में यदि मरम्मत की आवश्यकता होती है तो उसकी मरम्मत करायी जाती है । इसके अलावा महिला चेंज रूम में सभी महिला कर्मचारियों को लाकर की सुविधा भी उपलब्ध कराई गयी है ।

सुरक्षा के साथ आवश्यक सुविधाएं भी मौजूद

कर्मचारियों के स्वस्थ्य के दृष्टिगत कारखाना परिसर में ओपन जिम का निर्माण कराया गया है,खेलने क लिए वॉली बॉल कोर्ट का भी निर्माण कराया गया है। इसके अलावा इंडोर गेम्स जैसे बिलियर्ड्स, बैडमिंटन , कैरम इत्यादि की सुविधा भी उपलब्ध कराई गयी है। कर्मचारी इन सभी सुविधाओं को अपने खाली समय में उपभोग करते है । कारखाना प्रशासन अपने सभी कर्मचारियों को कार्य के दौरान सुरक्षा के साथ साथ, आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है।

वर्कशॉप में तैयार हैं एक अनूठा पार्क

मुख्य कारखाना प्रबंधक आर डी मौर्या के निर्देशन में वर्कशॉप में तैनात जूनियर इंजीनियर अशोक गुप्ता ने वर्कशॉप में एक अनूठा पार्क तैयार किया है। कारखाने के स्क्रैप से उन्होंने भागीरथ हेरिटेज पार्क तैयार किया है। इसके अलावा इंडिया गेट का मॉडल तैयार कर लिया गया है। भागीरथ गार्डन पर गेटवे ऑफ इंडिया तैयार किया। कोरोना काल में शहीद स्तम्भ का निर्माण किया। अशोक गुप्ता बनाने में वर्कशॉप में एक मूविंग ग्वोब बनाने जा रहे हैं। इसी तरह स्क्रैप से सारनाथ, कुतुबमीनार और संसद भवन का निर्माण करना है।

इनका कहना है

मुख्य कारखाना प्रबंधक आर डी मौर्या का कहना है कि कर्मचारियों की कारखाना में हर तरह की सुविधाएं दी जा रही है। किसी प्रकार की समस्या का हर निराकरण किया जाता है। वर्कशाप अपने प्रगति पर आगे बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि कर्मचारी ना सिर्फ अपनी मासिक वेतन से अंशदान देकर पार्क को सुंदर बनाने में योगदान दे रहे हैं, बल्कि छुट्टी के दिन श्रमदान भी कर रहे हैं।

Rakesh Mishra

Rakesh Mishra

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