इलाहाबाद HC की तल्ख टिप्पणी, कहा- UP में महिलाएं असुरक्षित
इलाहाबादः बुलंदशहर के नेशनल हाइवे-91 पर हुई रेप की घटनाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि यूपी में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। चीफ जस्टिस दिलीप बी भोसले ने कहा कि मैं महाराष्ट्र से आता हूं, वहां हालत इतने खराब नहीं हैं, महिलाएं आधी रात को भी घर से निकल जाएं तो कोई उन पर उंगली उठाने वाला नहीं है। यहां पूरा परिवार कार से जा रहा है और कार रोककर महिलाओं से रेप किया जाता है।
पुलिस की रिपोर्ट पर उठाए सवाल
घटना को लेकर बुलंदशहर पुलिस की ओर से पेश रिपोर्ट पर भी अदालत ने सवाल उठाया। कोर्ट ने पूछा कि इसमें एफआईआर का प्रोफार्मा है, मेडिकल रिपोर्ट नहीं है। मेडिकल रिपोर्ट की जगह इंजरी रिपोर्ट पेश की गई है। क्या आप लोग रेप की मेडिकल रिपोर्ट और इंजरी रिपोर्ट में फर्क नहीं जानते। पुलिस ने कोर्ट के सामने पीड़ित महिलाओं के बयान की प्रति भी प्रस्तुत नहीं की। इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि आप ने क्या जांच की है, समझा जा सकता है।
लगातार रेप पर चिंता जताई
कोर्ट ने अखबारों में प्रकाशित रेप की दो और घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि तीन माह से कम समय में हाइवे पर रेप की पांच घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें से कुछ में तो पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज नहीं की। सात और 12 जुलाई को हुई दो घटनाओं का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि एक महिला को चलती वैन से उतार कर रेप किया जाता है और पुलिस उसकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं करती। ऐसा लगता है कि हाइवे पर कोई गैंग काम कर रहा है। इसका सरगना कौन है पता लगाया जाना चाहिए।
...तो कड़े आदेश देगी अदालत
सरकारी वकील ने कहा कि मीडिया ने घटना को बढ़ा चढ़ाकर छापा है। इस पर बेंच का कहना था कि अखबार अपनी जानकारी में पुलिस सूत्रों का हवाला दे रहा है। इसका मतलब है कि पुलिस को इन घटनाओें की जानकारी थी। इसके बावजूद एफआईआर दर्ज करने की जरूरत नहीं समझी गई। अगर सरकार का यही रवैया है तो हमें कड़े आदेश देने होंगे। पीठ ने शुक्रवार को पीड़ितों का बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया। अपर महाधिवक्ता इमरान उल्लाह और सरकारी वकील अखिलेश सिंह ने बताया कि पुलिस पूरी गंभीरता से इस मामले की जांच कर रही है। सीलबंद रिपोर्ट में हाइवे पर किए जा रहे सुरक्षा इंतजामों की भी जानकारी दी गई है।