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मीटर रिडिंग के हिसाब से देना होगा पानी का बिल,दरे बढ़ना तय
बिजली के मीटर की तरह शहर के सभी आवंटियों के यहां लगाये जाएंगे। रीडिंग के अनुसार आवंटी को पानी का बिल जमा करना होगा। प्रति यूनिट कितना बिल वसूल किया जाएगा इसके लिए 2013 के बाद से पहली बार चार्ज को रिवाइज किया जाएगा। इनकी दरों में बढ़ोतरी होना त
नोएडा: बिजली के मीटर की तरह शहर के सभी आवंटियों के यहां लगाये जाएंगे। रीडिंग के अनुसार आवंटी को पानी का बिल जमा करना होगा। प्रति यूनिट कितना बिल वसूल किया जाएगा इसके लिए 2013 के बाद से पहली बार चार्ज को रिवाइज किया जाएगा। इनकी दरों में बढ़ोतरी होना तय है।
पहले चरण में एक हजार वर्गमीटर व इससे बड़े भूखंड पर मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद गांव व सेक्टर में मौजूद एक-एक मकान में मीटर लगाए जाएंगे। इसमे यहा किराए पर रहने वाले सभी लोग शामिल होंगे। वही, सीवर प्रयोग के लिए सभी को पैसे खर्च करने होंगे। इसके लिए प्राधिरकण चार्ज का नया स्लैब तैयार कर रहा है। जिसे पानी के नए चार्ज के साथ लागू कर दिया जाएगा।
प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक शहर में गंगा जल की सप्लाई की जा रही है। इसके लिए बाहर से पानी खरीदा जा रहा है। यह पानी सप्लाई के साथ आवंटियों को दिया जा रहा हैै। सालाना करीब 100 करोड़ रुपए का खर्च है। लेकिन अनुरक्षण तक की भरपाई नहीं हो रही। ऐसे में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए मीटर लगाए जाएंगे। मीटर में जितनी रीडिंग होगी उतना बिल प्रति माह आवंटियों को जमा करना होगा।
इनकी दरे 213 के बाद से रिवाइज नहीं की गई। लिहाजा इनको रिवाइज किया जाएगा। जाहिर है पहले के मुकाबले यह दर ज्यादा होंगी। इसके अलावा सीवर प्रयोग को लेकर भी नई नीति तैयार की जा रही है। सीवर करना है तो चार्ज देना होगा। इसके लिए भी दर बनाई जा रही है। इसको लेकर एक बैठक प्राधिकरण में जल्द होगी। जिसमे पानी की रिवाइज दर व सीवर की दरों पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
स्लैब के हिसाब से होगा पानी का बिल
मीटर लगने के बाद शहर में स्लैब के मुताबिक पानी का बिल जारी किया जाएगा। यह स्लैब उच्च, मध्ययम व निम्म श्रेणी में बांटी जाएगी। इसके लिए प्लानिंग की जा रही है। निम्न या गरीब तबके के लोगों को प्राधिकरण द्वारा रियात दी जाएगी। प्राधिकरण अधिकारी ने बताया कि शहर में मौजूदा पानी के दाम दिल्ली के दामों से कहीं कम है। इसके साथ ही दिल्ली में वर्तमान में सीवर इस्तेमाल पर पानी के दाम का 60 फिसदी चार्ज किया जाता है। नोएडा में पानी के दामों में बढ़ौतरी होने के बाद भी दिल्ली के मुकाबले शहर में पानी के दाम सस्ते रहेंगे।
बाहरी कार्य के लिए कच्चे पानी का होगा प्रयोग
भविष्य में पानी की किल्लत होना तय है। प्राधिकरण आगामी 50 साल कीआबादी के अनुसार कार्य कर रहा है। ऐसे में कार धोने, बिल्डिंग निर्माण व अन्य ऐसे कार्यो के लिए एसटीपी के शोधित पानी की सप्लाई शुरू की जाएगी। ताकि मीठे जल की बर्बादी को रोका जा सके। हालांकि शहर में बिल्डिंग निर्माण के लिए बिल्डर एसटीपी के पानी का ही प्रयोग कर रहे है। लेकिन अब इस पानी को सप्लाई में तब्दील करने पर विचार किया जा रहा है।
आवंटी के साथ किराए दारों के यहा लगेंगे मीटर
शहर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा किराएदारों का है। ऐसे में सेक्टर व गांवों के आवंटियों के साथ शहर के किराएदारों के यहां पानी के मीटर लगाए जाएंगे। पहले चरण में एक हजार वर्गमीटर या इससे बड़े भूखंड ,बिल्डिंग सोसाइटी में मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद सभी घर व किराएदारों के मीटर लगाने का काम किया जाएगा। मीटर रीडिंग के अनुसार बिल जमा करना होगा। इससे न केवल शहर में पानी की बबार्दी पर रोक लगेगी बल्कि प्राधिकरण के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।