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Video:सरकारी रिकॉर्ड में विधवा को दिखाया मृत, डेढ़ साल से नहीं मिल रही समाजवादी पेंशन

यूपी के हापुड़ में एक 50 साल की विधवा महिला अधिकारियों के चक्कर लगा-लगा कर कह रही है। इस महिला को समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने जीते जी ही मार डाला है और अब इस विधवा महिला को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर दिया।

tiwarishalini
Published on: 8 Oct 2016 3:46 PM IST
Video:सरकारी रिकॉर्ड में विधवा को दिखाया मृत, डेढ़ साल से नहीं मिल रही समाजवादी पेंशन
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विक्टिम महिला भागीरती विक्टिम महिला भागीरती

हापुड़: साहब मैं जिंदा हूं, सुनिए साहब मैं अभी जिंदा हूं, एक बार तो सुन लीजिए साहब मैं अभी भी जिंदा हूं, जी हां ये हम नही बल्कि यह यूपी के हापुड़ में एक 50 साल की विधवा महिला अधिकारियों के चक्कर लगा-लगा कर कह रही है। इस महिला को समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने जीते जी ही मार डाला है और अब इस विधवा महिला को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर दिया।

क्या है मामला ?

-दरअसल भागरती देवी पिछले कई सालों से थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव मुक्तेशरा में रह रही है।

-भागरती देवी के पति संत सिंह किसान थे।

-जिनकी बिमारी के चलते कई साल पहले ही मौत हो गई थी।

-पति की मौत के बाद विधवा भागरती देवी को हर महीने 300 रुपए समाजवादी विधवा पेंशन मिलने लगी।

सरकारी रिकॉर्ड में दिखाया मृतक

-समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भागरती को सरकारी दस्तावेजों में मृतक दिखा दिया।

-यही नहीं समाज कल्याण विभाग ने डेढ़ साल से भागरती की पेंशन भी रोक दी।

-जब कई महीनो तक भागरती देवी को पेंशन नही मिली तो वह समाज कल्याण विभाग में पहुंची।

-भागरती ने अपनी पेंशन के बारे में जानकारी ली।

-भागरती देवी को बताया गया कि उनकी तो डेढ़ साल पहले ही मौत हो चुकी है।

-जिसकी वजह से उसकी पेंशन रोक दी गई है।

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डेढ़ साल से दे रहीं अपने जिंदा होने का सबूत

-ये सब सुनकर भागरती देवी के पैरों तले जमींन खिसक गई और भागरती देवी अपने जिंदा होने का सबूत अधिकारियों को देने लगी।

-लेकिन अधिकारियों ने भागीरती की एक न सुनीं और उन्हें भगा दिया।

-अब भागीरती अधिकारियों को डेढ़ साल से अपने जिंदा होने के सबूत दे रही है।

-लेकिन कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है।

-भागरती देवी को अभी तक सरकारी दस्तावेजों में मृतक ही दिखाया हुआ है।

-अधिकारी भागरती देवी को जिंदा मानने को तैयार नहीं है।

क्या कहते हैं अधिकारी ?

जब इस मामले में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो अधिकारियों ने मीटिंग का बहाना करके मीडिया से मिलने के लिए इंकार कर दिया और इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया। जब समाज कल्याण विभाग के अधिकारी मीडियाकर्मियों से नहीं मिले तो बड़े अधिकारियो ने इस बात का संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच हापुड़ एसडीएम को सौंपते हुए कहा कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

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tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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