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Lucknow University: World Breastfeeding Week का हुआ समापन, डॉ. रितु बोलीं- 'नियमित स्तनपान कराने से होती है कैलोरी बर्न'
LU: एसएनडीटी विश्वविद्यालय की डॉ. पद्मिनी घुगरे ने मानव दूध के पोषक तत्वों जैसे प्रोबायोटिक्स आदि और मानव स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया।
Lucknow: राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के गृह विज्ञान विभाग ने कुलपति प्रो आलोक कुमार राय के संरक्षण में, नवजात शिशुओं के साथ-साथ युवा माताओं को सही मार्गदर्शन प्रदान करने के मिशन शक्ति चार्टर (Mission Shakti Charter) के तहत 'अंतर्राष्ट्रीय स्तनपान सप्ताह' (International Breastfeeding Week) मनाया, जिसका रविवार को सफलतापूर्वक समापन हुआ।
एक सप्ताह के आयोजनों की समन्वयक डॉ मीरा सिंह (Dr. Meera Singh) ने बताया कि देश भर के विभिन्न विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर हमारी लड़कियों का मार्गदर्शन किया। जैसे "पहले 1000 दिनों के दौरान स्वस्थ भोजन का महत्व, गर्भाधान से पहले अच्छे पोषण का महत्व, खाद्य सुरक्षा उपाय, पूरक आहार आदि।
बिना किसी झिझक करें स्तनपान का समर्थन: डॉ. रुचिरा राठौर
पहले दिन महिला पीजी से डॉ. रुचिरा राठौर ने कहा कि बच्चे को स्तनपान कराना बहुत ही स्वाभाविक प्रक्रिया है। हम सभी को एक साथ आना चाहिए और एक ऐसा वातावरण बनाना चाहिए, जो बिना किसी झिझक के स्तनपान का समर्थन करे। दूसरे व तीसरे दिन विभाग में पोस्टर व रेसिपी मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने स्वस्थ संतुलित भोजन तैयार किया। चौथे दिन का समापन मानव दूध के जैव सक्रिय घटकों पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान के साथ हुआ।
नियमित स्तनपान कराने से होती है कैलोरी बर्न: डॉ रितु सिंह
एसएनडीटी विश्वविद्यालय की डॉ. पद्मिनी घुगरे ने मानव दूध के पोषक तत्वों जैसे प्रोबायोटिक्स आदि और मानव स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। पांचवे दिन, जगरानी अस्पताल लखनऊ की डॉ. रितु सिंह ने बताया कि नियमित रूप से स्तनपान कराने से माताओं को कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है, जिससे उनके बढ़े हुए वजन का प्रबंधन होता है, स्तन कैंसर का खतरा कम होता है, टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम होता है। यह शिशुओं को संक्रमण, मोटापे, हृदय रोग से बचाता है।
पैकेज्ड फ़ूड की जगह घर में बने पूरक आहार लें: डॉ अंकिता गुप्ता
छठे दिन नई दिल्ली के इग्नू की डॉ अंकिता गुप्ता ने पूरक आहार के महत्व और स्तनपान (importance of breastfeeding) के साथ इसे कैसे और कब शुरू किया जाए, इस पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने श्रोताओं को संतुलित पूरक आहार, उनके घटकों और कई व्यंजनों के बारे में निर्देशित किया, जिन्हें नई मां आसानी से घर पर तैयार कर सकती हैं। उन्होंने पैकेज्ड बेबी फ़ूड की जगह घर में बने पूरक आहार के महत्व पर ज़ोर दिया।
खाद्य सुरक्षा के मुद्दे व उनसे निपटने के तरीके
अंतिम सातवें दिन का समापन नई दिल्ली के एफएसएसएआई की डॉ मनीषा नारायण द्वारा भरपूर जानकारीपूर्ण सत्र के साथ हुआ। उन्होंने पहले 1000 दिनों के दौरान मां के साथ-साथ बच्चे के आहार में विभिन्न पोषक तत्वों के महत्वपूर्ण महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने गर्भधारण से पहले स्वस्थ आहार लेने के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया। साथ ही, गर्भवती महिलाओं के आहार में खाद्य सुरक्षा के मुद्दों और उनसे निपटने के तरीकों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
'मानव शिशु की पोषण संबंधी जरूरत के लिए अनुकूल है स्तन का दूध'
मिशन शक्ति की संयोजक प्रो मधुरिमा लाल ने बताया कि विभाग ने चार्टर के उद्देश्य को सही ढंग से सही ठहराया है कि स्तन का दूध मानव शिशु की पोषण संबंधी जरूरतों के लिए विशिष्ट रूप से अनुकूल है और अद्वितीय प्रतिरक्षाविज्ञानी और विरोधी भड़काऊ गुणों के साथ एक जीवित पदार्थ है। माताओं और बच्चों दोनों के लिए कई बीमारियों और बीमारियों से बचाव।