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World Asthma Day 2022: डॉ. राहुल राठौर ने अस्थमा से बचने के बताए तरीके, पूरी दुनिया में 33 करोड़ लोग इसके शिकार

World Asthma Day 2022: अस्थमा एक सांस की बीमारी है, जिसको हिंदी में दमा कहते है।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Monika
Published on: 3 May 2022 12:37 PM IST
World Asthma Day 2022
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लखनऊ के डॉ. राहुल राठौर (photo: social media ) 

World Asthma Day 2022: विश्व अस्थमा दिवस का आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। GINA का इस वर्ष का थीम है 'CLOSING GAPS IN ASHTMA CARE' अर्थात लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाना। ताकि इससे होने वाली गंभीर स्थिति से बचाव किया जा सके। अतः यह दिवस अस्थमा बीमारी की जागरूकता के विषय में मनाया जाता है। अस्थमा एक सांस की बीमारी है, जिसको हिंदी में दमा कहते है। इस बारे में 'न्यूज़ट्रैक' ने चरक हॉस्पिटल के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. राहुल कुमार राठौर (Dr Rahul Kumar Rathore, Chest Specialist, Charak Hospital) से विशेष बातचीत की।

प्र.- अस्थमा के मरीज़ों में क्या समस्याएं आती हैं? कैसे उनसे बचा जाए? कैसे पहचाने उन्हें?

उ.- अस्थमा से पीड़ित मरीज़ में देखा जाता है कि फेफड़े में जाने वाले हवा के ट्यूब (ब्रोंकियल ट्यूब) में सूजन आ जाती है, जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। अस्थमा के लक्षणों में सांस फूलना, खांसी, घरघराहट और छाती में जकड़न होती है। ये लक्षण आवृत्ति और गंभीरता में भिन्न होते हैं। सही इलाज से अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे दमा से पीड़ित लोगों को पूर्ण जीवन जीने में सक्षम किया जा सके। हमें यह जानना जरूरी है कि अस्थमा के क्या ट्रिगर हो सकते है, जिससे बचाव किया जा सकता है।

ये हैं अस्थमा के ट्रिगर

• वायुमंडलीय पदार्थ, जैसे पराग, धूल के कण, मोल्ड स्पोर, पालतू डेंडर या तिलचट्टे कचरे के कण।

• श्वसन संक्रमण, जैसे कि सामान्य सर्दी।

• शारीरिक गतिविधि (व्यायाम से प्रेरित अस्थमा)

• ठंडी हवा।

• वायु प्रदूषक और परेशानियों, जैसे धूम्रपान।

• बीटा ब्लॉकर्स, एस्पिरिन, इबुप्रोफेन (एडविल, मोटरीन आईबी, अन्य) और नैप्रोक्सेन (एलेव) जैसी कुछ दवाएं।

• तनाव।

• सल्फाइट्स और संरक्षक (preservatives) कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में शामिल होते हैं, जिनमें झींगा, सूखे फल, प्रोसेस्ड आलू, बियर और शराब शामिल होते हैं, ये भी अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं।

• गैस्ट्रोसोफेजियल रीफ्लक्स बीमारी (GERD) भी दमे की बीमारी को ट्रिगर कर सकती है।

प्र.- लक्षण पता चल जाने पर क्या किया जाए?

उ.- अस्थमा के लक्षण होने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर के द्वारा दिया गया इनहेलर सही तकनीक से इस्तेमाल करना चाहिए और बिना डॉक्टर के सलाह के बंद नहीं करना चाहिए।

प्र.- अस्थमा से बचाव हेतु क्या करें?

