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Baijnath Rawat: कौन हैं बैजनाथ रावत? जिन्हें उप चुनाव से पहले सीएम योगी ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
Baijnath Rawat: बैजनाथ रावत तीन बार विधायक रह चुके हैं और एक बार साल 1998 में बाराबंकी से लोकसभा सांसद भी चुने गए थे। साथ ही वे यूपी सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
Baijnath Rawat: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के वरिष्ठ नेता बैजनाथ रावत को प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उप चुनाव से पहले बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। 2017 में बाराबंकी से बीजेपी के विधायक रहे बैजनाथ रावत को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं गोरखपुर से पूर्व विधायक बेचन राम और सोनभद्र से जीत सिंह खरवार को उपाध्यक्ष बनाया गया है। आयोग में एक अध्यक्ष दो उपाध्यक्ष के साथ 9 सदस्यों के नाम की घोषणा की गई है। बैजनाथ रावत बीजेपी के सीनियर लीडर हैं। वे लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। पार्टी ने उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंप कर दलित वोट बैंक को अपने पाले में लाने की बड़ी कोशिश की है।
जानिए कौन हैं बैजनाथ रावत
बैजनाथ रावत का राजनीति से काफी पुराना नाता है। उन्होंने विधायक से लेकर सांसद तक की जिम्मेदारी संभाली है। रावत बाराबंकी के हैदरगढ़ के पास मौजूद एक गांव के रहने वाले हैं। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रावत को बाराबंकी के हैदरगढ़ सीट से टिकट दिया था और रावत ने चुनाव में भारी मतों के साथ जीत हासिल की थी। रावत ने सपा के दो बार के विधायक राम मगन को करीब 33 हजार वोटों से पराजित किया था।
जब बीजेपी से हो गए थे नाराज
बैजनाथ रावत तीन बार विधायक रह चुके हैं और एक बार साल 1998 में बाराबंकी से लोकसभा सांसद भी चुने गए थे। साथ ही वे यूपी सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि, बैजनाथ रावत के सियासी सफर में मोड़ उस समय आया जब साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया, जिससे रावत पार्टी से काफी नाराज भी हो गए थे। यही नहीं उन्होंने आलाकमान से नाराजगी जताते हुए यहां तक कह दिया था कि क्या उनका नाता दलित समाज से है इसीलिए उनका टिकट काटा गया। बीजेपी ने बैजनाथ रावत की जगह हैदरगढ़ से दिनेश रावत को टिकट दिया था।
दलित परिवार आते हैं
बैजनाथ रावत एक दलित परिवार से आते हैं। वे राजनीति में इतना लंबा समय गुजारने के बाद भी सादगी के साथ जीवन जीते हैं। वे खुद खेती करते हैं और खुद ही जानवरों को चारा डालते हैं। हालांकि अब आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही बैजनाथ रावत के कंधों पर योगी सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी भी सौंप दी है।