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अगर हो चुका होगा कोरोना वैक्सीनेशन, तभी इस प्राचीन मंदिर में मिलेगा श्रद्धालुओं का प्रवेश
प्रसिद्ध दूधेश्वर नाथ मंदिर में अब सिर्फ उसी श्रद्धालु की एंट्री मंदिर में होगी जिसका कोरोना वैक्सीनेशन हो चुका होगा।
गाजियाबाद: गाजियाबाद (Ghaziabad)में स्थित देश के 8 मंदिर मठों में से एक प्रसिद्ध दूधेश्वर नाथ मंदिर (Dudheshwar Nath Temple) मठ के महंत ने कहा है कि अब सिर्फ उसी श्रद्धालु की एंट्री मंदिर में होगी जिसका कोरोना वैक्सीनेशन (corona vaccine)हो चुका होगा। अगर वेक्सीन का टीका नहीं लगा होगा तो मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर के द्वार पर ही वैक्सीनेशन का सरकारी सर्टिफिकेट (Government certificate) चेक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 8 जून से यूपी के मंदिर दोबारा भक्तों के लिए खोले जा सकते हैं। लेकिन मंदिर के द्वार खुलने के बाद नया नियम तुरंत लागू हो जाएगा। यही नहीं देश के अन्य मंदिर और मठों में भी इस नियम को लागू करने पर चर्चा की जा रही है। मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी से हमने खास बातचीत की।
महंत श्री नारायण गिरी का कहना है कि पूरे देश में जूना अखाड़ा इस बात पर चर्चा कर रहा है, कि सभी बड़े मंदिरों और मठों में यही व्यवस्था लागू की जाए।जिन लोगों के पास त्वरित रूप से फिलहाल वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र नहीं होगा,उनके लिए 24 घंटे पहले का कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट मान्य किया जा सकता है। लेकिन इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि कड़े नियमों के साथ ही मंदिर में श्रद्धालुओं की दोबारा से एंट्री करवाई जाए।मंदिर पर इससे संबंधित नोटिस भी चस्पा किया गया है।
रावण ने की थी पूजा अर्चना
जाहिर है मंदिर द्वारा लिया गया यह फैसला देश के बाकी मंदिरों के लिए भी इसी तरह की प्रेरणा का काम करेगा और सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की एंट्री से पहले सख्त नियम लागू किए जा सकते हैं। आपको बता दें, प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर की देश में अपनी मान्यता है। प्राचीन काल में यहां पर रावण ने भी पूजा अर्चना की थी।बताया जाता है कि रावण ने अपने 10 सिरों में से एक सिर भगवान दूधेश्वर नाथ के चरणों में अर्पित कर दिया था।हर साल शिवरात्रि पर मंदिर में लाखों भक्तों की कतार लगती है। तो वहीं सोमवार को भी दिल्ली और आसपास से हजारों की संख्या में भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।