×

कोई नारी न हो विवश ,ऐसे मनाएं विश्व महिला दिवस:- प्रधानाचार्य अर्चना

महिला सृष्टि का पहिया है ईश्वर ने प्रथम पुरुष के सत्व के रुप में नारी की उत्पत्ति की थी इसीलिए नारी को अर्द्धांगिनी कहते हैं। वैदिक काल में नारी और पुरुष दोनों को समता का स्थान प्राप्त था।

Vidushi Mishra
Published on: 7 March 2021 1:03 PM GMT
कोई नारी न हो विवश ,ऐसे मनाएं विश्व महिला दिवस:- प्रधानाचार्य अर्चना
X
महिला सृष्टि का पहिया है ईश्वर ने प्रथम पुरुष के सत्व के रुप में नारी की उत्पत्ति की थी इसीलिए नारी को अर्द्धांगिनी कहते हैं।

कानपुर। महिला सृष्टि का पहिया है ईश्वर ने प्रथम पुरुष के सत्व के रुप में नारी की उत्पत्ति की थी इसीलिए नारी को अर्द्धांगिनी कहते हैं। वैदिक काल में नारी और पुरुष दोनों को समता का स्थान प्राप्त था। उक्त बातें मुख्य अतिथि के रूप में पधारीं सरस्वती शारदा विद्या मंदिर झींझक की प्रधानाचार्य अर्चना ने विश्व महिला दिवस की पूर्व संध्या पर सिठमरा में आयोजन संगोष्ठी एवं नारी सशक्तिकरण रैली को सम्बोधित करते हुए कही।

ये भी पढ़ें...किसान आंदोलन में गरमाया असली और नकली ‘खाप चौधरी’ का मुददा, जानें पूरी बात

महिलाओं का जीवन स्तर

उन्होंने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या,विधवा उपेक्षा,परित्यक्तता,बहुपत्नी प्रथा से महिलाओं का जीवन स्तर बिगड़ता रहा है। हमारे संविधान के अनुच्छेद पन्द्रह की उपधारा तीन से राज्य सरकार को यह अधिकार प्राप्त है कि वो महिलाओं के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए नियम निर्माण कर सकें।

आंँगनवाडी़ सत्यवती ने बताया कि महिलाओं के साथ गरिमामय व्यवहार हर पुरुष का संवैधानिक दायित्व है। इस संगोष्ठी का आयोजन जूनियर विद्यालय सिठमरा की छात्रा प्रियंका ने अपने सखियों के साथ निर्मित आकर्षक आदमकद पोस्टर के साथ किया। जिसमें मंजू देवी, रामशखी,मिथलेश कुमारी, नीलम शुक्ला, मीनाक्षी, साक्षी, प्रियंका, शालिनी शान्या सहित छब्बीस से अधिक लोग शामिल थे।

बाद में यही संगोष्ठी रैली के शक्ल में गोपीकिशन के घर से प्रारंभ होकर ग्रामीण बैंक पुलिस चौकी होते हुए प्राथमिक विद्यालय सिठमरा के पास जाकर समाप्त हुई। रैली में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बेटी है तो जीवन है।

women फोटो-सोशल मीडिया

कोई महिला न हो विवश,ऐसे मनाएं विश्व महिला दिवस के नारे लगाए। जूनियर सिठमरा डेरापुर कानपुर देहात उप्र की प्रियंका ने पन्द्रह सौ रुपए का प्रथम और दीक्षा यादव ने एक हजार रूपये का जीता।

ये भी पढ़ें...जिस बेटे को उंगली पकड़कर चलना सिखाया था, उसी ने बेरहमी से कर दी पिता की हत्या

हर नारी का सम्मान

द्वितीय पुरस्कार एस डी इण्टर नेशनल विद्यालय रसूलाबाद में आयोजित हुई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रतियोगिता एस डी इण्टरनेशनल विद्यालय मुलही में बोले वक्ता हर नारी का सम्मान सभ्य समाज की है पहचान।

रसूलाबाद कानपुर देहात! अपने दायित्व के निर्वहन के साथ ही हर नारी को अपने अधिकारियों के लिए जागरूक होना ही चाहिए। हर बालिका को दस दस महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए जागरूक करने का समाज हितैषी कार्य करने के लिए आगे आना होगा।

उक्त बात विद्यालय के प्रबंधक ब्रजेश मिश्रा ने एस डी इण्टरनेशनल विद्यालय मुलही में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चित्र कला प्रतियोगिता के प्रतिभागी विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कही!

इस अवसर पर उप प्रबंधक अजय चौरसिया ने कहा कि सर्वदा अभिनंदनीय अभिवंदनीय पूजनीय बेटियाँ अलेक्ट्रा ग्रन्थि के प्रभाव से पिता को बहुत प्यार करती हैं।

इस प्रतियोगिता में पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिठमरा की छात्रा प्रियंका ने पन्द्रह सौ रुपए का प्रथम पुरस्कार, दीक्षा यादव ने एक हजार रुपए का द्वितीय,एस डी इण्टरनेशनल विद्यालय मुलही रसूलाबाद की शैलजा ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया।

सान्त्वना पुरस्कारों में आयुषी,साक्षी,सगुन शामिल रहे इस अवसर पर राज्य स्तरीय प्रशिक्षक नवीन कुमार दीक्षित ने बच्चों में पर्यावरण के लिए प्रेम भरते हुए चिड़िया ताली सिखाकर छत पर दाना पानी रखने की अपील की। इस अवसर पर समाजसेवी गोपीकिशन सहित विद्यालय के शिक्षक और बच्चे उपस्थित थे।

ये भी पढ़ें...देश की पहली महिला कुलपति संगीता श्रीवास्तव, संभाली कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां

रिपोर्ट- मनोज सिंह

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story