7 साल बाद आया फैसला, भाभी को उम्र कैद, देवर का किया था मर्डर

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Published on: 1 March 2016 6:45 AM GMT
7 साल बाद आया फैसला, भाभी को उम्र कैद, देवर का किया था मर्डर
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बलरामपुरः सात साल पहले की गई हत्या के मामले में एक महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जिला जज उमेश सिंह ने ये फैसला सुनाया वहीं सह आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। पैसों की लालच में भाई-भाभी ने रामनारायन की जहर देकर हत्या कर दी थी।

क्या था मामला?

-मामला कोतवाली उतरौला के ग्राम बासूपुर का है।

-2009 में रामनारायन की संदिग्ध परिस्थितियों में जहर देकर हत्या की गई थी।

-हत्या का आरोप परिवार के ही तोताराम अशर्फीलाल, रामगोपाल तथा रेखा पर लगा था।

-मृतक के भाई माता प्रसाद पुत्र दुखी ने इस घटना पर पुलिस में केस किया था।

-21 मार्च 2009 को चारों के विरुद्ध कोतवाली उतरौला में केस दर्ज किया गया।

क्या कहती है पुलिस

-मृतक रामनारायन के कोई संतान नहीं थी।

-उन्‍होंने अपने हिस्से की 6 बीघा जमीन बेचकर पैसा बैंक में जमा कर रखा था।

-खुद का कोई परिवार ना होने के कारण वह भाई रामगोपाल तथा रेखा के साथ ही रहते थे।

-भाई रामगोपाल ने रेखा के साथ मिलकर रामनारायण को नशीली गोलियां खिलाईं।

-और दो लाख 36 हजार रुपए निकलवाकर बाकी के रुपए रेखा के खाते में ट्रांसफर करा दिया।

-रामनारायन को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने पूछताछ शुरू कर दी।

-भेद खुलने के डर से रामगोपाल व रेखा ने मिलकर उसे जहरीला पदार्थ खिला दिया।

-जिससे उसकी मौत हो गई।

-पुलिस ने पूर्व में दर्ज चार नामजद आरोपियों में रामगोपाल व रेखा को दोषी पाया।

-दोनों के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दिया।

मृतक के भाई माता प्रसाद ने कहा?

-चार्जशीट दाखिल होने के बाद मामला अदालत पहुंचा।

-करीब 7 साल के लंबे इंतजार के बाद हमें न्याय मिला।

-जिला जज उमेश सिंह ने गवाहों के आधार पर रेखा को हत्या के मामले में दोषी पाया।

-उसे आजीवन कारावास की कड़ी सजा सुनाई साथ ही 5000 का अर्थदंड भी लगाया।

-सह आरोपी रामगोपाल के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य ना होने के कारण उसे बरी कर दिया गया।

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