×

राज्यपाल ने ये क्या कह दिया महाराणा प्रताप के बारे में?

प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर कहा कि महाराणा प्रताप महापराक्रमी योद्धा थे जिन्होंने स्वाधीनता के लिये मुगलों के विरूद्ध जीवन पर्यन्त युद्ध किया।

Aditya Mishra
Published on: 9 May 2019 7:01 PM IST
राज्यपाल ने ये क्या कह दिया महाराणा प्रताप के बारे में?
X

लखनऊ: प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर कहा कि महाराणा प्रताप महापराक्रमी योद्धा थे जिन्होंने स्वाधीनता के लिये मुगलों के विरूद्ध जीवन पर्यन्त युद्ध किया। वे राजा थे परन्तु उन्हें राज-सुख की लालसा नहीं थी। महाराणा प्रताप ने विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष कर पराक्रम का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।

ये भी पढ़ें...लखनऊ: गवर्नर राम नाइक ने कहा- 2025 तक भारत में सबसे अधिक युवा होंगे

हुसैनगंज चैराहे स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर अपनी एवं प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि महाराणा प्रताप के युद्ध कौशल एवं पराक्रम से प्रेरित छत्रपति शिवाजी ने भी मुगलों से युद्ध कर हिन्दवी साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने देश के ऐसे महान पराक्रमी योद्धाओं से युवाओं को प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

नाईक ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि आज ही गोपाल कृष्ण गोखले की भी जयंती है। गोपाल कृष्ण गोखले का स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत योगदान है। गोपाल कृष्ण गोखले और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक दोनों समकालीन एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सेे थे।

वैचारिक मतभेद होने के बावजूद उनमें मनभेद नहीं था, दोनों लोगों का एकमात्र लक्ष्य देश को स्वतंत्र कराना था। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने जहाँ स्वतंत्रता के लिये शिव जयंती और सामूहिक गणेश पूजा का प्रारम्भ किया। वहीं गोपाल कृष्ण गोखले जनता को शिक्षित कर स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी का पक्ष रखते थे।

ये भी पढ़ें...लखनऊ: गवर्नर राम नाइक ने कहा- भारत की प्रगति युवाओं पर निर्भर

राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति से मिले स्वराज के कारण आज हम विश्व के सबसे बड़े गणतंत्र के रूप में स्थापित हैं। वर्तमान में देश में लोक सभा के चुनाव हो रहे हैं। लोक सभा चुनाव के सात में से पांच चरण के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं।

राज्यपाल ने आह्वान किया कि जनतंत्र को सफल बनाने में शेष चरणों में देश एवं प्रदेश में जहाँ भी चुनाव होने है वहाँ के मतदाता अधिक से अधिक संख्या में स्वयं भी मतदान करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।

लोकतंत्र में मत का बहुत महत्व है। रक्तदान, धनदान, नेत्रदान और देहदान जैसे अनेक दान समाज में प्रचलित हैं पर चुनाव के समय में मतदान महादान दान है।

ये भी पढ़ें...लखनऊः राज्यपाल राम नाइक ने पेश किया अपने काम काज का विवरण



Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story