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लाख टके का सवाल कौन बनेगा एपीसी
1986 बैच के अफसरों में नोएडा के चैयरमैन और सीईओ अपनी ईमानदार कार्यशैली की वजह से आलोक टण्डन सबसे आगे हैं। लेकिन वैश्य लॉबी के अफसर सक्रिय होने के कारण अब इस पद के लिए 1986 बैच के ही मुकुल सिंघल का नाम ज्यादा चर्चा में है।
धनंजय सिंह
लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार भ्रम की स्थिति में बानी हुई हैं कि कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) के पद पर किसकी तैनाती करे, पिछले एक माह से कृषि उत्पादन आयुक्त का पद रिक्त है। अभी तक सरकार ने चुनावी अधिसूचना के बहाने किसी अधिकारी की तैनाती नहीं कर पायी, क्या इससे पहले अधिसूचना में किसी की तैनाती नहीं हुई हैं। सरकार के पास एपीसीके पद पर किसी आईएएस अधिकारी की तैनाती करना चुनौती बनी हैं।
सत्ता के गलियारे में मुख्यसचिव के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त के रिक्त पद को लेकर आईएएस अधिकारियों में इन दिनों दौड़ तेज हो गयी है। इस पद के लिए सबसे आगे फिलहाल आलोक टण्डन, अलोक सिन्हा और मुकुल सिंघल का नाम सबसे अधिक चर्चा में है। फैसला सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को करना है। कृषि उत्पादन आयुक्त की कमान किसको सौंपी जाएगी, इसको लेकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है।
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यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद तीन आईएएस अधिकारियों को कृषि उत्पादन आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी, जिसमें चंद्र प्रकाश, राज प्रताप सिंह और डा.प्रभात कुमार शामिल थे। मुख्यमंत्री ने चंद्र प्रकाश को हटाकर ईमानदार छबि के अधिकारी राज प्रताप सिंह को सौंपी, राजप्रताप सिंह के द्वारा वीआरएस लेने के बाद डा. प्रभात कुमार को कृषि उत्पादन आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गयी। पिछले 30 अप्रैल को डा. प्रभात कुमार भी सेवनिवृत्ति हो गए। पिछले दो वर्ष के कार्यकाल में योगी सरकार ने कृषि उत्पादन आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पद पर ईमानदार छबि के अधिकारियों तैनाती की, उससे सत्ता के गलियारे में कयास लगाए जा रहे है कि इस बार भी किसी ईमानदार छवि के अधिकारी को कमान मिलने कि सम्भावना जताई जा रही है।
कृषि उत्पादन आयुक्त पद के लिए 1985 बैच से लेकर 1987 तक के आईएएस अफसरों ने अपनी दावेदारी के लिए किलेबंदी शुरू कर दी है। योगी सरकार के जेम्स बांड अफसर यानी कृषि उत्पादन आयुक्त डा. प्रभात कुमार रिटायर हो गए हैं। इस पद के लिए 1986 बैच के आलोक सिन्हा का नाम लगभग तय हो गया था। 1986 बैच के अफसरों में नोएडा के चैयरमैन और सीईओ अपनी ईमानदार कार्यशैली की वजह से आलोक टण्डन सबसे आगे हैं। लेकिन वैश्य लॉबी के अफसर सक्रिय होने के कारण अब इस पद के लिए 1986 बैच के ही मुकुल सिंघल का नाम ज्यादा चर्चा में है।
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कृषि उत्पादन आयुक्त क्यों है महत्वपूर्ण
प्रदेश में मुख्यसचिव के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त का पद शासन में माना जाता है, इसके अंतर्गत लगभग 12 विभाग आते है। इस विभाग के अंदर कृषि, पंचायतीराज, सहकारिता, दुग्ध,पशुधन, मत्स्य, ग्राम्य विकास, उद्यान, युवा कल्याण, रेशम और समन्वय विभाग आते हैं। इस महत्वपूर्ण विभाग के लिए मुख्यसचिव से जूनियर अधिकारियों कि पोस्टिंग होती रही हैं। यह पद अभी रिक्त चल रहा हैं। सरकार इस जोड़ तोड़ के बीच जल्द ही इस पद पर किसी आईएएस अधिकारी की तैनाती कर सकती हैं।