×

नियमों के विरुद्ध यूपी IAS के खिलाफ दिए विजिलेंस जांच के आदेश, इतनी जल्दबाजी क्यों?

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय ने आईएएस अधिकारी अमित घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितता को लेकर जांच की जो सिफारिश की, उसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम कहा जा सकता है।

tiwarishalini
Published on: 3 Jun 2017 8:28 AM GMT
नियमों के विरुद्ध यूपी IAS के खिलाफ दिए विजिलेंस जांच के आदेश, इतनी जल्दबाजी क्यों?
X

लखनउ: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय ने आईएएस अधिकारी अमित घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितता को लेकर जांच की जो सिफारिश की, उसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम कहा जा सकता है।

जांच के आदेश में नियम के तहत सिफारिश का तरीका नहीं अपनाया गया। सीएम कार्यालय ने यूपीएसआईडीसी के टेंडर को लेकर घोष के खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश की है।

यह भी पढ़ें .... 1,100 करोड़ के घोटाले में फंसे IAS अमित घोष, CM ऑफिस ने विजिलेंस को सौंपी जांच

विजिलेंस विभाग सामान्यत: राज्य विजिलेंस कमेटी से मिलने वाली सिफारिश पर ही जांच करता है जिसके प्रमुख मुख्य सचिव होते हैं। लेकिन इस मामले में खासी जल्दबाजी की गई। सीएम के विशेष सचिव आदर्श सिंह ने विजिलेंस विभाग के महानिदेशक को इसे गंभीर मामला बताते हुए 15 दिन में जांच करने की सिफारिश की।

आधिकारिक प्रक्रिया के अनुसार, सीएम सचिवालय को पहले इसे विजिलेंस विभाग से वेरीफाई कराना होता है। वो सीधे जांच के लिए नहीं कह सकता। आखिर इसके पीछे क्या कारण था कि इसमें इतनी जल्दबाजी दिखाई गई।

जांच का आदेश अरूण मिश्रा की शिकायत पर दिया गया। जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2 अगस्त 2016 से 14 अप्रैल 2017 तक यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (यूपीएसआईडीसी) के प्रबन्घ निदेशक रहते हुए अनूप घोष ने सरस्वती हाइ्रटेक सिटी और ट्रांस गंगा सिटी को टेंडर देने में भारी अनियमितता की।

सीएम सचिवालय का कोई अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story