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Next BJP UP President: बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन, इन दो नामों की चल रही है चर्चा
Next BJP UP President: स्वतंत्र देव सिंह के योगी कैबिनेट में शामिल होने के बाद इस ओर सबकी निगाहें हैं कि आखिर अब अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होने वाला है।
BJP UP President: उत्तर प्रदेश में सरकार गठन के बाद सबसे ज्यादा जिसकी चर्चा हो रही है, वह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) का अगला प्रदेश अध्यक्ष (BJP UP President) कौन होगा? क्योंकि स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) अब योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) में शामिल हो गए हैं। स्वतंत्र देव सिंह अब अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ेंगे उसके बाद अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
अगला प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी किसे मिलेगी इसके लिए पार्टी आलाकमान जातीय समीकरण को ध्यान में रख सकता है, क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव सामने हैं। ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कोई ब्राह्मण, ओबीसी या दलित में से हो सकता है।
इन दो नामों की चर्चा
फिलहाल अभी दो नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है, उनमें मथुरा से विधायक श्रीकांत शर्मा (Shrikant Sharma) और उपमुख्यमंत्री रहे दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) का नाम शामिल है। बीजेपी कार्यालय में भी इन्हीं नामों की सुगबुगाहट तेज है, बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि इन दो नेताओं में से किसी एक को जिम्मेदारी देने पर विचार हो रहा है। फिलहाल आखिरी मुहर दिल्ली से लगनी है। आलाकमान (BJP High Command) जिसके नाम पर अपनी मुहर लगाएगा वह अगला प्रदेश अध्यक्ष (BJP State President) बनेगा।
जिन दो नामों की सबसे ज्यादा अभी चर्चा हो रही है वह योगी सरकार के पहले कार्यकाल में बड़े दायित्व को संभाल चुके हैं, दिनेश शर्मा जहां उपमुख्यमंत्री थे, वहीं श्रीकांत शर्मा ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं लेकिन इस बार इन तीनों नेताओं को सरकार में जगह नहीं मिली है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा है कि कोई ब्राम्हण चेहरा ही यूपी प्रदेश अध्यक्ष की गद्दी पर बैठ सकता है।
ब्राह्मणों को साधने की कोशिश
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को साधने की कोशिश सभी करते हैं, वह चाहे 2007 का चुनाव रहा हो 2012, 2017 का हो या फिर 2022 का सभी ब्राह्मणों को रिझाने में लगे थे, लेकिन आखिरी वक्त में 2017 की तरह 2022 में भी ब्राहमण समाज के 70 प्रतिशत लोग बीजेपी के ही साथ खड़े दिखाई दिए। ऐसे में कहा जा रहा है कि ब्राह्मण समुदाय से कोई प्रदेश अध्यक्ष हो सकता है।
वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि ओबीसी या दलित समाज का भी प्रदेश अध्यक्ष हो सकता है क्योंकि इनके मतदाता सबसे ज्यादा हैं और बीजेपी इन्हें साधने के लिए इनके समुदाय के किसी नेता को अध्यक्ष पद पर बैठा सकता है। फिलहाल यह फैसला आलाकमान को करना है अब देखना होगा कि वह अपना भरोसा किस नेता पर जताते हैं।
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