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अपात्रों को विधवा पेंशन बांटने के मामले में हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपात्र महिलाओं को विधवा पेंशन बांटे जाने के मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा है कि इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को निर्देश प्राप्त कर जवाब देने का भी आदेश दिया है तथा मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 दिसम्बर तिथि नियत कर दी है।
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपात्र महिलाओं को विधवा पेंशन बांटे जाने के मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा है कि इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को निर्देश प्राप्त कर जवाब देने का भी आदेश दिया है तथा मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 दिसम्बर तिथि नियत कर दी है।
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यह आदेश जस्टिस डी के अरोड़ा और जस्टिस राजन रॉय की बेंच ने संदीप कुमार की याचिका पर दिया। सीतापुर निवासी संदीप की ओर से कहा गया कि उसके जीते जी उसकी पत्नी को विधवा पेंशन मिल रहा है।
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याची का यह भी दावा है कि उसके गांव की तमाम ऐसी औरतों को विधवा पेंशन बांटा जा रहा है जिनके पति जीवित हैं। याची ने मामले की सघनता से जांच करते हुए ऐसे सरकारी अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिन्होंने अपात्रों को विधवा पेंशन दिए जाने की स्वीकृति दी। याचिका में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किए जाने की मांग की गई है।
मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि सरकारी निधि का सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से गबन किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला काफी गम्भीर है लिहाजा इसमें जांच की आवश्यकता है। याची एक सरकारी कर्मचारी है और सफाईकर्मी के पद पर तैनात है।