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लखनऊ में पहली बार क्यों हुई उर्दू भाषा में रामलीला? वजह जान चौंक जायेंगे आप

श्रीराम के जन्म से वनगमन व रावण-वध के बाद विभीषण को लंकापति बनाकर। जब श्रीराम वापस अयोध्या आए तो मंच देखकर लगा कि आज ही दीपावली का दीपोत्सव है।

Aditya Mishra
Published on: 24 Oct 2019 11:05 AM IST
लखनऊ में पहली बार क्यों हुई उर्दू भाषा में रामलीला? वजह जान चौंक जायेंगे आप
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लखनऊ: दास्तान-ए-राम के नाम से गोमतीनगर के संगीत नाटक अकादमी मे देर शाम श्रीरामचरितमानस पर आधारित कलाकारों ने श्रीरामलीला का मंचन अवधी या हिन्दी भाषा में नही बल्कि उर्दू भाषा में मंचन कर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की लीला का विशेष दर्शन कराया।

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श्रीराम के जन्म से वनगमन व रावण-वध के बाद विभीषण को लंकापति बनाकर। जब श्रीराम वापस अयोध्या आए तो मंच देखकर लगा कि आज ही दीपावली का दीपोत्सव है। दर्शकों ने किरदारों के हुनर को देखकर दांतो तले अंगुलियां दबा ली। खूब तालियां बजाकर जमकर तारीफ की।

इस दौरान दास्तान-ए-राम के मंचन में मधुर शेरो-शायरी के साथ भरतनाट्यम कथक के घुंघरू खूब बजे। वहीं लंकेश रावण की विराट सेना में नागालैंड की संस्कृति की झलक दिखाई दी। इसी मंच पर प्रोड्यूसर तारिक खान ने श्रीराम के आदर्श को बखूबी से कलाकारों को बताया था।

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40 से अधिक हिंदू-मुसलमान कलाकारों ने इस लीला का मंचन किया।मुस्तजब मलिक के निर्देशन में संदीप करतार सिंह ने श्रीराम की और लक्ष्मण की भूमिका मो. अहमद ने अदा की है।

मां सीता का किरदार सानपा रहमान ने, भरत के रुप में मोहम्मद अदीब व शत्रुघ्न की भूमिका नजीब ने निभाई है। जबकि लंकापति रावण की भूमिका सुशील ने निभाई।

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Aditya Mishra

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