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मुंबई को भारत की कमर्शियल कैपिटल क्यों कहा जाता है?
मुंबई, बम्बई, बॉम्बे : ये नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सिनेमा, लम्बी लम्बी इमारते, स्टॉक एक्सचेंज, भीड़भाड़ सब का सब एक साथ दिखने लग जाता हे और अगर हम में कुछ लोग मुंबई गये होंगे तो वहा की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रैन भी याद आ जाती हे। इन सब के साथ मुंबई शहर को भारत देश की कमर्शियल कैपिटल या आर्थिक राजधानी भी कहा जाता हे।
मुंबई देश की आर्थिक राजधानी क्यूँ ?
आज हम इन्ही कारणों का विश्लेषण करंगे की क्यों मुंबई आर्थिक राजधानी है।
धन की देवी ‘लक्ष्मी’ का मायका ‘मुंबई’ को कहा जाता है | पुराणों में लक्ष्मी को समुद्र की संतान माना गया है | मुम्बई को लक्ष्मी का घर भी कहा जाता है। इस मान्यता के कारण ही समुद्र के किनारे बसे सभी शहरों में बहुत धन-धान्य पाया जाता है | धन को माया भी कहा जाता है| धन की अथाह उपलब्धता के कारण ही मुंबई को मायानगरी के नाम से भी जाना जाता है |
दरअसल “मुम्बई” नाम दो शब्दों से मिलकर बना है, मुंबा या महा - अंबा – हिन्दू देवी दुर्गा का रूप, जिनका नाम मुंबा देवी है और “आई” को मराठी में "मां" कहते हैं।
आइये अब उन तथ्यों पर विचार करते हैं जो मुम्बई को भारत की आर्थिक राजधानी बनाते हैं|
मुम्बई की भौगोलिक स्थिति
मुम्बई की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह शहर समुद्र के किनारे स्थित है जिसके कारण यह सम्पूर्ण विश्व के साथ व्यापारिक संपर्क आसानी से बना लेता है |
ब्रिटिश राज में भी सबसे पहले यहीं पर औद्योगिक विकास शुरू हुआ था | यहाँ का सूती कपड़ा उद्योग एक समय में बहुत ही समृद्ध एवं प्रसिद्द रहा है|
शेयर बाजार तथा देश का प्रमुख विनिमय केन्द्र
बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज भारत का सबसे पुराना तथा सबसे बड़ा विनिमय केन्द्र है। बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज भारत का पहला स्टाक एक्सचेंज है जिसे प्रतिभूति प्रतिबंध अधिनियम (1956) के अंतर्गत, सरकार द्वारा स्थायी स्वरूप प्रदान किया गया। बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज की स्थापना 1875 में की गई, जो कि भारत ही नहीं बल्कि एशिया महाद्वीप का भी पहला स्टॉक एक्सचेंज था। बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज की भारत के वाणिज्यिक विकास में मुख्य भूमिका निभाता है।
बड़े उद्यमों के मुख्यालय तथा कार्यालयों की उपस्थिति
कई वित्तीय संस्थानों के कार्यालय जैसे भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज तथा टाटा समूह, गोदरेज, रिलायंस आदि के कार्यालय यहीं पर स्थित हैं।
सपनों का शहर
मुम्बई में अधिकाधिक, व्यावसायिक मौकों की मौजूदगी के कारण यह भारत के अन्य शहरों के लोगों को प्रवास के लिए आकर्षित करता है। जल-मार्ग तथा वायु मार्ग की उपस्थिति के कारण यह प्रवासियों को लुभाता रहा है। मुम्बई को सपनों का शहर इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि पूरे देश से रोजाना यहां तकरीबन 5 लाख लोग आते हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति मुम्बई आता है, उसके दिन अवश्य ही बदलते हैं।
बॉलीवुड का केन्द्र
मुम्बई में ही मनोरंजन के दो प्रमुख स्रोत सिनेमा तथा टेलीविजन जगत का मुख्यालय स्थित है तथा यहां विश्व में सालाना सबसे अधिक फिल्में बनायी जाती हैं। और संभव कि एक दिन मुम्बई भारत की ओर से लांस एन्जेलेस को चुनौती दे डाले। बॉलीवुड उद्योग का सालाना कुल आमदनी लगभग 3 अरब डॉलर है।
भारत में वाणिज्यिक गतिविधियों का केन्द्र
मुम्बई भारत की सबसे वैभवशाली नगरी है। भारत के उद्योगों का 25% हिस्सा तथा सकल घरेलू उत्पाद का 5% हिस्सा मुम्बई से प्राप्त होता है| तकरीबन 3 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले इस शहर से देश के समुद्री व्यापार का 40 फीसदी व्यापार होता है। इसके अलावा देश का 70 फीसदी पूंजीगत लेन-देन भी यहीं से होता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पूरे देश से इकट्ठा होने वाले इंकम टैक्स का 30 फीसदी हिस्सा केवल मुम्बई से आता है।
रोजगार का केन्द्र
मुम्बई विश्व के निवेशकों को भारतीय बाजारों की ओर आकर्षित करता है। भारत की अर्थव्यवस्था को मुम्बई से सबसे अधिक राजस्व की प्राप्ति होती है तथा लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर भी इसी नगरी में प्राप्त होते हैं।
करोड़पतियों का शहर
पूरे महाराष्ट्र राज्य में मुम्बई की प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक 1.67 लाख है | भारत के सबसे ज्यादा अमीर लोग 41,200 करोड़पति इसी शहर में रहते हैं जबकि दिल्ली में 20,600 करोड़पति रहते हैं |
पत्तन तथा जहाज निर्माण उद्यम
मुम्बई का जहाज निर्माण उद्यम विश्व में प्रशंसनीय है। मुम्बई, विदेशी मुद्रा को आकर्षित करने में बहुत प्रशंसनीय योगदान देता है | भारत के कुल समुद्र व्यापार का 40% यहां से होता है।
गेटवे ऑफ इंडिया
गेटवे ऑफ इंडिया मुम्बई की पहचान का पर्याय बन गया है। जो पर्यटक इस शहर को घूमना चाहते हैं उनके लिए यह प्रवेश द्वार की तरह कार्य करता है | इसी प्रकार यह गेटवे विदेशी निवेशकों और पर्यटकों को आकर्षित करता है जो कि विदेशी मुद्रा के बहुत बड़े स्रोत हैं |