उ.- अस्थमा से बचाव के लिये कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

• अस्थमा एक्शन प्लान का पालन करें: अपने डॉक्टर और स्वास्थ्य देखभाल टीम के साथ, दवा लेने और अस्थमा के दौरे को मैनेज करने के लिए एक विस्तृत प्लान बनाएं। फिर अपने प्लान को अच्छे से पालन करें।

• अस्थमा में नियमित निगरानी और इलाज की जरूरत होती है: आपके दमा के इलाज पर नियंत्रण लेने से आप सामान्य रूप से अपने जीवन के नियंत्रण से अधिक महसूस कर सकते हैं।

• इन्फ्लूएंजा और निमोनिया के लिए टीकाकरण कराएं: टीकाकरण की सहायता से आप फ्लू और निमोनिया को अस्थमा को ट्रिगर करने से रोक सकते हैं।

• अस्थमा ट्रिगर्स की पहचान करें और इससे बचें: मोल्ड से लेकर ठंडी हवा और वायु प्रदूषण से लेकर कई आउटडोर एलर्जेंस और परेशानियों – अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकते हैं। इन सभी का पता लगाएं कि क्या क्या आपके अस्थमा को खराब कर सकते हैं, और उन ट्रिगर्स से बचने के लिए कदम उठाएं।

• अपनी साँस लेने की गतिविधि का ध्यान रखें: मामूली खांसी, घरघर या सांस लेने में तकलीफ होना, इस तरह के संकेतों को पहचानना सीखें। क्योंकि आपके फेफड़ों के कार्य करने की क्षमता कम हो सकती है इसलिए किसी भी लक्षण से पहले नियमित रूप से अपनी श्वसन की प्रक्रिया को मैप करें।

• अस्थमा के दौरे को पहचान कर इलाज करायें: यदि आप इसका ध्यान समय से रख लेंगे तो आप इसके गंभीर परिणामों से बच सकते हैं, और आपको इसके लक्षणों को कम करने के लिए अधिक दवाइयों की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

• निर्धारित दवाइयां समय से लें: यदि आपको ऐसा लगने लगे कि आपका दमा सही हो रहा है, बिना डॉक्टर की सलाह लिये इलाज में कुछ बदलाव न करें और न ही कोई दवाई लेना बंद करें। जितनी बार आप अपने डॉक्टर के पास जाएँ, अपनी दवाइयां साथ लेकर जायें। जिससे आपका डॉक्टर यह देख सके कि आप अपनी दवाइया सही से ले रहें हैं या नहीं।

• त्वरित राहत इन्हेलर के प्रयोग का ध्यान रखें: यदि आपको इन्हेलर की आवश्यकता जल्दी जल्दी पड़ती है, तो इसका मतलब यह है कि आपकी बीमारी में कोई सुधार नहीं हो रहा है। ऐसा होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से इलाज कराएं।

प्र.- अस्थमा के बारे में कुछ गलतफहमियां हैं, इंसान को उनसे कैसे निकालें?

उ.- सही कहा आपने। लोग तरह-तरह की बातें करते हैं, जैसे अस्थमा बचपन की बीमारी है; उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति इससे बाहर निकलेंगे। अस्थमा संक्रामक है। अस्थमा के मरीजों को व्यायाम नहीं करना चाहिए। उच्च खुराक स्टेरॉयड के साथ ही अस्थमा को नियंत्रित किया जा सकता है। मग़र, सच तो यह है कि अस्थमा किसी भी उम्र में, किसी को भी हो सकता है। अस्थमा संक्रामक नहीं है। हालांकि, वायरल श्वसन संक्रमण (जैसे सामान्य सर्दी और फ्लू) अस्थमा के दौरे का कारण बन सकता है। या बच्चों में, अस्थमा अक्सर एलर्जी से जुड़ा होता है, लेकिन अस्थमा जो वयस्कता से शुरू होता है, अक्सर कम एलर्जी होती है। जब अस्थमा को अच्छी तरह से नियंत्रित किया जाता है, तो अस्थमा के रोगी व्यायाम करने में सक्षम होते हैं और यहां तक कि शीर्ष खेल भी कर सकते हैं। कम खुराक वाले इनहेल्ड स्टेरॉयड के साथ अस्थमा को अक्सर नियंत्रित किया जा सकता है।

दुनिया में 33 करोड़ लोग अस्थमा के शिकार

एक रिसर्च के मुताबिक, पूरे विश्व में अस्थमा से तक़रीबन 33 करोड़ लोग पीड़ित हैं। जिनमें से करीब 10 प्रतिशत मरीज़ भारत में ही पाए जाते हैं। जो कि अपने आप में ही चौंकाने वाले आंकड़े हैं।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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