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सर्राफा व्यापारियों की हड़ताल से कारीगर शहर छोड़ने को हुए मजबूर
वाराणसीः पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से हजारो कारीगर शहर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। अब तक 20,000 से ज्यादा सर्राफा कारीगर वाराणसी छोड़ चुके हैं। सर्राफा व्यापारियों की हड़ताल की वजह से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
हड़ताल का असर गरीब कारीगरों पर
-आम बजट में एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से नाराज सर्राफा व्यापारियों का डेढ़ महीने से आंदोलन जारी है।
-हड़ताल का सबसे अधिक असर गरीब कारीगरों पर हो रहा है।
-पिछले 2 महीनों से कारखाने बंद है, जिसके चलते इन कारीगरों को काम नहीं मिल रहा है।
-गरीब कारीगरों के पास रोजगार नहीं है और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
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-सालों पहले जो कारीगर यहां रोजी-रोटी कमाने आए थे।
-उनके पास अब अपने परिवार का पेट भरने के लिए शहर छोडने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
-जो कारीगर दिन रात काम करते थे आज उनके हाथ रुक गए हैं।
-वह अपना बोरिया बिस्तर बांध कर अपने गावों का रुख कर रहे हैं।
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क्या कहते हैं व्यापारी
-व्यापारी शैलेश वर्मा कहते हैं कि सर्राफा व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन का कोई फायदा नहीं हो रहा।
-सर्राफा कारोबारियों ने भारत माता के फोटो के सामने नारियल की बलि देकर अपना विरोध जताया है।
-इन्हें कुछ भी उम्मीद नहीं नजर आ रही है।
-सभी को चिंता इस बात की है कि आने वाले कुछ दिनों में लग्न शुरू हो जाएगा।
-इसके पहले अगर हड़ताल समाप्त नहीं हुई तो शादी में जेवरात बनवाना कठिन हो जाएगा।