TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

World Cancer Day: धुम्रपान का सेवन करने वालों को हम हीरो मानते हैं, सोच में बदलाव जरूरी-डॉ. वेद प्रकाश

World Cancer Day: उन्होने बताया कि 2020 में भारत में कैंसर के कुल मामले करीब 27 लाख से अधिक थी। जबकि वर्ष 2022 में कैंसर के नये मामले 146 लाख पाये गये हैं। मौजूदा आकडों के अनुसार भारत में प्रत्येक 9 में से एक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कैंसर होने की संम्भावना होती है।

Anant kumar shukla
Published on: 4 Feb 2023 5:12 PM IST
World Cancer Day KGMU Dr Ved Prakash
X

World Cancer Day KGMU Dr Ved Prakash

World Cancer Day: आज 4 फरवरी कैंसर दिवस के अवसर पर पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग (केजीएमयू) के विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि कैंसर दुनिया भर में एक प्रमुख स्वास्थ्य का मुद्दा है। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2020 में कैंसर के कारण पूरे विश्व में करीब 1 करोड़ लोगों की मौते हुई। भारत में ये आंकड़ा एक लाख के करीब था। वर्ष 2040 तक कैंसर के मरीजों आंकड़ा 29 करोड़ से भी ज्यादा पहुंचने की उम्मीद है। कैंसर दुनिया भर में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। 2020 में 1 करोड़ मृत्यु दर्ज हुई हैं। प्रत्येक 6 मृत्यु में 1 मृत्यु कैंसर से हुई है। हम जिसे हीरो मानते हैं वे धूम्रपान का प्रचार-प्रसार करते हैं। भला वे कैसे हीरो हो सकते हैं जो दूसरों के जीवन से खिलवाड़ करते हैं। हमें सोच में परिवर्तन लाना होगा। उन्होने कहा कि अब समय आ गया है, कि जब हम दुनिया को कुछ दें।

प्रत्येक वर्ष विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) के तत्वावधान में मनाया जाता है। यह एक वैश्विक पहल है जो कि पूरे विश्व को कैंसर के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट करती है। इस दिन का उद्देश्य कैंसर के खिलाफ जागरुकता फैलाना है। जिससे कैंसर से होने वाली लाखों मृत्यु को बचाया जा सके। इस साल कैंसर दिवस की थीम है "Close the care Gap" है।

2022 में कैंसर के 146 लाख मामले

उन्होने बताया कि 2020 में भारत में कैंसर के कुल मामले करीब 27 लाख से अधिक थी। जबकि वर्ष 2022 में कैंसर के नये मामले 146 लाख पाये गये हैं। मौजूदा आकडों के अनुसार भारत में प्रत्येक 9 में से एक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कैंसर होने की संम्भावना होती है। भारत में वर्ष 2020 में कैंसर से सम्बन्धित मृत्यु की संख्या 8.5 लाख से अधिक थी। पुरुषों में प्रमुख रूप से मुँह का कैंसर, फेंफड़े का कैंसर, पेट का कैंसर, और आंत का कैंसर अधिक होता है। जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर और ओवरी का कैंसर अधिक होता है।

कैंसर के प्रमुख कारक

  • 4. धूम्रपान के रूप में तम्बाकू का उपयोग,
  • 2. पान मसाला चबाना।
  • 3. शराब का सेवन
  • 4. आहार में कम फल सब्जी और फाइबर,
  • 5. कुपोषण,
  • 6. शारीरिक गतिविधि की कमी
  • 7. अनुवांशिक कारक।
  • 8. कुछ कैंसर हयूमन पेपिलोमा वायरस हेपेटाइटिस बी और सी वायरस आदि जैसे संक्रमणों से संबंधित हैं।

कैंसर के नये मामलों में वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक कारण यह भी है कि पिछले दसक में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं जागरुकता में काफी वृद्धि हुई है। जिससे कैंसर का शीघ्र निदान हुआ है और कैंसर रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है।

कैंसर से बचाव के उपाय

  • 1. तंबाकू चबाना छोड़ दें
  • 2. धूम्रपान छोड़ दें
  • 3. संतुलित आहार में फलहरी पत्तेदार सब्जियां और रेशे शामिल करें
  • 4. रोजाना 30 से 45 मिनट शारीरिक व्यायाम करें
  • 5. शराब के सेवन से बचें

फाइबर ऑप्टिक ब्रोंकोस्कोपी थोरैकोस्कोपी तकनीक से फेफड़ों के कैंसर का इलाज होगा- डॉ. सतेन्द्र कुमार

सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर विजय कुमार और मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की डॉ ईशा जाफा के सहयोग से टीम फाइबर ऑप्टिक ब्रोंकोस्कोपी थोरैकोस्कोपी, ईबीयूएस जैसी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके फेफड़े के कैंसर के रोगी के शीघ्र निदान करने की कोशिश की जा रही है। यह मामूली लागत पर फेफडों प्रबन्धन प्रदान करता है। यहाँ मरीज के कैंसर की मॉलिकुलर टेस्टिंग करते हैं। और उन्हें एडवांस टार्गेटेड इलाज दिया जाता है। यहाँ पर कैंसर की प्रवृत्ति को समझने और जल्द से जल्द उचित उपचार प्रदान करने के लिए फेफड़े के कैंसर के रोगियों में मोलिकुलर टेस्टिंग का शोध अध्ययन किया जा रहा है। इस अध्ययन में स्टेम सेल लैब सेंटर फॉर एडवांस रिर्सच केजीएमयू से डॉ. सतेन्द्र कुमार एवं एरा मेडिकल कॉलेज की डॉ. अंजना सिंह एवं पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग से डॉ. वेद प्रकाश शामिल है।

मम्मी की कैंसर से के मौत के बाद डॉक्टर बनने की ठानी- अंजना सिंह

डॉ. अंजना सिंह ने कहा कि मैं उस समय बहोत छोटी थी जब मेरी मां की कैंसर की वजह से मौत हो गई थी। मैंने केजीएमयू में ही इलाज के लिए बहुत दौड़-भाग की। लेकिन मां को नहीं बचा पाई। वहीं से डॉ. बनने की प्रेरणा मिली। मैने 80 लंग्स कैंसर पीड़ितों पर रिसर्च किया। ज्यादातर लोग नहीं बच पाए। क्योंकि लंग्स कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों का पता नहीं लगाया जा सका। ऐसे मशीन के विकास पर कार्य कर रही हूं जो लंग्स कैंसर को ब्लड टेस्ट के माध्यम से पता लगा ले।

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद

इस विश्व कैंसर दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश, डॉ. सत्येन्द्र सिंह, डॉ. अंजना सिंह, डॉ. सचिन कुमार, डॉ. मृत्युंजय सिंह, डॉ. अनुराग त्रिपाठी, डॉ. रविकान्त पान्डेय, डॉ. सुभम, डॉ. समृति उपस्थित रहे।



\
Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

Next Story