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Moradabad News: ‘डूबता है एक सितारा और’ का लोकार्पण, उपेक्षित की पीड़ा बताती हैं कविताएं

Moradabad News: विश्व पुस्तक मेला दिल्ली में मुरादाबाद के चर्चित कथाकार रामजन्म पाठक के नए कविता-संग्रह ‘डूबता है एक सितारा और’ का लोकार्पण प्रख्यात समालोचक और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रतिकुलपति प्रोफेसर सुधीश पचौरी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

Shahnawaz
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Published on: 5 March 2023 1:57 PM IST
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विश्व पुस्तक मेला दिल्ली में कविता-संग्रह का लोकार्पण (फोटो: सोशल मीडिया)

Moradabad News: विश्व पुस्तक मेला दिल्ली में मुरादाबाद के चर्चित कथाकार रामजन्म पाठक के नए कविता-संग्रह ‘डूबता है एक सितारा और’ का लोकार्पण प्रख्यात समालोचक और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रतिकुलपति प्रोफेसर सुधीश पचौरी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। रामजन्म पाठक साहित्य और पत्रकारिता में जाना-माना नाम हैं। उनकी कृतियों की साहित्याप्रमियों के बीच खासी पहचान रही है। इस ताजा रचना में समाज के उपेक्षित लोगों की संवेदना को मार्मिक ढंग से बयान किया गया है।

इससे पहले उनकी कहानी ‘बंदूक पर सागर’ की साहित्य जगत में काफी सराहना हुई थी। वर्तमान कृति के लोकार्पण समारोह में प्रोफेसर सुधीश पचौरी ने कहा कि रामजन्म पाठक के रूप में मंडलेश डबराल की परंपरा जीवित हैं। उनकी कविताएं समाज की हर उपेक्षित इकाई की पीड़ा को व्यक्त करती हैं। वे खामोश रहते हैं और कविताएं खूब बोलती हैं। कवि इब्बार रब्बी ने कहा कि रामजन्म पाठक की कविताएं भीतर से परिपक्व हैं। वे थोड़ा चुप्पा कवि हैं और अपनी विनम्रता का बखान नहीं करते। समालोचक और गीतकार ओम निश्चल ने कहा कि पाठक छपाना और छिपाना दोनों जानते हैं। उनकी कविताओं में गांव-शहर, धरती-आकाश, पानी-पेड़, कीट-पतंग सब दिखते हैं। प्रख्यात कवि राजेंद्र राजन ने कहा कि पाठक की पृष्ठभूमि गांव है। इसलिए गांव की बोली उनकी कविताओं में केवल जगाने या आधुनिकता की शर्त पर नहीं आती, बल्कि वह सही मायने में गांव के कवि लगते हैं।

प्रोफेसर चंद्रभान यादव ने कहा कि रामजन्म पाठक की कविताओं में इलाहाबादी मन दिखता है। पाठक ने अपने भीतर गांवों को ही नहीं बल्कि इलाहाबाद को भी समेट रखा है। इस मौके पर चर्चित कवि विमल कुमार, प्रोफेसर पंकज चतुर्वेदी, कवि श्रीविलास सिंह, प्रदीप सिंह, ठाकुर प्रसाद चौबे आदि मौजूद रहे। संचालन दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर वेदमित्र शुक्ल ने किया। तमाम साहित्यप्रेमियों ने नव कृति के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं।



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Prashant Dixit

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