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बाराबंकी: उत्पात मचाने वाले शराबियों के खिलाफ महिलाओं ने बुलाई पंचायत, सीएम योगी से की यह मांग
बाराबंकी: शराब की दुकान और गांव में उत्पात मचाने वाले शराबियों के खिलाफ बाराबंकी में महिलाओं और लड़कियों ने पंचायत बुलाई। सरकारी शराब की देशी और अंग्रेजी दुकान गांव के चौराहे पर खुली है, जिसके विरोध में महिलाओं और लड़कियों ने हाथ में झाडू और डंडे लेकर विरोध प्रदर्शन किया। एक तरफ जहां योगी सरकार के आते ही पूरे प्रदेश में बदलाव की लहर चल पड़ी है, वहीं अपने शराबी पतियों से परेशान उनकी पत्नियों के साथ-साथ ग्रामीण इलाके की महिलाएं और छात्राएं भी यूपी के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से काफी आस लगाए बैठी हैं।
बाराबंकी जिले के देवा कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत इस्माइलपुर और छोटीपुरवा गांव की महिलाओं और यहां की लड़कियों ने न सिर्फ गांव के बाहर चौराहे पर खुली शराब की दुकान बंदी के लिए आज महिला पंचायत बुलाई। बल्कि उन्होंने प्रदेश में खुली शराब की दुकानों को पूरी तरह से बंद करवाने के लिए यूपी की बीजेपी सरकार से मांग भी की।
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राजधानी लखनऊ के सबसे नजदीक जनपद बाराबंकी जिले के देवा कोतवाली अंतर्गत इस्माइलपुर और छोटीपुरवा गांव की महिलाओं के साथ-साथ लड़कियों ने भी शराबबंदी पर एक विशाल महिला पंचायत कर विरोध प्रदर्शन किया। इन महिलाओं का कहना है कि उनके गांव के बाहर मुख्य सड़क पर अंग्रेजी और देशी शराब के ठेके हैं। जिसकी वजह से गांव के बच्चों और महिलाओं को काफी परेशानियां होती है। शराब और शराबियों से पीड़ित महिलाएं और लड़कियां चाहती हैं कि यूपी में शराब बंदी जरूर होनी चाहिए। जिसकी वजह से काफी हद तक महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और गुंडई पर लगाम लगाई जा सकती है।
इन महिलाओं ने अपने हाथों में घर की झाड़ू और लाठी-डंडे लेकर यह संदेश भी दिया है कि शराब बंदी के इस आंदोलन के खिलाफ उन्होंने कमर कस ली है और वो ठेके बंद करने के लिए अब आगे एक विशाल धरना प्रदर्शन भी कर सकती हैं। शराब की वजह से गुस्साई महिलाओं ने कहा कि शराब के कारण ही उनके क्षेत्र की महिलाएं औए लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। बाजार और स्कूल आने जाने में भी उनको कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।
कभी कोई शराब पीकर उनपर बुरी नीयत डालने की कोशिश करता है, तो कोई शराब के नशे में मदहोश होकर उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां भी देता है। इतना ही नहीं शराबी पतियों से परेशान उनकी सीधी-साधी पत्नियां और उनके बच्चे भी शराब के चलते कई तरह के जुल्म झेलते हैं।
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''पति दिन में घर से काम के लिए निकलते हैं और रात को दारु पीकर घर आते हैं और मारपीट करते हैं। घर पर अनाज भी नहीं लाते, जिसकी वजह से बच्चों को भी भूख रहना पड़ता है और मेरे साथ-साथ पड़ोसियों के साथ भी गाली-गलौज करते हैं।
''शराबी शराब पीकर गलियो में गाली देते हैं और औरतों को मारते-पीटते भी हैं और घर में जो अनाज रखा रहता है, उसको भी बेच कर शराब पी लेते हैं। शराब की वजह से गांव में बहुत दिक्कत होती है। शराबी रास्तों में इधर-उधर खड़े रहते हैं, कभी सीटियां बजाते कभी ताली बजाते हैं। स्कूल के गेट के बाहर खड़े होकर लड़कियों का इंतजार करते हैं। बाहर जाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। जब हमलोग आवाज उठाना चाहते है तो उल्टा हमी लोगों पर इल्जाम आता है, जिसकी वजह से हम लोग अपना काम करते रहते हैं। घर के बाहर निकलना भी बहुत मुश्किल हो जाता है।''
शराबियों से परेशान एक महिला का कहना है कि '' हमारे गांव के मेन रोड पर ही शराब के ठेके हैं। जब घर से आदमी लोग वह सब्जी या फिर कोई सामान लेने जाते हैं, तो वही से शराब पीकर वापस घर खाली हाथ लौट आते हैं। रोड के पास स्कूल भी है, जिससे महिला अध्यापक और लड़कियों को स्कूल जाने में डर लगता है कि उनके साथ कुछ गलत न हो जाए। अगर कोई कार्रवाई न हुई तो हम सब मिलकर ठेके के बाहर प्रदर्शन करेंगे और कार्यवाही की मांग करेंगे।''