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Politics : क्या है कोटा के भीतर कोटा?, जिस पर भड़क गईं मायावती, हरियाणा सरकार को सुनाई खरी खोटी

Politics : हरियाणा सरकार के फैसले को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती भड़क गई हैं, उन्होंने जमकर खरी खोटी सुनाई है।

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Newstrack Network
Published on: 18 Oct 2024 8:19 PM IST (Updated on: 18 Oct 2024 8:59 PM IST)
Politics : क्या है कोटा के भीतर कोटा?, जिस पर भड़क गईं मायावती, हरियाणा सरकार को सुनाई खरी खोटी
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Politics : हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की तीसरी बार सरकार बन गई है। नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एससी के आरक्षण में कोटा के अंदर कोटा के फैसले को लागू कर दिया है। इसे लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती भड़क गई हैं, उन्होंने हरियाणा सरकार को खरी खोटी सुनाई है।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने हरियाणा सरकार के फैसले का विरोध करते हुए दलितों को बांटने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक के बाद एक तीन पोस्ट किए। जिसमें उन्होंने लिखा, हरियाणा की नई भाजपा सरकार द्वारा एससी समाज के आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने अर्थात आरक्षण कोटे के भीतर कोटा की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने व उन्हें आपस में ही लड़ाते रहने का षड़यंत्र। यह दलित विरोधी ही नहीं बल्कि घोर आरक्षण विरोधी निर्णय है।

कांग्रेस की तरह बीजेपी भी कर रही षडयंत्र

उन्होंने आगे लिखा, हरियाणा सरकार को ऐसा करने से रोकने के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के आगे नहीं आने से भी यह साबित है कि कांग्रेस की तरह बीजेपी भी आरक्षण को पहले निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने और अन्ततः इसे समाप्त करने के षडयंत्र में लगी है, जो घोर अनुचित व बीएसपी इसकी घोर विरोधी है।

हमारा संघर्ष जारी रहेगा

उन्होंने कहा कि वास्तव में जातिवादी पार्टियों द्वारा एससी-एसटी व ओबीसी समाज में ’फूट डालो-राज करो’ व इनके आरक्षण विरोधी षड़यंत्र आदि के विरुद्ध संघर्ष का ही नाम बीएसपी है। इन वर्गों को संगठित व एकजुट करके उन्हें शासक वर्ग बनाने का हमारा संघर्ष लगातार जारी रहेगा।

जानिए क्या है कोटा के अंदर कोटा?

बता दें कि किसी भी वर्ग को, चाहें वह एससी हो एसटी, सभी को आरक्षण का लाभ मिलता है। इस आरक्षण के अंदर एक आरक्षण व्यवस्था लागू की जाती है, जिसका उद्देश्य समाज के सबसे निचले वर्ग को लाभ पहुंचाना होता है। सामाजिक या आर्थिक रूप से वंचित समूह को अधिक प्रतिनिधित्व मिल सके, इसलिए ऐसी व्यवस्था लागू की जाती है।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते अगस्त 2024 में एससी श्रेणी में उपश्रेणी बनाए जाने को लेकर एक फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों को अधिकार है कि वह एससी और एसटी वर्ग के वंचित समूह के उत्थान के लिए उपश्रेणी बनाकर कोटे के अंदर कोटा दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले को हरियाणा सरकार ने लागू किया है।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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