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बस्ती: सीमा विवाद के चलते अधूरा पड़ा पुल के एप्रोच का कार्य
माझा क्षेत्र में लगभग 6 करोड़ लागत की काली नदी पर बन रहा पुल का जिलाधिकारी बस्ती में आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंची।
बस्ती : पुल का अप्रोच न बनने से ग्रामीणों में जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी दिख रही है। ग्रामीणों की शिकायत पर माझा क्षेत्र में लगभग 6 करोड़ लागत की काली नदी पर बन रहा पुल का जिलाधिकारी बस्ती में आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंची। पुल का अप्रोच ना बनने के कारण जिलाधिकारी बस्ती नाराज दिखी। विभागीय अधिकारी को कड़े निर्देश दिए की तत्काल अप्रोच बनाया जाए नहीं तो होगी कार्रवाई।
पुल के एप्रोच का कार्य नही शुरू हो पाया
यूपी के दो जिले बस्ती व अयोध्या के सीमा विवाद ने रोक दी। माझा क्षेत्र के दो दर्जन गांव की विकास की रफ्तार करोड़ों की लागत से बने पुल पर सीमा विवाद के कारण नहीं बन पाया। जिससे पुल के एप्रोच का कार्य नही शुरू हो पाया अभी तक माझा क्षेत्र में आवागमन इस बॉर्डर की समस्या सुलझाने में प्रशासन के हाथ और पांव फूल रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर बारिश से पहले नहीं हुआ पुल के एप्रोच का निर्माण, तो हजारों की आबादी के सामने आवागमन का संकट खड़ा हो जायेगा।
डीएम पुल का निरीक्षण करने पहुंची
जिलाधिकारी बस्ती ने आज निरीक्षण कर जल्द समस्या सुलझाने की कहीं बात। बताते चले की बस्ती जनपद के घाघरा नदी के किनारे माझा क्षेत्र में करीब दो दर्जन गांव बसे हुए है। उक्त गांवों की आबादी लगभग 20 हजार से ऊपर है। इस इलाके के लोगों को बाढ़ के समय में घाघरा नदी को नाव से पार करना पड़ता था।
दो जनपदों के सीमा विवाद के चलते पुल का एप्रोच अभी नहीं हुआ
जिला मुख्यालय, शहर-बाजार व पढ़ाई - लिखाई के साथ ही दवा-इलाज के लिये उन्हें कई किलोमीटर की यात्रा पैदल तैय करनी पड़ती है। ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के काफी प्रयास के बाद नदी के उपर पक्के पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ। पुल तो बनकर तैयार हो गया लेकिन दो जनपदों के सीमा विवाद के चलते पुल का एप्रोच अभी तक ना बनने के कारणों से उस पर आवागमन आज भी शुरु नहीं हो पाया है।
2014 से काली नदी का पुल का निर्माण कार्य शुरु हुआ
तकरीबन 6 करोड़ की लागत से वर्ष 2014 से काली नदी का पुल का निर्माण कार्य शुरु हुआ। पिछले वर्ष यानि वर्ष 2020 में पुल बनकर तैयार हो गया, लेकिन एप्रोच नहीं बन सका। किसी प्रकार लोग पैदल, साईकिल व दो पहिया वाहनों से आते-जाते रहे, परन्तु बारिश के दौरान लोगों को आने-जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
लोगों को इन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा
स्थानीय लोगो का कहना है कि अगर बारिश व बाढ़ से पहले एप्रोच का निर्माण नहीं हुआ तो हजारों की आबादी के सामने आवागमन का संकट खड़ा हो जायेगा । ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दांवपेच के बीच यह पुल का अप्रोच नहीं बन पा रहा है क्योंकि 2 जिलों के सीमाओं के बॉर्डर पर है फुल काकरोच ना बनने के कारण हम लोगों को 50 किलोमीटर घूमकर मार्केट में जाना पड़ता है। जब नदी में पानी भर जाता है जिले के अधिकारियों और बस्ती जनपद के जनप्रतिनिधियों को कई बार प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन 6 साल बीत जाने के बावजूद भी यह फूल पूरी तरह कंप्लीट नहीं हुआ।
डीएम बस्ती सौम्या अग्रवाल ने ग्रामीणों से की बातचीत
ग्रामीणों के बार बार शिकायत पत्र देने के बाद आज इस पुल का निरीक्षण करनी पहुंची डीएम बस्ती सौम्या अग्रवाल। वहां के ग्रामीणों से बातचीत किया और यह अश्वासन दिया की बरसात आने के पहले इस पुल का एप्रोच बनकर तैयार कर लिया जायेगा और यह माझा के लोगो को बाढ़ में परेशानियां नही झेलनी पड़ेगी। ग्रामीणों ने डीएम साहिबा से एक अस्पताल व पुलिस चौकी की स्थापना माझा क्षेत्र में करने की मांग की तो डीएम साहिबा ने ग्रामीणों को अश्वासन दिया की अतिशीध्र ही उनकी इस मांगों पर विचार विर्मश कर अस्पताल व पुलिस चौकी को स्थापित करने का निर्णय लेगी।
रिपोर्ट : अमृत लाल
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