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बालगृह की संवासिनी ने जज को लिखा लेटर, कहा- यहां हर चीज का रेट तय
लखनऊ. राजधानी के मोतीनगर में राजकीय बालगृह का बवाल शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां एक के बाद एक कई लड़कियों के प्रेग्नेंट होने के खुलासे ने बाल गृह पर सवालिया निशान लगाए हैं। वहीँ बाल गृह में रहने वाली एक संवासिनी ने टूटी-फूटी भाषा में एक लेटर में अधीक्षिका पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
लेटर में लिखा है
-जज को संबोधित करते हुए संवासिनी ने लिखा है कि यहां लड़कियों की उम्र का टेस्ट कराकर उनके बालिग होने पर भी उन्हें यहां रखा जाता है।
-बालिग और शादीशुदा लड़कियों को पति और परिवारवालों से मिलाने के नाम पर हजारों रुपए वसूले जाते हैं।
-सबका रेट तय है।
-पति से मिलने का 10,000 रूपए, घर वालों से 5,000 और फोन पर बात कराने के लिए भी पैसे देने पड़ते हैं।
-पैसे नहीं देने पर लड़कियों को उनके परिजनों से मिलने नहीं दिया जाता था।
-शादीशुदा लड़कियों के इनकार करने पर दूसरी शादी की धमकी भी दी जाती थी।
-सजा के तौर पर कीड़े वाली दाल और मुंह खोलने पर गंदी संस्था में ट्रांसफर की धमकी दी जाती थी।
-यहां न तो लड़कियों को उनकी इच्छा पर पढ़ने दिया जाता था और न हीं कोई नौकरी दिलाई जाती थी।
जांच की मांग
-अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा) की चेयरपर्सन मधु गर्ग ने डीएम को पत्र लिखकर जांच की मांग की है।
-बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष जूही सिंह ने कहा मामला हमारे भी संज्ञान में आया हैं।
-आयोग ने इस लेटर को अपनी जांच का हिस्सा बनाया है।
-अधीक्षिका पहले से ही सस्पेंड है।
-उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।
-जो आरोप सामने आए हैं उसकी भी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।