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कौन हैं अशोक सिद्धार्थ, जो बने हैं मायावती के गुस्से का शिकार

Ashok Siddharth: जब मायावती यूपी की मुख्यामंत्री थीं उस दौरान 2009 में उन्होंने सिद्धार्थ को राज्य विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया।

Newstrack          -         Network
Published on: 6 March 2025 4:30 PM IST
कौन हैं अशोक सिद्धार्थ, जो बने हैं मायावती के गुस्से का शिकार
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Photo: Social Media

Ashok Siddhartha: बहुजन समाजवाद पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने बसपा सांसद और भतीजे आकाश आनंद को तो पार्टी से निकाला ही है, साथ में आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ पर बसपा को नुकसान पहुंचाने और आकाश का करियर बर्बाद करने का भी आरोप लगाया है। अशोक सिद्धार्थ किसी समय में बसपा के कद्दावर नेता माने जाते थे और पारिवारिक रिश्ते के अलावा मायावती के विश्वस्त नेताओं में शुमार थे। अशोक सिद्धार्थ पूर्व राज्यसभा सांसद हैं, जिन्हें पिछले महीने कथित तौर पर गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण बसपा से निष्कासित कर दिया गया था।

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज तहसील से ताल्लुक रखने वाले 60 वर्षीय सिद्धार्थ एक ऐसे परिवार से हैं, जो अंबेडकरवादी आंदोलन में सक्रिय रहा है। उन्होंने छह महीने की उम्र में फर्रुखाबाद जेल में कुछ सप्ताह भी बिताए, जहां उनकी मां विटोली देवी और पिता गणपत लाल प्रेमी को इस तरह के अभियान में भाग लेने के लिए रखा गया था। उनके माता-पिता विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक अभियानों में अपनी सक्रिय भागीदारी के कारण जेल जा चुके थे। परिवार की राजनीतिक सक्रियता के चलते ही सिद्धार्थ की रुचि राजनीति में हो गयी। सिद्धार्थ ने उच्च शिक्षा हासिल ही है। उन्होंने इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद झांसी के एक मेडिकल कॉलेज से ऑप्टोमेट्री में डिप्लोमा कोर्स भी किया। उन्हें यूपी के स्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी मिल गई और कन्नौज में तैनाती मिली। शायद सिद्धार्थ को इस वजह से पार्टी के भीतर “डॉक्टर” कहा जाता था। हालांकि, मायावती ने एक बार इस पर आपत्ति जताई थी क्योंकि ये कोई मेडिकल डिग्री नहीं थी।

मायावती से जुड़े

2000 के दशक की शुरुआत में सिद्धार्थ मायावती के ध्यान में आए, जिन्होंने उन्हें कांशीराम द्वारा स्थापित सरकारी कर्मचारियों के निकाय बामसेफ (पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ) का फर्रुखाबाद जिला संयोजक नियुक्त किया। इसके बाद, मायावती ने उनसे सरकारी नौकरी छोड़ने और राजनीति में फुल टाइम काम करने के लिए कहा। सिद्धार्थ पूरी तारह राजनीती में उतर गए और बसपा के लिए काम करने लगे। जब मायावती यूपी की मुख्यामंत्री थीं उस दौरान 2009 में उन्होंने सिद्धार्थ को राज्य विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया, जहाँ वे 2015 तक एमएलसी रहे। 2016 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा भिजवाया जहाँ उनका कार्यकाल 2022 तक रहा।

आकाश का विवाह

मार्च 2023 में मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश की शादी सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा से हुई जिसने लंदन से मेडिकल की पढ़ाई की हुई थी। आकाश ने भी लंदन से एमबीए की डिग्री हासिल की थी।

बहरहाल, अब आकाश और सिद्धार्थ दोनों को ही मायावती ने अपने से दूर कर दिया है लेकिन बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार अभी भी मायावती के करीब हैं। आकाश को राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटाते समय मायावती ने आनंद कुमार को इस पद पर नियुक्त किया था। लेकिन आनंद कुमार ने अनुरोध किया है कि उन्हें राष्ट्रीय समन्वयक के पद से मुक्त किया जाए, ताकि वह एक पद पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

बसपा एमएलसी या सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सिद्धार्थ प्रयागराज, बस्ती, गोरखपुर आदि सहित यूपी के विभिन्न क्षेत्रों के पार्टी प्रभारी रहे हैं। पार्टी से निकाले जाने के समय सिद्धार्थ तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश सहित दक्षिणी राज्यों में पार्टी मामलों के प्रभारी थे। इससे पहले वह महाराष्ट्र पार्टी प्रभारी के रूप में भी काम कर चुके हैं, जहां से उन्हें नवंबर 2024 के विधानसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर हटा दिया गया था। बताया जाता है कि हाल ही में बसपा के कुछ नेताओं ने मायावती से शिकायत की थी कि सिद्धार्थ पार्टी में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

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